
विक्रांत सिंह शेखावत
- भारत,
- 12-Feb-2025,
- (अपडेटेड 12-Feb-2025 06:01 PM IST)
US Political Influence: हाल ही में अमेरिका के विदेश विभाग के पूर्व अधिकारी माइक बेंज के एक सनसनीखेज दावे ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बेंज ने आरोप लगाया है कि अमेरिका ने विभिन्न देशों की राजनीति को प्रभावित करने के लिए मीडिया के प्रभाव, सोशल मीडिया सेंसरशिप और विपक्षी आंदोलनों को आर्थिक मदद देने जैसी रणनीतियों का इस्तेमाल किया। यह दावा भारत, बांग्लादेश समेत कई देशों की राजनीति में विदेशी हस्तक्षेप की गंभीरता को उजागर करता है।
बेंज के दावे से उपजा सियासी विवाद
USAID को लेकर पहले से ही जारी विवादों के बीच, बेंज के इस दावे ने नई बहस छेड़ दी है। उनके अनुसार, अमेरिका ने इस हस्तक्षेप में भारी मात्रा में धन खर्च किया, विशेष रूप से भारत के 2019 के लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने के लिए। उनका आरोप है कि अमेरिका ने फेसबुक, यूट्यूब, वॉट्सऐप और ट्विटर जैसी प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों पर दबाव बनाया, जिससे मोदी समर्थक कंटेंट को प्रतिबंधित किया जा सके।USAID, अमेरिकी सरकार की एक स्वतंत्र संस्था, विकासशील देशों में आर्थिक और मानवीय सहायता प्रदान करने का कार्य करती है। लेकिन बेंज का दावा है कि इस संस्था का उपयोग कई बार राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया गया, जिससे विभिन्न देशों की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप किया गया।भारत के पड़ोसी देशों पर प्रभाव
भारत के पड़ोसी देशों में राजनीतिक अस्थिरता का हालिया इतिहास भी बेंज के दावों को और मजबूती देता है। पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश में पिछले कुछ वर्षों में सत्ता परिवर्तन नाटकीय परिस्थितियों में हुए हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी पहली बार पूर्ण बहुमत से पीछे रह गई, जिससे विदेशी हस्तक्षेप की आशंकाएं और प्रबल हो गईं। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी USAID पर भारत में विभाजनकारी संस्थाओं को वित्तीय सहायता देने का आरोप लगाया था, और बेंज के दावे से इन आरोपों को नया आधार मिल गया है।वैश्विक राजनीति पर असर और भविष्य की चुनौतियां
बेंज के इस बयान के बाद सवाल उठने लगे हैं कि अमेरिका की विदेश नीति का असली उद्देश्य क्या है और क्या यह वास्तव में लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए है या विशिष्ट राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में, जहां चुनावों की निष्पक्षता और पारदर्शिता बेहद महत्वपूर्ण है, ऐसे आरोप गंभीर चिंता का विषय हैं।भारत सरकार और अन्य प्रभावित देशों को अब इस मामले की गहन जांच करनी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके चुनावी एवं राजनीतिक प्रक्रियाएं बाहरी हस्तक्षेप से मुक्त रहें।निष्कर्ष
माइक बेंज के इस दावे ने वैश्विक राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। यह घटना न केवल भारत बल्कि कई अन्य देशों के लिए भी आत्ममंथन का विषय बन गई है। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत और अन्य लोकतांत्रिक देश इस प्रकार के बाहरी हस्तक्षेप को रोकने के लिए क्या कदम उठाते हैं और उनकी संप्रभुता की रक्षा कैसे की जाती है।I foretold all of this in a prophecy to India long ago 🔮 https://t.co/oi8dqrZQma pic.twitter.com/9bJx2t7BGK
— Mike Benz (@MikeBenzCyber) February 11, 2025