जर्मनी / वो सनकी बादशाह, जो सैनिकों को कद के हिसाब से देता था तनख्वाह

बाहशाहों की तरह-तरह की सनकों के किस्से खूब मशहूर हुए हैं। ऐसे ही एक सनकी बादशाह Frederick William I (फ्रेडरिक विलियम प्रथम) तत्कालीन प्रशा का शासक था। साल 1713 से 1740 के अपने शासन के दौरान किंग विलियम ने खूब अजीबोगरीब काम किए। राजा अपने लंबे सैनिकों को मोटी सैलरी देने का शौकीन था।

News18 : Apr 15, 2020, 05:17 PM
जर्मनी: बाहशाहों की तरह-तरह की सनकों (mania) के किस्से खूब मशहूर हुए हैं। ऐसे ही एक सनकी बादशाह Frederick William I (फ्रेडरिक विलियम प्रथम) तत्कालीन प्रशा (Prussia) का शासक था। साल 1713 से 1740 के अपने शासन के दौरान किंग विलियम ने खूब अजीबोगरीब काम किए। राजा अपने लंबे सैनिकों को मोटी सैलरी देने का शौकीन था।

लगभग 250 साल पहले के राज्य प्रशा का साल 1932 में जर्मनी में विलय हो गया लेकिन अब भी वहां लोग सनकी राजा के किस्से सुनाते थे। कहा जाता है कि राजा वैसे तो काफी शांतिप्रिय था लेकिन उसे सैनिकों की भर्ती में खासी दिलचस्पी थी। वो आए-दिन सेना का विस्तार किया करता। उसके शासक बनने से पहले प्रशा में लगभग 38 हजार सैनिक थे, जो उसके कार्यकाल के दौरान बढ़कर 83 हजार हो गए। यही वजह है कि किंग विलियम को “The Soldier King” भी कहा जाता है। शांतिप्रिय होने के बावजूद इतनी लंबी-चौड़ी सेना रखने के कारण एक वक्त पर प्रशा को यूरोप का पावरहाउस माना जाने लगा था।

राजा अपने लंबे सैनिकों को मोटी सैलरी देने का शौकीन था

अपनी राजनैतिक क्षमता के बावजूद किंग विलियम की एक अजीब आदत थी, वो सिर्फ लंबे पुरुषों को सेना में भर्ती करता था। प्रशा की इसी सेना को पूरे यूरोप में बाद में The Potsdam Giants के नाम से जाना जाने लगा। अगर इस राजा की सेना में भर्ती होना है, तो किसी के पास सिर्फ 1 खासियत होनी चाहिए कि वो 6 फीट से ऊंचा हो। इसके अलावा ऊंचे कद वाले पुरुषों को उनके घरों या कहीं से भी अपहरण करके सेना में भर्ती कर लिया जाता था ताकि राजा खुश हो सके। जो परिवार खुद अपने ऊंचे बच्चे राजा को सौंप दें, उन्हें तगड़ा इनाम मिलता था। राजा की लंबाई को लेकर खब्त इतनी ज्यादा थी कि अगर किसी घर में कोई ऐसा बच्चा हो, जिसकी लंबाई ठीक जाती दिखे तो उसके गले में लाल स्कार्फ डाल दिया जाता ताकि बड़ा होने पर परिवार उसे राजा की सेना के लिए ले आए।

लेकिन मजे की बात ये है कि ऐसे लंबे-कद्दावर सैनिक किसी युद्ध के लिए तैयार नहीं किए जाते थे, बल्कि वे सिर्फ दिखावे के लिए थे और समय-समय पर किंग उनसे अपना मनोरंजन भी करवाया करता था। जैसे उदास होने पर वो सैनिकों को महल में बुलवा लिया करता और उन्हें नाचने को कहता। कभी-कभी कमरे में ही वो उन्हें मार्च करवाया करता था। सबसे लंबे कद के सैनिक को सबसे ज्यादा सैलरी मिलती थी, जबकि उससे कम कद वाले चाहे कितने ही अच्छे सैनिक हों, राजा उनकी तरफ ध्यान नहीं देता था।

किंग विलियम समय-समय पर किंग उनसे अपना मनोरंजन भी करवाया करता था

ये भी कहा जाता है कि एक बार राजा ने यहां तक बोल दिया था कि उसके लिए दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत से भी ज्यादा खूबसूरत है वर्दी पहने लंबा सैनिक। धीरे-धीरे किंग विलियम की सनक बढ़ने लगी। वो प्रजा से लंबी औरतों को छंटवाने लगा और लंबे सैनिकों के साथ उन्हें जबर्दस्ती भेजने लगा। राजा को लगता था कि इससे आने वाली पीढ़ियां लंबे कद की रहेंगी और उनका पूरा राज्य सिर्फ ऊंचे कद वाले लोगों से भर जाएगा। सनक क्रूरता में बदली और राजा लंबे कद वाले सैनिकों को रैक में बांधकर सिर और पैरों की तरफ से खिंचवाने लगा ताकि उनका कद और भी ऊंचा हो जाए। इस प्रक्रिया में बहुत से सैनिकों की मौत हो जाती थी। बाद में किंग विलियम ने खुद ही ये प्रैक्टिस बंद करवा दी क्योंकि उसे डर था कि धीरे-धीरे सारे सैनिक मर जाएंगे।

साल 1740 में किंग विलियम की मौत के बाद उसका बेटा फ्रेडरिक द ग्रेट राजा बना। गद्दी संभालते ही उसने सैनिकों की छंटनी और भर्ती शुरू कर दी, जिसका आधार उनका कद न होकर सैन्यकौशल था। अब भी कई इतिहासकारों का मानना है कि हिटलर के आर्यन नस्ल का फसलफा कहीं न कहीं किंग विलियम से प्रेरित था।