Axiom 4 Mission / मेरे कंधों पर मेरा तिरंगा... अंतरिक्ष गए शुभांशु शुक्ला का पहला मैसेज

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य यात्रियों के साथ एक्सिओम-4 मिशन बुधवार दोपहर 12:01 पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुआ। शुभांशु ने स्पेसक्राफ्ट से पहला संदेश भेजते हुए कहा, “41 साल बाद हम फिर अंतरिक्ष में हैं, यह भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है।”

Axiom 4 Mission: भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर Axiom-4 मिशन सफलतापूर्वक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर रवाना हो चुका है। इस ऐतिहासिक मिशन की लॉन्चिंग बुधवार दोपहर 12:01 मिनट पर तय समय के अनुसार कर दी गई। इसके साथ ही शुभांशु ने भारत को 41 साल बाद फिर से अंतरिक्ष में गौरवपूर्ण उपस्थिति दिलाई है।

स्पेसक्राफ्ट से शुभांशु का पहला संदेश: गर्व और देशभक्ति से लबरेज

उड़ान भरते ही स्पेसक्राफ्ट से शुभांशु शुक्ला का पहला संदेश सामने आया, जिसने हर भारतीय के दिल को गर्व से भर दिया। उन्होंने कहा:

“नमस्कार मेरे प्यारे देशवासियो, 41 साल बाद हम फिर से अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं। इस समय हम 7.5 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से पृथ्वी के चारों ओर घूम रहे हैं। मेरे कंधे पर तिरंगा है, जो मुझे बता रहा है कि मैं अकेला नहीं हूं, आप सभी मेरे साथ हैं।”

उन्होंने आगे कहा:

“यह मेरी यात्रा की शुरुआत नहीं, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है। मैं चाहता हूं कि आप सभी इस सफ़र का हिस्सा बनें। आइए हम सब मिलकर भारत के इस नए अध्याय को लिखें। जय हिंद! जय भारत!”

बार-बार टलती रही लॉन्चिंग, आखिरकार 24 जून को हुआ इंतजार खत्म

Axiom-4 मिशन की लॉन्चिंग कई बार टल चुकी थी। पहले इसे 29 मई को प्रक्षेपित किया जाना था, लेकिन तकनीकी और अन्य कारणों से इसकी तारीख कई बार बदली गई—8 जून, 10 जून और फिर 11 जून। लेकिन आखिरकार, 24 जून को यह बहुप्रतीक्षित मिशन लॉन्च हो गया, जिसने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया की नजरें अपनी ओर खींच लीं।

चार देशों के चार यात्री, 14 दिन का अंतरिक्ष प्रवास

Axiom-4, NASA और SpaceX का संयुक्त मिशन है, जो प्राइवेट तौर पर ISS के लिए भेजा गया चौथा मिशन है। इसमें भारत, अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के एक-एक अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। ये सभी 28 घंटे की अंतरिक्ष यात्रा के बाद भारतीय समयानुसार गुरुवार शाम साढ़े चार बजे ISS पर पहुंचेंगे और वहां 14 दिन तक विभिन्न वैज्ञानिक और तकनीकी प्रयोगों में भाग लेंगे।

भारत का मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम: एक नया युग

शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा भारत के भविष्य के गगनयान मिशन और मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक प्रेरणादायी कदम है। यह भारत की अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की दिशा में एक मजबूत संकेत है कि अब हम न केवल पृथ्वी पर, बल्कि अंतरिक्ष में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने को तैयार हैं।