Naresh Meena News / सरकार के खिलाफ नरेश मीणा ने शुरू किया आमरण अनशन- झालावाड़ पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग

समरावता विवाद के बाद सुर्खियों में आए नरेश मीणा फिर एक्टिव हो गए हैं। पिपलोदी स्कूल भवन ढहने से सात बच्चों की मौत पर उन्होंने आमरण अनशन की घोषणा की। मीणा ने भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराते हुए दोषियों पर कार्रवाई, मुआवजा और स्कूल सुरक्षा जांच तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया।

Naresh Meena News: झालावाड़ के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता नरेश मीणा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। समरावता विवाद के बाद अब मीणा ने पिपलोदी स्कूल भवन ढहने की दुखद घटना में मारे गए सात बच्चों को न्याय दिलाने के लिए आमरण अनशन शुरू करने की घोषणा की है। शुक्रवार को मीणा ने स्पष्ट किया कि जब तक पीड़ित बच्चों के परिवारों को न्याय नहीं मिलता, वे अन्न का एक दाना भी ग्रहण नहीं करेंगे।

मौन धारण कर चलाएंगे आंदोलन

नरेश मीणा ने अपने आंदोलन को और प्रभावी बनाने के लिए मौन धारण करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, "जब तक यह धरना चलेगा, मैं मौन रहूंगा। केवल रोज दोपहर 3 बजे पांच मिनट के लिए अपने साथियों के साथ रणनीति पर चर्चा करूंगा।" मीणा ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्कूल भवन के निर्माण में भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण यह त्रासदी हुई। उन्होंने दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा और सभी स्कूलों की सुरक्षा जांच की मांग की है। मीणा ने चेतावनी दी कि जब तक ये मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

बेनीवाल और पायलट से मांगा समर्थन

आंदोलन को व्यापक समर्थन देने के लिए नरेश मीणा ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट से फोन पर संपर्क कर पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की लड़ाई में शामिल होने की अपील की। इसके साथ ही, मीणा ने पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए प्रत्येक परिवार को पांच बकरियां देने का वादा किया।

पिपलोदी स्कूल हादसा: एक त्रासदी

गौरतलब है कि जुलाई 2025 में झालावाड़ के पिपलोदी में एक सरकारी स्कूल की पुरानी इमारत भारी बारिश के दौरान ढह गई थी। इस हादसे में सात मासूम बच्चों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद नरेश मीणा ने सरकारी लापरवाही के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था, जिसके चलते पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, कोर्ट से राहत मिलने के बाद अब मीणा एक बार फिर पीड़ितों के लिए न्याय की लड़ाई में जुट गए हैं।

भविष्य की राह

नरेश मीणा का यह आंदोलन न केवल पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की मांग है, बल्कि यह सरकारी स्कूलों में सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। मीणा का कहना है कि उनकी लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक सरकार इस मामले में ठोस कदम नहीं उठाती। इस आंदोलन के साथ ही मीणा एक बार फिर सामाजिक न्याय के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दर्शा रहे हैं।