कोरोना अलर्ट / मुर्दाघर के बाहर घंटों पड़ी रही लाश, अपनों का था इंतज़ार और फिर...

कोरोना वायरस से मौत के बाद कई बार डरावना मंजर देखने को मिलता है। संक्रमण फैलने के डर से अपने घरवाले भी कई बार श्मशान तक नहीं पहुंच पाते हैं। कई शहरों में तो किसी खास जगह बॉडी को दफनाने का भी लोग भारी विरोध करते हैं। ऐसे में मौत के बाद लोग सन्नाटे में मिट्टी में मिल जाते हैं। एक ऐसी ही दिल को झकझोर देने वाली घटना दुबई से सामने आई है।

News18 : Apr 24, 2020, 01:11 PM
दुबई। कोरोना वायरस (Coronavirus) से मौत के बाद कई बार डरावना मंजर देखने को मिलता है। संक्रमण फैलने के डर से अपने घरवाले भी कई बार श्मशान तक नहीं पहुंच पाते हैं। कई शहरों में तो किसी खास जगह बॉडी (Dead Body) को दफनाने का भी लोग भारी विरोध करते हैं। ऐसे में मौत के बाद लोग सन्नाटे में मिट्टी में मिल जाते हैं। एक ऐसी ही दिल को झकझोर देने वाली घटना दुबई से सामने आई है। यहां मेडिकल स्टाफ बॉडी के साथ घंटों उसके अपनों का इतज़ार करते रहे लेकिन कोई नहीं पहुंचा।

चांदी के डब्बे में राख

संयुक्त अरब अमीरात में भारी संख्या में भारत के लोग काम करते हैं। यहां भी कोरोना वायरस के चलते कोहराम मचा है। ऐसे में एक भारतीय शख्स की कोरोना से मौत हो गई। इसके बाद हॉस्पिटल का स्टाफ घंटों यहां उनके घरवालों और दोस्तों का इंतज़ार करता रहा। उन्हें लगा कि शायद यहां उनका कोई हो और वो आकर उन्हें आखिरी सलाम दे दे। लेकिन घंटों बाद भी कोई नहीं आया तो उस लाश को एंबुलेंस से बाहर निकाला गया और फिर दुबई के न्यू सोनापुर हिंदू श्मशान में इसे जला दिया गया। चांदी के डब्बे में राख को रख कर भारतीय दूतावास को भेज दिया गया। इस उम्मीद में कि शायद घरवालों को उनकी आखिरी निशानी मिल जाए।

नहीं मिलती है बॉडी

भारत के काफी लोग अपने घर परिवार से दूर खाड़ी देशों में काम करते हैं। इस उम्मीद में कि वो अपने घरवालों के साथ आने वाले दिनों में बेहतर जीवन जी सकें। लेकिन आज कोरोना से मौत के बाद उन्हें आखिरी सलाम करने वाला भी कोई नहीं है। दरअसल कोरोना से मौत के बाद लाश को किसी दूसरे देश में भेजने की इजाजत नहीं दी जाती है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट रद्द होने के चलते भी दूसरे देश के लोग अपनों को देखने के लिए नहीं पहुंच सकते हैं।