Operation Sindoor / कोई मध्यस्थता नहीं... ट्रंप के सीजफायर वाले दावे को जयशंकर ने खारिज किया

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद पर भारत की नीति जीरो टॉलरेंस की है। UNSC में भारत का पक्ष मजबूती से रखा गया। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर बेनकाब किया गया। सिंधु जल संधि सहित कई सख्त फैसले लिए गए।

Operation Sindoor: लोकसभा में हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर चर्चा हुई, जिसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति और इस दिशा में उठाए गए कदमों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने सदन को बताया कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सख्त और ठोस कदम उठाए, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान की आतंकवाद प्रायोजित साजिशों को बेनकाब करना और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसकी हकीकत से अवगत कराना था।

आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति

विदेश मंत्री ने कहा, "आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति जीरो टॉलरेंस की है। हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अपनी बात मजबूती से रखी और दुनिया को बताया कि भारत आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगा। UNSC ने भारत के पक्ष को स्वीकार किया।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विदेश मंत्रालय का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान की साजिशों को वैश्विक मंच पर उजागर करना था।

जयशंकर ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद भारत ने त्वरित और कठोर कदम उठाए। उन्होंने कहा, "हमारा मकसद एक साफ, मजबूत और दृढ़ संदेश देना था कि आतंकवाद के गंभीर परिणाम होंगे।" इसके लिए 23 अप्रैल को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में पांच महत्वपूर्ण फैसले लिए गए:

  1. 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता।

  2. अटारी चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया गया।

  3. एसएआरसी वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को अब यात्रा की अनुमति नहीं होगी।

  4. पाकिस्तानी हाई कमीशन के रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाएगा।

  5. पाकिस्तानी हाई कमीशन की कुल संख्या 55 से घटाकर 30 की जाएगी।

वैश्विक समुदाय के सामने पाकिस्तान को बेनकाब करना

जयशंकर ने कहा कि भारत का कूटनीतिक प्रयास पहलगाम हमले के पीछे की सच्चाई को दुनिया के सामने लाना था। उन्होंने बताया, "हमने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह समझाया कि पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद का लंबे समय से उपयोग किया जा रहा है। इस हमले का मकसद जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना और भारत में सांप्रदायिक तनाव फैलाना था।"

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने अपनी प्रतिक्रिया को केवल सैन्य कार्रवाई तक सीमित नहीं रखा, बल्कि कूटनीतिक और विदेश नीति के स्तर पर भी सक्रियता दिखाई।

अमेरिकी दावों को खारिज किया

विदेश मंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को खारिज किया जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की बात कही थी। जयशंकर ने स्पष्ट किया, "भारत और पाकिस्तान के बीच कोई मध्यस्थ नहीं था।" उन्होंने यह भी बताया कि 9 मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर पाकिस्तान द्वारा संभावित बड़े हमले की जानकारी दी थी। इस पर पीएम मोदी ने जवाब दिया कि भारत पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देगा

जयशंकर ने कहा कि भारत ने जिम्मेदारी के साथ जवाबी कार्रवाई की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अपनी स्थिति से अवगत कराया।