- भारत,
- 14-Jul-2025 05:25 PM IST
Supreme Court News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान को 2007 में दिए गए कथित भड़काऊ भाषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह फैसला याचिकाकर्ता को अदालती रिकॉर्ड में बदलाव के संबंध में अन्य कानूनी उपाय खोजने से नहीं रोकेगा।
आजम खान की दलील
आजम खान ने अपनी याचिका में सबूतों के साथ छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगाया था। उनकी ओर से दलील दी गई कि कथित भड़काऊ भाषण की मूल फाइल एक वीडियो क्लिप के रूप में अदालत में प्रस्तुत की गई थी, लेकिन इसे बाद में छेड़छाड़ करके ऑडियो फाइल में बदल दिया गया। इस बदलाव को उन्होंने अपने खिलाफ पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का हिस्सा बताया।
कपिल सिब्बल का पक्ष
आजम खान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एनके सिंह की पीठ के समक्ष दलील पेश की। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ने क्लिपिंग की प्रमाणित प्रति प्राप्त कर ली है, जो स्पष्ट रूप से एक वीडियो क्लिपिंग है। सिब्बल ने तर्क दिया कि यदि मूल साक्ष्य को वीडियो से ऑडियो में बदलने की अनुमति दी जाती है, तो उस ऑडियो के आधार पर याचिकाकर्ता को दोषी ठहराया जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अदालत के रिकॉर्ड में बदलाव किया गया है, जो निष्पक्ष सुनवाई के लिए खतरा है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
जस्टिस एमएम सुंदरेश ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ का आरोप मामले को स्थानांतरित करने का आधार नहीं बन सकता। कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता को अन्य कानूनी रास्ते अपनाने की छूट है, लेकिन स्थानांतरण का अनुरोध स्वीकार नहीं किया जा सकता। जस्टिस सुंदरेश ने कहा, "आप जो भी करना चाहें, यह स्थानांतरण का आधार नहीं है।"
