कंगना रनौत / सुशांत ने सुसाइड नहीं किया बल्कि यह प्लांड मर्डर था, मूवी माफियाओं ने सुशांत सिंह राजपूत का दिमाग तोड़ा और उन्हें मार डाला : कंगना रनौत

Zoom News : Jun 19, 2020, 10:14 PM
Mumbai | बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (Bollywood Actress Kangana Ranawat) हमेशा ही अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बनी रहती है। उन्होंने अभी हाल ही में सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड (Sushant Singh Rajput Suicide Case) को लेकर अपना बयान जारी किया था, जिसमें उन्होंने सुशांत के सुसाइड करने के पीछे बॉलीवुड इंडस्ट्री (Bollywood Industry Nepotism) के ऊपर निशाना साधा था। जिसमें उन्होंने कहा कि सुशांत ने सुसाइड नहीं किया बल्कि यह प्लांड मर्डर (It was not a suicide, its murder) था। 

अब कंगना रनौत ने अपना एक नया वीडियो (Kangana Ranawat New Video on Sushant Singh) जारी किया है, जिसमें उन्होंने सुशांत के सुसाइड करने के कई और खुलासे किए हैं। और साथ ही उन्होंने बताया कि किस तरह कतरा-कतरा कर उन्हें दिमागी रूप से परेशान कर मारा गया है। 

बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत ने रविवार को अपने घर पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। खबर सुनते ही बॉलीवुड और टेलीविजन इंडस्ट्री के साथ ही आम जनता में भी शोक की लहर दौड़ पड़ी है। कोई इस बात पर विश्वास ही नहीं कर पा रहा है कि उनका फेवरेट एक्टर अब इस दुनिया में नहीं रहा। 

कंगना रनौत ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है। कंगना में वीडियो में कहा, "सुशांत सिंह राजपूत की हत्या के बाद कई चीजे बाहर निकल के आई हैं। मैंने कुछ इंटरव्यूज पढ़े हैं और कुछ लोगों से बात की है। उनके पिता जी का कहना है कि वो फिल्म इंडस्ट्री में हो रही टेंशन को लेकर बहुत ज्यादा परेशान थे। अभिषेक कपूर जिन्होने उन्हें लॉन्च किया, जिसके साथ हाल ही में फिल्म की है "केेेदारनाथ"; उनका कहना है कि सुशांत के दिमाग पर प्रेेेेशर बनाया गया। अंकिता लोखंडे जो सुशांत सिंह राजपूत के साथ लंबे समय तक रिलेशनशिप में रही उनका कहना है कि वह सामाजिक रूप से की गई अपमान और बेइज्जती नहीं सहन कर पाए। अब मैंं आपको बताउंगी कि मूवी माफियाओं ने न सिर्फ उन्हें बैन किया था बल्कि कतरा-कतरा कर के उनका दिमाग तोड़ा गया है और उन्हें मारा गया है।"

कंगना ने आगे कहा, "तो ब्लाइंड आइटम आप इस लिए लिखते हैं क्योंकि जब आपको झूठ लिखना होता, तो आपके खिलाफ कोई लीगल ऐक्शन नहीं लिया जा सकता है। लेकिन डिस्क्रिप्शन पूरा दिया जाएगा जैसा कि मेरे बारे में लिखा जाएगा 'जिस लड़की के घुघराले बाल है'; 'जिसको नेशनल अवार्ड मिला है'; जो कि मनाली से है, मतलब डिस्क्रिप्शन पूरी दी जाएगी, लेकिन नाम नहीं लिखा जाएगा। ये जो बुद्धिजीवी जर्नलिस्ट है और चील, कौए और गिद्ध है जो मूवी माफियाओं के पाले हुए हैं, ये इसको मेंटल इमोशनल साइकोलॉजिकल लिंचिंग को जर्नलिज्म कहते हैं। मेरे बारे में आजतक जो भी कहा गया मैनें कुछ नहीं कहा, लेकिन जब एक स्वतंत्रता सेनानी के खिलाफ गंदगी लिखी गई मैने उस जर्नलिस्ट को क्रांफ्रेंट किया। आपको पता है कि उसी रात चार सीनियर जर्नलिस्ट ने मेरे खिलाफ एक गिल्ट बनाई और एलान किया गया कि इसकी फिल्म को बैन किया जाय और फ्लॉप किया जाय।" 

 "आपको पता है 3000 जर्नलिस्ट गैगंअप होते हैं एक अकेली लड़की पर, उसकी इमोशनल लिंचिंग करते हैं सरेआम और ये सामाज कुछ नही कहता है, कानून कुछ नहीं कहता है। मैंने उन पर केस करने की कोशिश की लेकिन वह एक महीने बाद गायब हो गए और मेरी फिल्म रिलीज हुई वह गायब हो गए। मेरा कहने का ये मतलब है कि ये समाज जिस अन्याय की बुनियाद पर खड़ा है और कभी आवाज नहीं उठाता। आप इस चीजों को चटकारे लेकर पढ़ते हैं तो आपने कभी यह सोचा कि नेपोकिड्स के बारे में यह क्यों नहीं लिखा जाता है। तो यह अन्याय का फंदा किसी दिन आपके बच्चों के गले में और आपके गले में लटका मिलेगा। और जब तालियां और सीटियां बजेगी तब आपको पता चलेगा कि क्या गुजरती होगी।"

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