AMAR UJALA : Feb 21, 2020, 04:20 PM
मध्यप्रदेश: कमलनाथ सरकार ने कर्मचारियों को नसबंदी का टारगेट देने वाला आदेश वापस ले लिया है। मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि राज्य सरकार ने आदेश वापस ले लिया है। भाजपा ने कमलनाथ के इस आदेश की आलोचना की थी। प्रदेश सरकार ने नसबंदी को लेकर स्वास्थय कर्मचारियों को टारगेट दिया था। सरकार ने कर्मचारियों के लिए हर महीने 5 से 10 पुरुषों के नसंबदी ऑपरेशन करवाना अनिवार्य कर दिया था। सरकार ने कहा था कि अगर कर्मचारी नसबंदी नहीं करा पाते हैं तो उनको नो-वर्क, नो-पे के आधार पर वेतन नहीं दिया जाएगा। मध्यप्रदेश में अघोषित आपातकाल- शिवराजमध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार के आदेश को आपातकाल-2 बताया। पूर्व सीएम ने #MP_मांगे_जवाब के साथ ट्वीट किया, 'मध्यप्रदेश में अघोषित आपातकाल है। क्या ये कांग्रेस का इमर्जेंसी पार्ट-2 है? एमपीएचडब्ल्यू के प्रयास में कमी हो, तो सरकार कार्रवाई करे, लेकिन लक्ष्य पूरे नहीं होने पर वेतन रोकना और सेवानिवृत्त करने का निर्णय, तानाशाही है।' भाजपा शासन में भी जारी किए गए आदेश: कांग्रेस
उन्होंने कहा कि अब विभाग के पुरुषकर्मियों को जागरुकता अभियान के तहत परिवार नियोजन का टारगेट दिया जाए। उनके इस पत्र के बाद सीएमएचओ ने पत्र जारी कर कहा है कि यदि टारगेट के तहत काम नहीं किया तो अनिवार्य सेवानिवृत्ति के प्रस्ताव भेजेंगे।
इससे पहले राज्य के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने सफाई देते हुए कहा था कि यह नियमित आदेश है। इस तरह के आदेश भाजपा शासन के दौरान भी जारी किए गए थे। इन दिनों लोगों में जागरुकता बढ़ रही है कि छोटा परिवार सुखी परिवार है। किसी पर इसके लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा।टारगेट पूरा करने के दिया था निर्देशवर्तमान में प्रदेश के अधिकांश जिलों में फर्टिलिटी रेट तीन है, सरकार ने इसे 2.1 करने का लक्ष्य रखा है। जिसे पूरा करने के लिए हर साल करीब सात लाख नसबंदी की जानी हैं लेकिन पिछले साल हुई नसबंदियों का आंकड़ा सिर्फ हजारों में रह गया था। इसी के चलते राज्य सरकार ने कर्मचारियों को परिवार नियोजन के अभियान के तहत टारगेट पूरा करने के निर्देश दिए हैं। परिवार नियोजन के अभियान के तहत हर साल जिलों को कुल आबादी के 0.6 फीसदी नसबंदी ऑपरेशन का टारगेट दिया जाता है। हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक छवि भारद्धाज ने इस पर नाराजगी जताते हुए सभी कलेक्टर और सीएमएचओ को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने कहा कि प्रदेश में मात्र 0.5 प्रतिशत पुरुष नसबंदी के ऑपरेशन किए जा रहे हैं।Madhya Pradesh Health Minister Tulsi Silawat: The State government has withdrawn the order https://t.co/wWzHOmULhw
— ANI (@ANI) February 21, 2020
उन्होंने कहा कि अब विभाग के पुरुषकर्मियों को जागरुकता अभियान के तहत परिवार नियोजन का टारगेट दिया जाए। उनके इस पत्र के बाद सीएमएचओ ने पत्र जारी कर कहा है कि यदि टारगेट के तहत काम नहीं किया तो अनिवार्य सेवानिवृत्ति के प्रस्ताव भेजेंगे।