विशेष / विवाह की उम्र के लिए कवायद शुरू, शादी की उम्र को लेकर सरकार करने जा रही है इस बड़े फैसले पर विचार

AajTak : Nov 01, 2019, 07:10 AM
नई दिल्ली | दिल्ली हाईकोर्ट में लड़की और लड़के की शादी की उम्र एक समान करने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई है, जिस पर सरकार से जवाब मांगा गया था. अब सरकार ने इस मसले पर अपना पक्ष रख दिया है.

दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल अपने जवाब में महिला और बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि लड़के और लड़की की शादी की न्यूनतम उम्र के मसले पर हमने राज्य सरकारों के साथ सलाह मशविरा किया है. शादी के लिए उम्र में बदलाव स्पेशल मैरिज एक्ट में बदलाव के बाद ही संभव है. यह कानून मंत्रालय के आधीन आता है. लिहाजा कानून मंत्रालय से भी इस पर जवाब मांगा जा सकता है.

अब दिल्ली हाईकोर्ट मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को करेगा. इससे पहले हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, कानून मंत्रालय और महिला व बाल विकास मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. इस मामले के याचिकाकर्ता अश्वनी उपाध्याय ने अपनी दलील में कहा कि समाज में सोच और औरतों को देखने का नज़रिया दोनों बदल गए है. लिहाजा अब शादी की उम्र भी समान की जानी चाहिए. महिलाओं को समान हक और सम्मान दिए जाने की जरूरत है.

अश्वनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा कि देश का संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है और शादी के लिए महिला व पुरुष के बीच न्यूनतम उम्र अलग-अलग नहीं की जा सकती है. लड़कियों की कम उम्र में शादी होने के कारण उनकी पढ़ाई बीच में ही छूट जाती है. साथ ही उनको कई सामाजिक और निजी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

लड़की और लड़के की शादी की उम्र में कितना है अंतर?

वर्तमान में देश में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है, जबकि लड़कों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल है. इसका मतलब यह हुआ है कि 18 साल की उम्र पूरी कर चुकी लड़की और 21 साल की उम्र पूरी कर चुका लड़का अपनी मर्जी से शादी कर सकता है. इस तरह लड़की और लड़के की शादी की उम्र में तीन साल का अंतर है.

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