Manipur CM Resign / एन बीरेन सिंह को मणिपुर में CM पद से क्यों देना पड़ा इस्तीफा? जानिए वजह

मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा और पार्टी असंतोष के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद इंफाल में राज्यपाल अजय भल्ला को त्यागपत्र सौंपा।

Manipur CM Resign: मणिपुर में बीते दो वर्षों से चल रहे जातीय हिंसा और राजनीतिक असंतोष के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इंफाल स्थित राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना त्यागपत्र सौंपा। इस निर्णय ने राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों को एक नई दिशा दी है।

इस्तीफे की पृष्ठभूमि

मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जारी जातीय हिंसा के कारण स्थिति पिछले दो वर्षों से लगातार तनावपूर्ण बनी हुई थी। इसके साथ ही, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायकों में भी असंतोष बढ़ रहा था, जो अंततः मुख्यमंत्री के इस्तीफे का प्रमुख कारण बना।

एन बीरेन सिंह ने इस महत्वपूर्ण निर्णय से पहले दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ लंबी चर्चा की। रविवार को हुई इस बैठक के बाद, वे सीधे इंफाल लौटे और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

राजनीतिक उठापटक और पार्टी के भीतर असहमति

मणिपुर विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू होने वाला था, और कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित अविश्वास प्रस्ताव के चलते स्थिति और जटिल हो गई थी।

एनडीए की सहयोगी पार्टी, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), ने भी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, जिससे बीजेपी सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ गईं। साथ ही, पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और विधायक मुख्यमंत्री के खिलाफ खुलकर बोलने लगे थे।

बीरेन सिंह के खिलाफ आरोप था कि वे अपने मंत्रियों और विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफल रहे। पार्टी के अंदर और बाहर से बढ़ते दबाव के चलते, उनके पास इस्तीफा देने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा था।

इस्तीफे से पहले का घटनाक्रम

  • 2-3 फरवरी: मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला दिल्ली पहुंचे और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने राज्य की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपी।

  • 4 फरवरी: सुप्रीम कोर्ट ने एन बीरेन सिंह के कथित ऑडियो मामले की जांच के लिए सीएफएसएल को एक महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। इस ऑडियो में मुख्यमंत्री द्वारा हिंसा भड़काने की बात कही गई थी।

  • 5 फरवरी: दिल्ली विधानसभा चुनाव के दिन, बीरेन सिंह ने दिल्ली आकर अमित शाह और जेपी नड्डा से मिलने का प्रयास किया, लेकिन प्रत्यक्ष मुलाकात नहीं हो सकी।

  • 6 फरवरी: एन बीरेन सिंह प्रयागराज में महा स्नान के लिए पहुंचे, जहां उनके साथ कई कैबिनेट मंत्री भी मौजूद थे।

  • 7 फरवरी: वे प्रयागराज से वापस दिल्ली लौटे।

  • 9 फरवरी: दिल्ली में अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद, उन्होंने इंफाल जाकर राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया। इस दौरान बीजेपी के मणिपुर प्रभारी संबित पात्रा भी उनके साथ थे।

आगे की संभावनाएं

बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद, मणिपुर की राजनीति में एक नए नेतृत्व की तलाश शुरू हो चुकी है। भाजपा के भीतर नए मुख्यमंत्री के नाम पर विचार-विमर्श चल रहा है। साथ ही, राज्य में जातीय हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता को नियंत्रित करने की चुनौती भी बनी हुई है।

अब देखना होगा कि मणिपुर की राजनीतिक परिस्थितियां किस दिशा में आगे बढ़ती हैं और क्या बीजेपी राज्य में अपनी सरकार को स्थिर रख पाती है या नहीं।