देश / RBI ने रिस्क मैनेजमेंट में सुधार के लिए बैंकों के ऑडिट नियमों में किया संशोधन

News18 : Sep 06, 2020, 08:34 AM
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शनिवार को संशोधित विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट (LFAR) नियम जारी किए। इसका मकसद आंतरिक ऑडिट और जोखिम प्रबंधन प्रणाली में सुधार करना है। रिजर्व बैंक ने कहा कि एलएफएआर (LFAR) में संशोधन बैंकिंग परिचालन के आकार, जटिलताओं, कारोबारी मॉडल में हुए व्यापक बदलावों की वजह से किया गया है। एलएफएआर सांविधिक केंद्रीय ऑडिटरों तथा बैंक के शाखा ऑडिटरों पर लागू होता है। केंद्रीय बैंक ने कि संशोधित एलएफएआर को 2020-21 तथा उससे आगे की अवधि के लिए परिचालन में रखा जाएगा। आरबीआई ने बैंकों को यह भी निर्देश दिया है कि वे अपने आडिटरों से एलएफएआर समय से प्राप्त करें।

नए नियमों के तहत बैंक को अपने आडिटर से प्राप्त एलएफएआर को उस पर अपने निदेशक मंडल की टिप्पणी और दिशानिर्देश संबंधित एजेंडा नोट के साथ रिजर्व बैंक के पास भेजना जरूरी होगा। एलएफएआर में कर्ज जोखिम, बाजार जोखिम के क्षेत्रों, वीमा/गारंटी संबंधी कार्य और परिचालन जोखिम , पूंजी पर्याप्तता, कारोबार की दर्शा और नकद धन के जोखिम के आकलन जैसे बिंदुओं को भी शामिल करना होगा।

RBI ने बदले नियम, आसानी से मिलेगा पैसा

RBI ने प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) का रिव्यू करने के बाद इसके गाइडलाइंस को रिवाइज किया है। नए गाइडलाइंस के तहत अब स्टार्टअप्स को 50 करोड़ रुपये तक का कर्ज़ आसानी से मिलेगा। इसमें छोटे व सीमांत किसान और कमजोर वर्ग के लिए नियमों में बदलाव किए है।

RBI ने कहा, 'रिवाइजल्ड PSL गाइडलाइंस के जरिए उन जगहों पर क्रेडिट सुविधा मुहैया कराने में आसानी होगी, जहां क्रेडिट की कमी है। छोटे व सीमांत किसानों और कमजोर वर्ग को क्रेडिट मिल सकेगा। साथ ही रिन्यूवेबल एनर्जी और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्रेडिट में बूस्ट मिलेगा।'

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