India-US Tariff War / ट्रंप ने भारत के मुकाबले किन एशियाई देशों पर लगाया कितना टैरिफ, देखें पूरी लिस्ट

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में "मेक इन अमेरिका" नीति के तहत एशियाई देशों पर भारी टैरिफ लगाए हैं। भारत पर 50% शुल्क लागू हो चुका है, जिससे निर्यात को बड़ा झटका लग सकता है। यह नीति वैश्विक व्यापार संतुलन और अमेरिका-एशिया संबंधों को प्रभावित कर सकती है।

India-US Tariff War: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में वैश्विक व्यापार को हिलाने वाली नीतियों को अपनाया है। उनकी "अमेरिका फर्स्ट" और "मेक इन अमेरिका" नीतियों के तहत, ट्रंप ने कई देशों, खास तौर पर एशियाई देशों, पर भारी आयात शुल्क लगाए हैं। इसका मकसद अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है। लेकिन यह नीति वैश्विक व्यापार और भारत जैसे देशों के साथ अमेरिका के रिश्तों पर गहरा असर डाल सकती है।

ट्रंप का तर्क: अमेरिकी कंपनियों और रोजगार की रक्षा

ट्रंप का कहना है कि सस्ते आयात के कारण अमेरिकी कंपनियों को नुकसान हो रहा है, जिससे देश में रोजगार के अवसर घट रहे हैं। उनकी नीति का लक्ष्य विदेशी वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाकर अमेरिकी उत्पादन को बढ़ावा देना और स्थानीय कंपनियों को मजबूत करना है। ट्रंप का दावा है कि इन शुल्कों से अरबों डॉलर का राजस्व अमेरिका को मिलेगा, जिसका उपयोग वह देश की अर्थव्यवस्था को और सशक्त करने में करेंगे।

एशियाई देशों पर लगाए गए शुल्क

ट्रंप प्रशासन ने कई एशियाई देशों पर अलग-अलग दरों से आयात शुल्क लगाए हैं। नीचे दी गई तालिका में इन देशों पर लगाए गए शुल्कों का विवरण है:

देश                                                

शुल्क प्रतिशत

भारत

50%

म्यांमार

40%

थाईलैंड और कंबोडिया

36%

बांग्लादेश

35%

इंडोनेशिया

32%

चीन और श्रीलंका

30%

मलेशिया

25%

फिलीपींस और वियतनाम

20%

पाकिस्तान

19%

भारत पर विशेष ध्यान: 50% शुल्क का बोझ

भारत पर ट्रंप प्रशासन ने सबसे अधिक 50% शुल्क लगाया है, जिसमें से 25% अतिरिक्त शुल्क रूस से तेल खरीद के कारण बुधवार को लागू किया गया। यह नया शुल्क गुरुवार से प्रभावी हो चुका है। इस कदम से भारत के कपड़ा, समुद्री उत्पाद, चमड़ा, रत्न और आभूषण, पशु उत्पाद, रसायन, और यांत्रिक मशीनरी जैसे क्षेत्रों पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है। हालांकि, दवा, ऊर्जा उत्पाद (जैसे कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, कोयला), महत्वपूर्ण खनिज, और इलेक्ट्रॉनिक्स पर ये शुल्क लागू नहीं होंगे।

भारत-अमेरिका व्यापार पर असर

भारत से अमेरिका को होने वाले 86 अरब डॉलर के निर्यात पर इन शुल्कों का गहरा प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारतीय निर्यातक, खासकर छोटे और मध्यम उद्यम, मुश्किल में पड़ सकते हैं। यह सब ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल 25 अगस्त को प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए भारत आने वाला है। इन शुल्कों से व्यापार वार्ता की दिशा और गति पर भी असर पड़ सकता है।

वैश्विक व्यापार पर संभावित प्रभाव

ट्रंप की ट्रेड वॉर नीति न केवल भारत, बल्कि चीन, वियतनाम, और अन्य एशियाई देशों के साथ अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों को प्रभावित कर सकती है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) में व्यवधान, कीमतों में वृद्धि, और व्यापारिक तनाव बढ़ने की आशंका है। कई देश इस नीति का जवाब अपनी तरफ से शुल्क या प्रतिबंध लगाकर दे सकते हैं, जिससे वैश्विक व्यापार में और उथल-पुथल मच सकती है।