विश्व / अमेरिका के कहने पर दिया था अलकायदा को प्रशिक्षण जो सबसे बड़ी गलती: इमरान खान

AMAR UJALA : Sep 24, 2019, 11:30 AM
आतंकवाद (Terrorism) के मुद्दे पर पाकिस्तान (pakistan)  निशाने पर रहा है। वह लंबे समय से अपनी सरजमीं का इस्तेमाल आतंकवादियों (Terrorism) को शरण देने के लिए करता आ रहा है। हालांकि ये बात और है कि उसने कभी इसे स्वीकार नहीं किया। मगर एक साल पहले देश की सत्ता में आने वाले इमरान खान कई बार इस बात को मान चुके हैं उनके देश की जमीन पर आतंक न केवल पाला-पोसा है बल्कि यहां कई आतंकी संगठनों के दहशतगर्दो को प्रशिक्षण दिया गया है।

एक बार फिर सोमवार को पाकिस्तान (pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने विदेश संबंधों की परिषद (सीएफआर) में स्वीकार किया है कि अमेरिका के कहने पर पाकिस्तान ने अलकायदा  ( al Qaeda ) को प्रशिक्षण दिया जो कि उसकी सबसे बड़ी गलती थी। उन्होंने कहा 9/11 आतंकी (Terrorism) हमले के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका पर विश्वास किया, उसकी मदद की लेकिन यही पाकिस्तान की सबसे बड़ी भूल साबित हुई। इससे पाक की अर्थव्यवस्था को 200 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।

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जम्मू-कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान (pakistan) की अमेरिका के सामने लगाई गई गुहार काम नहीं आई और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump)  ने भारत को अपना दोस्त बताया है। यही वजह रही की खान ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उम्मीद करते हैं कि वह भारत को कश्मीर में लगे कर्फ्यू को हटाने के लिए कहेगी। एक सवाल के जवाब में खान ने कहा कि उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष से द्विपक्षीय वार्ता दोबारा शुरू करने का अनुरोध किया था।

पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने भारत में दोबारा चुनाव होने के बाद बातचीत शुरू होने का इंतजार किया लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बाद में उसे पता चला कि भारत उसे दिवालिया करने के लिए वित्तीय कार्रवाई कार्य बल की काली सूची में डलवाना चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने का फैसला न केवल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नियमों, शिमला समझौते का बल्कि अपने संविधान के भी खिलाफ है। मैं संयुक्त राष्ट्र से आग्रह करता हूं कि वह कश्मीर मसले पर ध्यान दे।

जहां एक तरफ पाकिस्तान (pakistan) कश्मीर मसले का अतंरराष्ट्रीयकरण करना चाहता है वहीं भारत ने साफ शब्दों में कह दिया है कि यह भारत का आंतरिक मामला है। इसी बीच जब खान से अमेरिका के पूर्व रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस की उस टिप्पणी पर जवाब देने को कहा गया जिसमें मैटिस ने पाकिस्तान को सबसे खतरनाक देश बताया था। इसपर उन्होंने कहा कि अमेरिकी नेता को समझना चाहिए कि पाकिस्तान कट्टरपंथी क्यों बना। 9/11 आतंकी हमले के बाद अफगानिस्तान के साथ लड़ाई में हमने अमेरिका का साथ दिया जो हमारी सबसे बड़ी गलती थी।

इमरान खान (Imran Khan)  से जब पूछा गया कि अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन की ऐबटाबाद में उपस्थिति और उसके अमेरिकी नेवी सील्स के हाथों मारे जाने की घटना की पाकिस्तान की सरकार ने जांच क्यों नहीं कराई तो उन्होंने कहा, हमने जांच की थी। मगर मैं कहूंगा कि कि पाकिस्तानी सेना, आईएसआई ने 9/11 से पहले अल कायदा को प्रशिक्षित किया था। इसी वजह से हमेशा लिंक जुड़ते रहे।'

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