देश / ‘बहुत टीम भेज रहे हैं, ज्यादा दिक्कत है तो आइए खुद कर लीजिए’, अमित शाह से बोलीं ममता बनर्जी

Jansatta : May 28, 2020, 06:49 PM
पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच तनातनी जारी है। राज्य की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस मुखिया ममता बनर्जी ने फिर से केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। बुधवार (27 मई) को कोलकाता में मीडिया से बात करते हुए ममता बनर्जी ने न केवल रेल मंत्री पीयूष गोयल पर राजनीति करने का आरोप लगाया बल्कि कहा कि केंद्र सरकार कोरोना की जंग में प्रवासी मजदूरों के बहाने जानबूझकर राज्य के कामकाज में दखल देना चाह रही है।

उन्होंने कहा, “मैंने अमित शाह जी से कहा कि आप लगातार पश्चिम बंगाल में केंद्रीय टीम भेज रहे हैं। आप भेजते रहिए लेकिन अगर आपको लग रहा है कि राज्य सरकार कोरोना से सही तरीके से नहीं निपट रही है तो आइए खुद कर लीजिए। मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है। लेकिन इसके जवाब में उन्होंने जो कुछ कहा, उसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं। उन्होंने कहा कि नहीं,नहीं हम एक चुनी हुई सरकार को कैसे नापसंद कर सकते हैं।”

इधर, पश्चिम बंगाल में कोविड-19 से निपटने और चक्रवात ‘अम्फान’ से हुए नुकसान को लेकर तृणमूल कांग्रेस सरकार पर हमला तेज करते हुए विपक्षी दल भाजपा ने राज्य सरकार की नौ ‘‘नाकामियों’’ की सूची बनाई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार को कहा कि यह सूची पश्चिम बंगाल में मौजूदा हालात के मद्देनजर बनाई गई है। पार्टी ने कहा कि सरकार कोविड-19 संकट से निपटने में पूरी तरह से विफल रही है और राज्य का स्वास्थ्य ढांचा ढहने के कगार पर है। घोष ने कहा कि इससे लोगों की जान को खतरा पैदा हो गया है।

भाजपा ने राज्य सरकार पर चक्रवात से हुए नुकसान से निपटने में ‘‘विफल’’ रहने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सात दिन बाद भी राज्य के लोग परेशानी में है क्योंकि कई इलाकों में अब भी बिजली और पानी नहीं है। भाजपा ने लोगों के बीच अनाज के वितरण में कथित नाकामी के लिए भी सरकार पर निशाना साधा। उसने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ी की और उसे काला बाजार में ऊंची कीमतों पर बेचा।

भाजपा ने आरोप लगाया कि राज्य की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई है और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है। प्रवासी मजदूरों के लौटने का जिक्र करते हुए घोष ने कहा कि अगर महाराष्ट्र पश्चिम बंगाल के लोगों को वापस भेजना चाहता है और रेलवे मदद कर रहा है तो फिर राज्य उन्हें बुलाने से इनकार क्यों कर रहा है। उन्होंने उन आशंकाओं को खारिज किया कि प्रवासी मजदूरों के लौटने से कोविड-19 के मामले बढ़ सकते है। घोष ने कहा, ‘‘प्रवासी मजदूर नहीं लौटेंगे तब भी राज्य में कोविड-19 के मामले बढ़ेंगे।’’

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