News18 : Jun 18, 2020, 08:20 AM
केंद्रपाड़ा। तमिलनाडु (Tamil nadu) से लौटे 28 वर्षीय एक व्यक्ति ने ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले में संस्थागत पृथक-वास (Quarantine centre) में रहने के बाद शौचालय के अंदर सात दिन बिताए। एक अधिकारी ने बताया कि उसके घर में एकांत-वास के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी और केंद्र ने पृथक-वास अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया था। अधिकारी ने कहा कि मानस पात्रा को सरकार द्वारा संचालित अस्थायी चिकित्सा शिविर में सात दिन रहने के बाद छुट्टी दे दी गई।
चिकित्सा शिविर में सात दिनों के अनिवार्य पृथक-वास में रहने के बाद उन्हें एक सप्ताह तक घर में पृथक-वास में रहने के लिए कहा गया था। अधिकारी ने कहा कि पात्रा ने संस्थागत पृथक-वास केंद्र में रहने की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि जमुगांव गांव में स्थित उसके घर में पृथक-वास के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। लेकिन उसे इसकी अनुमति नहीं मिली। कोई दूसरा विकल्प नहीं मिलने पर, पात्रा ने अपने घर के पास बने स्वच्छ भारत शौचालय में शरण ली।पात्रा ने कहा, ‘‘मैंने अपनी पृथक-वास अवधि बढ़ाने के लिए स्थानीय अधिकारियों से अनुरोध किया था। लेकिन उन्होंने मेरा अनुरोध स्वीकार नहीं किया। इसलिए अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मुझे शौचालय में रहना पड़ा।"उसने नौ जून से 15 जून तक छह गुणा 8 फुट के नवनिर्मित शौचालय में सात दिन बिताए। इसका उपयोग पात्रा के परिवार के सदस्यों ने अभी तक शुरू नहीं किया है। नौगांव के खंड विकास अधिकारी रश्मि रेखा मलिक ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।
चिकित्सा शिविर में सात दिनों के अनिवार्य पृथक-वास में रहने के बाद उन्हें एक सप्ताह तक घर में पृथक-वास में रहने के लिए कहा गया था। अधिकारी ने कहा कि पात्रा ने संस्थागत पृथक-वास केंद्र में रहने की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि जमुगांव गांव में स्थित उसके घर में पृथक-वास के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। लेकिन उसे इसकी अनुमति नहीं मिली। कोई दूसरा विकल्प नहीं मिलने पर, पात्रा ने अपने घर के पास बने स्वच्छ भारत शौचालय में शरण ली।पात्रा ने कहा, ‘‘मैंने अपनी पृथक-वास अवधि बढ़ाने के लिए स्थानीय अधिकारियों से अनुरोध किया था। लेकिन उन्होंने मेरा अनुरोध स्वीकार नहीं किया। इसलिए अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मुझे शौचालय में रहना पड़ा।"उसने नौ जून से 15 जून तक छह गुणा 8 फुट के नवनिर्मित शौचालय में सात दिन बिताए। इसका उपयोग पात्रा के परिवार के सदस्यों ने अभी तक शुरू नहीं किया है। नौगांव के खंड विकास अधिकारी रश्मि रेखा मलिक ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।