बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबेरॉय, जो अपनी आगामी फिल्म 'मस्ती 4' के साथ बड़े पर्दे पर वापसी के लिए तैयार हैं, ने हाल ही में एक चौंकाने वाले अनुभव का खुलासा किया है। उन्होंने मैशेबल इंडिया के साथ एक साक्षात्कार के दौरान राजस्थान में अपनी फिल्म 'रोड' की शूटिंग के दौरान हुई एक घटना को याद किया, जब वे मौत के बेहद करीब आ गए थे और यह किस्सा उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ बन गया, जिसने उनके यात्रा करने के तरीके को हमेशा के लिए बदल दिया।
विवेक ओबेरॉय ने बताया कि यह घटना तब हुई जब वे राजस्थान में अपनी फिल्म 'रोड' की शूटिंग कर रहे थे। वे बीकानेर से जैसलमेर की ओर जा रहे थे। यह एक रात का सफर था, और सड़कें बेहद खूबसूरत थीं, लेकिन रात के अंधेरे में दृश्यता कम थी। उन्होंने अपने ड्राइवर को कम से कम 15 से 20 बार धीरे चलने के लिए कहा था, यह समझाते हुए कि रात का समय है और दृश्यता कम होने के कारण सावधानी बरतना आवश्यक है। विवेक उस समय कार की आगे की सीट पर बैठे। थे, जो बाद में उनके लिए एक महत्वपूर्ण सबक साबित हुआ।
मौत से सामना और बाल-बाल बचना
अभिनेता ने बताया कि उन्होंने अपनी सीट पीछे की ओर झुका रखी थी। अचानक एक जोरदार दुर्घटना हुई और एक तेज आवाज सुनाई दी। उनकी कार सड़क पर अचानक आई एक ऊंटगाड़ी से टकरा गई, जिस पर छड़ें लदी हुई थीं। टक्कर इतनी भीषण थी कि छड़ों ने विंडशील्ड को तोड़ दिया और विवेक ने बताया कि अगर उनकी सीट सीधी होती, तो वे छड़ें सीधे उनके शरीर में घुस जातीं, जिससे उनकी जान जा सकती थी। वे कार से बाहर भी नहीं निकल पाए क्योंकि छड़ें उनके ऊपर गिरी हुई थीं और हालांकि, इस भयानक हादसे में उन्हें कोई चोट नहीं आई, लेकिन यह अनुभव इतना डरावना था कि उन्हें लगा कि वे लगभग मर ही गए थे।
हादसे के बाद बदले यात्रा के नियम
इस घटना ने विवेक ओबेरॉय के जीवन पर गहरा प्रभाव डाला। उन्होंने बताया कि इस हादसे के बाद उन्होंने कभी भी कार में आगे की सीट पर न बैठने का फैसला किया और इसके अलावा, उन्होंने रात में यात्रा न करने का भी निर्णय लिया। यह अनुभव उनके लिए एक कड़वा सबक था जिसने उन्हें सड़क सुरक्षा और सावधानी के महत्व को समझाया। यह घटना दर्शाती है कि कैसे एक पल की लापरवाही या अप्रत्याशित बाधा जीवन को खतरे में डाल सकती है, भले ही आप कितने भी सावधान क्यों न हों।
एक और घटना और विवेक की त्वरित प्रतिक्रिया
विवेक ने एक और घटना का जिक्र किया, जहां उन्हें एक ड्राइवर की तेज गति से गाड़ी चलाने की आदत का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि जब वे एक ड्राइवर के साथ यात्रा कर रहे थे और वह तेज गति। से गाड़ी चला रहा था, तो विवेक ने उसे कार रोकने और वॉशरूम जाने के लिए कहा। जैसे ही ड्राइवर नीचे उतरा, विवेक ने चाबी ली और उसे वहीं छोड़कर खुद गाड़ी चलाकर आगे बढ़ गए। यह घटना उनकी सुरक्षा के प्रति उनकी गंभीरता और किसी भी। जोखिम भरी स्थिति से बचने की उनकी इच्छा को दर्शाती है।
'मस्ती 4' की तैयारी
इन दिनों विवेक ओबेरॉय अपनी आगामी फिल्म 'मस्ती 4' की रिलीज की तैयारी में व्यस्त हैं। इस फ्रेंचाइजी की पिछली तीन फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल रही हैं, और दर्शक एक बार फिर विवेक, रितेश देशमुख और आफताब शिवदासानी की तिकड़ी को बड़े पर्दे पर देखने के लिए उत्सुक हैं। 'मस्ती 4' के प्रमोशन के दौरान ही विवेक ने अपने इस डरावने अनुभव को साझा किया, जिससे उनके प्रशंसकों को उनके जीवन के एक अनसुने पहलू के बारे में पता चला। यह फिल्म एक बार फिर दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए तैयार है, जबकि विवेक का। यह किस्सा लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने का काम भी कर रहा है।
सुरक्षा का महत्व और जागरूकता
विवेक ओबेरॉय का यह अनुभव न केवल एक बॉलीवुड स्टार की कहानी है, बल्कि यह हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश भी है। सड़क पर यात्रा करते समय सावधानी बरतना, विशेष रूप से रात के समय, अत्यंत आवश्यक है। दृश्यता कम होने पर गति को नियंत्रित करना और अप्रत्याशित बाधाओं के लिए तैयार रहना जीवन को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण है। विवेक का यह किस्सा हमें याद दिलाता है कि जीवन अनमोल है और एक छोटी सी चूक भी बड़े खतरे का कारण बन सकती है।