China-Nepal / चीन से रिश्वत ले रहे नेपाल के PM ओली, स्विस अकाउंट में 41 करोड़ रु.

AajTak : Jul 14, 2020, 04:20 PM
नेपाल के प्रधानमंत्री पर चीन से करोड़ों रुपयों की रिश्वत लेने का आरोप लगा है। कहा जा रहा है कि चीन की सरकार नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को कई मिलियन डॉलर्स की रिश्वत दे रही है। ओली के जेनेवा बैंक अकाउंट में 41.34 करोड़ रुपए जमा हैं। चीन इसी तरीके से नेपाल की सरकार को भारत के खिलाफ भड़काने का काम कर रही है। 

चीन अपने पड़ोस में मौजूद गरीब अर्थव्यवस्था वाले देशों के भ्रष्ट नेताओं को अपने साथ मिलाकर भारत के खिलाफ साजिश रच रहा है। ग्लोबल वॉच एनालिसिस की हाल ही में आई एक रिपोर्ट इस बात का दावा किया गया है कि उसने नेपाल में केपी शर्मा ओली के जरिए अपनी पैठ बनाई है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक ओली की संपत्ति पिछले कुछ वर्षों में कई गुना बढ़ गई है। ओली ने कई बाहरी देशों में भी संपत्तियां खरीदी हैं। इसके एवज में ओली ने चीन को नेपाल में अपना बिजनेस प्लान लागू करने में मदद की है। इस प्लान में नेपाल में चीन की राजदूत होउ यांक्वी मदद कर रही हैं।

ग्लोबल वॉच एनालिसिस की रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल के पीएम ओली का स्विट्जरलैंड के जेनेवा स्थित मिरबॉड बैंक में भी अकाउंट है। इस खाते में करीब 41.34 करोड़ रुपए जमा है। ओली ने यहां पर यह राशि लॉन्ग टर्म डिपॉजिट और शेयर के तौर पर जमा किए हैं। 

इस अकाउंट में पैसे रखने की वजह से ओली और उनकी पत्नी राधिका शाक्य को हर साल करीब 2 करोड़ रुपयों का लाभ भी मिल रहा है। ग्लोबल वॉच एनालिसिस के मुताबिक ओली ने 2015-16 के अपने पहले कार्यकाल में भी कंबोडिया के टेलिफोन सेक्टर में भी काफी पैसे निवेश किए थे। 

तब नेपाल में चीन के राजदूत वू चुन्टाई ने ओली की काफी मदद की थी। ये सौदा ओली के करीबी बिजनेसमैन अंग शेरिंग शेरपा ने कराया था। सौदे में कंबोडिया के प्रधानमंत्री हूं सेन और चीन के राजनयिक बो जियांगेओ भी शामिल थे। 

ओली ने सरकार और अंतरराष्ट्रीय नियमों को दरकिनार करते हुए दिसंबर 2018 में डिजिटल एक्शन रूम बनाने की डील चीन की कंपनी हुवावे को दी थी। मई 2019 में नेपाल टेलीकम्युनिकेशन ने हॉन्गकॉन्ग की चीनी कंपनी के साथ रेडियो एक्सेस नेटवर्क तैयार करने का डील किया था।

इस साल चीन की कंपनी जेटीई के साथ 4जी नेटवर्क लगाने का सौदा भी हुआ। यह दोनों प्रोजेक्ट करीब 1107 करोड़ रुपए की लागत से पूरे किए जाएंगे। ओली द्वारा इन कंपनियों को काम देने के तरीके का नेपाल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी विरोध भी हुआ था।

इतना ही नहीं, नेपाल ने चीन से 621 करोड़ रुपए की लागत से कोरोना के लिए पीपीई किट और टेस्टिंग यंत्र खरीदे थे। इनमें से ज्यादातर खराब थे। साथ ही इनकी कीमत भी ज्यादा थी। इसे लेकर नेपाल में छात्रों ने बड़ा प्रदर्शन किया था। इस मामले में नेपाल के हेल्थ मिनिस्टर और ओली के करीबियों की जांच चल रही है। 

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