- भारत,
- 05-Aug-2025 03:20 PM IST
Jammu-Kashmir News: लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार, 8 अगस्त 2025 को एक याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का निर्देश देने की मांग की गई है। यह याचिका कॉलेज शिक्षक ज़हूर अहमद भट और सामाजिक कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद मलिक द्वारा दायर की गई है। इस मामले को वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के समक्ष उठाया, जिन्होंने सुनवाई की तारीख को सूचीबद्ध करने का अनुरोध स्वीकार कर लिया।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों—जम्मू-कश्मीर और लद्दाख—में विभाजित कर दिया था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2023 में बरकरार रखा था, लेकिन संविधान पीठ ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की संवैधानिकता पर फैसला देने से परहेज किया। कोर्ट ने तब सॉलिसिटर जनरल के आश्वासन को नोट किया कि राज्य का दर्जा "जल्द से जल्द" बहाल किया जाएगा, हालांकि कोई निश्चित समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई थी।
याचिका का आधार
याचिका में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार ने दिसंबर 2023 के फैसले के बाद से 11 महीनों में जम्मू-कश्मीर का राज्य दर्जा बहाल करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, भले ही क्षेत्र में विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो चुके हैं। याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड एजाज मकबूल कर रहे हैं, जिन्होंने इस देरी को आधार बनाकर कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के छह साल पूरे होने पर, कांग्रेस पार्टी ने 5 अगस्त को "काला दिवस" मनाने की घोषणा की है। पार्टी इस फैसले के विरोध में धरने आयोजित करेगी और राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए दबाव बनाएगी। दूसरी ओर, हाल की उच्च स्तरीय बैठकों—जिनमें रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच चर्चाएँ, और मंगलवार को एनडीए सांसदों की बैठक शामिल हैं—ने इस बात की अटकलों को हवा दी है कि केंद्र सरकार जल्द ही राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।
