देश / पचास पैसे के लिए बैंक ने थमा दिया नोटिस, जमा करवाने पहुंचा तो भाग छूटे अफसर

Zoom News : Dec 14, 2019, 10:05 PM
झुंझुनूं। देश की बैंकों से हजारों करोड़ खाकर भाग छूटे भगोड़ों तक बैंक अफसरों की पहुंच नहीं है, लेकिन आम आदमी के पचास पैसे भी बाकी हो तो उसकी जलालत करने में अफसर पीछे नहीं रहते। अदालत में कई मामले ऐसे आ जाते हैं जो पेचीदा और चर्चा का विषय बन जाते हैं उनको निपटाने के लिए समय-समय पर लोक अदालत सजती है। शनिवार को  झुंझुनू के खेतड़ी लोक अदालत में एक अजीबोगरीब मामला आया  जो पूरे दिन चर्चा का विषय बना रहा। वैसे तो बड़े बड़े बैंकों में बड़े-बड़े उद्योगपति हजारों करोड़ रुपए का कर्ज लेकर चुकाए बिना चंपत हो जाते हैं और विदेशों में रहकर ऐशोआराम करते हैं। चाहे भारत की सरकार हो चाहे पुलिस उन्हें पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है और जब मामला किसी गरीब का हो तो ऊपर से लेकर नीचे तक अधिकारियों की फौज गरीब के घर पहुंच कर उसके मुंह से निवाला छीनने के लिए आमादा हो जाते हैं।
यह मामला है उपखंड के त्योंदा  निवासी  जितेंद्र कुमार पुत्र विनोद सिंह का। जानकारी के अनुसार जितेंद्र कुमार का खेतड़ी एसबीआई बैंक में जनधन खाता खुला हुआ है खाते में वर्तमान में 124  रूपये जमा भी है लेकिन फिर भी बैंक वालों ने गुरुवार रात्रि 11 बजे जितेंद्र के घर पहुंचकर 50 पैसे बकाया का नोटिस थमा दिया। जितेंद्र कुमार ने बताया कि नोटिस में लिखा हुआ था कि शनिवार को लोक अदालत में पहुंचकर 50 पैसे जमा करवाएं अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जितेंद्र की रीड की हड्डी में प्रॉब्लम और चलने फिरने में असमर्थ होने की वजह से उसके पिता विनोद सिंह डरे सहमे में खेतड़ी लोक अदालत में पहुंचे ।  50 पैसे का नोटिस का मामला देखकर आसपास के ग्रामीण और वकीलों की भीड़ लोक अदालत में जमा हो गई और शर्म के मारे बैंक अधिकारी बिना पैसे जमा किए ही मौके से कुर्सी छोड़ कर रफूचक्कर हो गए। पीड़ित जितेंद्र के पिता विनोद सिंह ने बताया कि मैं सुबह से 50 पैसे जमा कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहा हूं लेकिन बैंक के अधिकारी पैसे जमा करने से मना कर रहे हैं। जितेंद्र के वकील विक्रम सिंह ने बताया कि मेरे क्लाइंट के पास 50 पैसे जमा करवाने का नोटिस एसबीआई बैंक अधिकारियों ने दिया था जब लोक अदालत में मेरा क्लाइंट 50 पैसे जमा करवा कर एनओसी लेने पहुंचा तो अधिकारियों ने पैसे जमा करने से मना कर दिया और मेरे क्लाइंट को एनओसी भी नहीं दी अब बैंक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और मानहानि का दावा पेश किया जाएगा।

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