Rahul Gandhi News / न NDA और न UPA... बेरोजगारी का हल अभी तक नहीं निकला, संसद में बोले राहुल

लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि भाषण में कुछ नया नहीं था। उन्होंने बेरोजगारी को लेकर चिंता जताई और कहा कि न यूपीए, न एनडीए सरकार ने समाधान निकाला। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ की विफलता पर भी सवाल उठाए।

Vikrant Shekhawat : Feb 03, 2025, 03:40 PM

Rahul Gandhi News: लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण में कुछ नया नहीं था और इसमें विशेष कुछ भी नहीं था। राहुल गांधी ने बताया कि उन्होंने इस विषय पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे से भी चर्चा की, लेकिन कोई महत्वपूर्ण बात सामने नहीं आई।

राहुल गांधी ने युवाओं और बेरोजगारी के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि देश का भविष्य युवा पीढ़ी तय करेगी। उन्होंने बेरोजगारी की समस्या पर जोर दिया और कहा कि अब तक इसका कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि न तो यूपीए सरकार और न ही एनडीए सरकार इस समस्या का समाधान निकाल पाई है।

'मेक इन इंडिया' और उत्पादन पर जोर

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का जिक्र किया और कहा कि यह एक अच्छा विचार था, लेकिन इसके परिणाम अपेक्षित नहीं रहे। उन्होंने स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री ने इस दिशा में प्रयास किए, लेकिन ठोस नतीजे सामने नहीं आए। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारत ने उत्पादन से जुड़ी कई प्रमुख परियोजनाएँ चीन को सौंप दी हैं, जिसमें मोबाइल निर्माण भी शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत को अपने उत्पादन क्षेत्र को मजबूत करने की सख्त आवश्यकता है।

बेरोजगारी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर

राहुल गांधी ने मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की कमजोरी को बेरोजगारी बढ़ने का एक प्रमुख कारण बताया। उन्होंने कहा कि जब भारतीय नागरिक चीनी उत्पादों जैसे कि मोबाइल फोन और कपड़े खरीदते हैं, तो वे अप्रत्यक्ष रूप से चीन को टैक्स का भुगतान कर रहे होते हैं। उन्होंने देश के युवाओं से आह्वान किया कि वे इस स्थिति को बदलने के लिए एक नई क्रांति का हिस्सा बनें।

डिजिटल क्रांति और भारत

राहुल गांधी ने अतीत में हुई कंप्यूटर क्रांति का उदाहरण देते हुए कहा कि जब भारत में सॉफ्टवेयर विकास को बढ़ावा दिया गया था, तब एक महत्वपूर्ण बदलाव आया था। उन्होंने कहा कि उस समय भी कुछ नेताओं ने कंप्यूटर तकनीक के प्रभाव को लेकर संदेह व्यक्त किया था, लेकिन बाद में यह क्षेत्र भारत के लिए एक मजबूत स्तंभ साबित हुआ।

राहुल गांधी के इन बयानों से यह स्पष्ट होता है कि वे देश में रोजगार, उत्पादन और आत्मनिर्भरता को लेकर गंभीर चिंताओं को उजागर कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि इन क्षेत्रों में ठोस सुधार किए जाएं ताकि भारत का आर्थिक विकास सुनिश्चित किया जा सके।