राजस्थान / बलिदान दिवस पर परिवहन मंत्री ने हवन में आहुति देकर किया गिरी-सुमेल युद्ध के वीरों काे याद

Dainik Bhaskar : Jan 06, 2020, 03:36 PM
पाली | हिन्दुस्तान की संस्कृति प्रेम और सदभाव की है। गिरी-सुमेल युद्ध में भाग लेने वाले वीरों के नाम देखकर ही यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में हमेशा ही सभी धर्म और पंथ के लोगों ने मातृभूमि को सर्वोपरि रखा है। यह बात गिरीनंदा बांध पर रविवार को 38 वें बलिदान दिवस के अवसर पर परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने सभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस युद्ध का नेतृत्व राव जैता और कूंपा जैसे वीर कर रहे थे, लेकिन उनके साथ लड़ने वाले सिर्फ राजपूत ही नहीं थे। मुसलमान, रावत, काठात, माली, कुम्हार, मेहरात, ढोली और सुनार सहित विभिन्न जाति और पंथ के लोग अपनी मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उन्होंने युद्ध में भाग लेने वाले करीब दो दर्जन से अधिक विभिन्न जाति और वर्ग से जुडे वीरों के नाम का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में विभिन्न राजनीतिक दलों की सरकारें आती जाती रहीं है।

कई लोगों ने इतिहास से छेड़छाड़ करने का प्रयास भी किया, लेकिन वे नहीं कर पाए। कार्यक्रम को बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह राठौड़, पूर्व मंत्री पुष्पेंद्रसिंह राणावत, खुशवीरसिंह जोजावर, पूर्व सांसद गोपालसिंह इडवा, जैतारण विधायक अविनाश गहलोत, पूर्व जिला प्रमुख राजसमंद नारायणसिंह भाटी, बलिदान समिति अध्यक्ष हनुमानसिंह भैसाणा, संयोजक इंद्रसिंह बागावास, कानसिंह उदेशी कुंआ, भंवरसिंह मंडली, देवेन्द्रसिंह जोधा गोपालपुरा, महेन्द्रसिंह जोधा बाबरा, रणजीतसिंह बर, कानसिंह इन्दा और देवेन्द्रपालसिंह बाबरा ने भी संबोधित किया व युद्ध में वीर गति को प्राप्त हुए शूरवीरों को नमन किया।

हवन में आहुतियां देकर दी श्रद्धांजलि

सभा से पूर्व कार्यक्रम में शामिल होने गिरी स्थित रणस्थली पहुंचे आम लोगों व अतिथियों ने हवन कुंड में आहुतियां देकर मातृभूमि के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले वीरों को श्रद्वांजलि अर्पित की। इसके बाद वीरों की छतरियों पर नमन कर कार्यक्रम का आगाज किया। सर्वप्रथम बलिदान दिवस आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने रणस्थली के विकास एवं आने वाले समय में होने वाले कार्यों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। साथ ही सरकार द्वारा घोषित पेनोरमा निर्माण भी जल्द ही पूरा हो जाने की बात भी कही।

सरकारों का राजधर्म एक ही होना चाहिए

सभा को संबोधित करते हुए परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि राव जैता और कूंपा सहित सभी वीरों को सच्ची श्रद्वांजलि यही होगी कि हम देश और मातृभूमि को मजबूत बनाने के लिए हर संभव बलिदान करें। उन्होंने कहा कि सरकारें बदलती रहेंगी, लेकिन हर सरकार का एक ही राजधर्म होना चाहिए कि कैसे देश को और अधिक मजबूत बनाया जाए। उन्होंने राजनीतिक विषयों पर कई तीखे कटाक्ष भी किए। साथ ही रणस्थली पर पेनोरमा व्यू बनाने के लिए पचास लाख रुपए की राशि स्वीकृत करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने आयोजकों को कार्यक्रम विस्तारित करने के लिए सुझाव भी दिए। बलिदान दिवस के अवसर पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं और मेले का आयोजन करवाने की बात कहते हुए कहा कि इस स्थान पर नदी और बांध दोनों है। खाली स्थान की भी कमी नहीं है। ऐसे में यहां ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले विभिन्न खेलों का आयोजन किया जा सकता है। घुडदौड़, कबड्डी, रस्साकशी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए इस दिन का विशेष महत्व युवाओं तक आसानी से पहुंचाया जा सकता है, साथ ही इस पुरातन धरोहर को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है।

माली समाज ने किया स्वागत

कार्यक्रम के दौरान माली समाज ने परिवहन मंत्री का 51 किलो की माला पहना व तलवार भेंट कर स्वागत किया। समाज के प्रतिनिधियों ने गिरी से जोधपुर व गिरी से जयपुर तक सीधी बस सेवा प्रारंभ करने की भी मांग की। परिवहन मंत्री के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर जूडो में स्वर्ण पदक जीतकर क्षेत्र का नाम रोशन करने वाली बालिका पायल पहलवान का भी माली समाज के द्वारा स्वागत किया गया। बालिका की उपलब्धि से प्रसन्न परिवहन मंत्री ने भी बालिका को पुष्प गुच्छ भेंट किया व खेल में बेहतर भविष्य की शुभकामना दी। चामुंडा युवा मंडल के अध्यक्ष हीरालाल चाैहान, किस्तूर चाैहान, रामदेव चाैहान, गिरी सरपंच सुमित्रा चाैहान, गौतम पहलवान और पूर्व सरपंच मदनलाल माली सहित बडी संख्या में माली समाज के युवा एवं ग्रामीण मौजूद रहे।

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