- भारत,
- 19-Sep-2025 06:04 PM IST
Sudan News: सूडान के उत्तर दारफुर की राजधानी अल-फाशर में शुक्रवार तड़के एक मस्जिद पर हुए ड्रोन हमले ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी। इस हमले में 43 नागरिकों की मौत हो गई, जिनमें बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे। स्थानीय मेडिकल समूह, सूडान डॉक्टर्स नेटवर्क, ने दावा किया कि यह हमला अर्धसैनिक बल रेपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) द्वारा किया गया। हमले के बाद मस्जिद परिसर में चीख-पुकार और हाहाकार मच गया।
हमले का भयावह मंजर
हमला इतना भीषण था कि विस्फोट के बाद मृतकों के शव हवा में कई फुट ऊंचाई तक उछलकर बिखर गए। अल-फाशर रेजिस्टेंस कमेटी ने शुक्रवार को एक वीडियो साझा किया, जिसमें मस्जिद का एक हिस्सा मलबे में तब्दील दिखाई दे रहा है और वहां कई शव बिखरे पड़े हैं। हालांकि, एसोसिएटेड प्रेस (AP) इस वीडियो की स्वतंत्र पुष्टि नहीं कर सका। हमले में किस मस्जिद को निशाना बनाया गया, इसकी जानकारी अभी स्पष्ट नहीं है।
सूडान डॉक्टर्स नेटवर्क ने "एक्स" पर बताया कि मृतकों में नमाज पढ़ रहे उपासक, बुजुर्ग और बच्चे शामिल थे। नेटवर्क ने इस हमले को "निर्दोष नागरिकों के खिलाफ जघन्य अपराध" करार देते हुए कहा कि यह RSF की "मानवीय और धार्मिक मूल्यों तथा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति घोर उपेक्षा" को दर्शाता है।
सूडानी सेना और RSF के बीच गृहयुद्ध
यह हमला अल-फाशर में सूडानी सेना और RSF के बीच चल रहे भीषण संघर्ष का हिस्सा है, जो अप्रैल 2023 से एक पूर्ण गृहयुद्ध का रूप ले चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इस युद्ध में अब तक कम से कम 40,000 लोग मारे जा चुके हैं, और लगभग 1.2 करोड़ लोग विस्थापित हो चुके हैं। लाखों लोग भुखमरी की कगार पर हैं। अल-फाशर, दारफुर क्षेत्र में सूडानी सेना का आखिरी प्रमुख गढ़, पिछले एक साल से इस संघर्ष का केंद्र बना हुआ है।
स्थानीय लोगों में दहशत
दारफुर विक्टिम्स सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के अनुसार, स्थानीय निवासियों ने शुक्रवार तड़के जोरदार विस्फोटों की आवाजें सुनीं और ड्रोन देखे। रेजिस्टेंस कमेटी ने गुरुवार को अपने बयान में बताया कि RSF ने महिलाओं, बुजुर्गों और विस्थापन शिविरों में रह रहे निहत्थे नागरिकों को निशाना बनाया। बृहस्पतिवार को संघर्ष शहर के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों में केंद्रित था, लेकिन शुक्रवार को मस्जिद पर यह क्रूर हमला हुआ।
अंतरराष्ट्रीय चिंता और मानवीय संकट
यह हमला पिछले एक सप्ताह में अल-फाशर में हुए कई हमलों में से एक है। सूडान का यह गृहयुद्ध न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता का विषय बना हुआ है। मानवाधिकार संगठनों ने इस युद्ध के कारण उत्पन्न मानवीय संकट पर बार-बार ध्यान आकर्षित किया है। विस्थापित लोगों की बढ़ती संख्या और भुखमरी की स्थिति ने सूडान को एक गंभीर आपदा की ओर धकेल दिया है।
