News18 : May 15, 2020, 12:12 PM
पिथौरागढ़। बीते दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बनी लिपुलेख सड़क (Lipu lekh pass) का ऑनलाइन उद्घाटन किया था। बीआरओ ने 12 साल की कड़ी मेहनत के बाद चीन सीमा को जोड़ने वाली इस अहम सड़क को पहाड़ काटकर बनाया है। इस सड़क के बनने से कैलाश मानसरोवर (Kailash Mansarovar Yatra) यात्रियों को तो सुविधा होगी ही, सुरक्षा के लिहाज से भी इस सड़क को खासा अहम माना जा रहा है। लेकिन इस सड़क के बनने से नेपाल (Nepal) परेशान दिख रहा है। पहले नेपाल सरकार ने लिपुलेख और कालापानी को अपना बताते हुए सड़क निर्माण पर तीखा विरोध जताया था। वहीं अब भारत से लगे इस इलाके में अपनी चौकसी बढ़ा दी है। नेपाल ने भारत से लगी सीमा पर सैनिक तैनात कर दिए हैं।
हेलिकॉप्टर से पहुंचाए जा रहे नेपाली सैनिक दरअसल, लिपुलेख पास तक सड़क बनने से चीन से सटी भारतीय सीमाओं की सुरक्षा में तो सहूलियत होगी ही, साथ में नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी के जवानों की राह भी आसान हो गई है। लेकिन नेपाल भारतीय सीमा पर छांगरु में अपनी सेना को तैनात कर रहा है।यहां तैनात किए जा रहे जवानों को हेलिकॉप्टर की मदद से पहुंचाया जा रहा है, क्योंकि नेपाल में इस दुर्गम इलाके तक पहुंचने के लिए ढंग का रास्ता तक नही है। सीतापुल के करीब बनने वाली चेकपोस्ट के लिए फ़िलहाल सशस्त्र प्रहरी के 25 और नेपाल प्रहरी के 9 जवानों की तैनाती की गई है। चेकपोस्ट पर तैनात जवान आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं।डीएम ने मांगी रिपोर्ट पिथौरागढ़ के डीएम विजय जोगदंडे ने न्यूज़ 18 को बताया कि नेपाल की चेकपोस्ट अपनी ज़मीन पर बनाई जा रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि अभी तक आधिकारिक तौर पर उन्हें चेकपोस्ट स्थापित होने की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन अपनी ओर से डीएम ने एसएसबी और धारचूला के एसडीएम से रिपोर्ट मांगी है।जवानों ने छांगरु पहुंचने के साथ ही बॉर्डर पर पेट्रोलिंग भी शुरू कर दी है। पहले छांगरु में नेपाल के सुरक्षा जवान सिर्फ 6 महीने के लिए आते थे लेकिन अब यहाँ पर स्थायी चेकपोस्ट स्थापित हो गई है।
हेलिकॉप्टर से पहुंचाए जा रहे नेपाली सैनिक दरअसल, लिपुलेख पास तक सड़क बनने से चीन से सटी भारतीय सीमाओं की सुरक्षा में तो सहूलियत होगी ही, साथ में नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी के जवानों की राह भी आसान हो गई है। लेकिन नेपाल भारतीय सीमा पर छांगरु में अपनी सेना को तैनात कर रहा है।यहां तैनात किए जा रहे जवानों को हेलिकॉप्टर की मदद से पहुंचाया जा रहा है, क्योंकि नेपाल में इस दुर्गम इलाके तक पहुंचने के लिए ढंग का रास्ता तक नही है। सीतापुल के करीब बनने वाली चेकपोस्ट के लिए फ़िलहाल सशस्त्र प्रहरी के 25 और नेपाल प्रहरी के 9 जवानों की तैनाती की गई है। चेकपोस्ट पर तैनात जवान आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं।डीएम ने मांगी रिपोर्ट पिथौरागढ़ के डीएम विजय जोगदंडे ने न्यूज़ 18 को बताया कि नेपाल की चेकपोस्ट अपनी ज़मीन पर बनाई जा रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि अभी तक आधिकारिक तौर पर उन्हें चेकपोस्ट स्थापित होने की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन अपनी ओर से डीएम ने एसएसबी और धारचूला के एसडीएम से रिपोर्ट मांगी है।जवानों ने छांगरु पहुंचने के साथ ही बॉर्डर पर पेट्रोलिंग भी शुरू कर दी है। पहले छांगरु में नेपाल के सुरक्षा जवान सिर्फ 6 महीने के लिए आते थे लेकिन अब यहाँ पर स्थायी चेकपोस्ट स्थापित हो गई है।