News18 : May 27, 2020, 05:38 PM
तिरुवनंतपुरम। कई दिनों तक शराब की दुकानें (Liquor Shops) खोलने के निर्णय को टालने के बाद आखिरकार केरल (Kerala) ने कल यानी गुरुवार से शराब की दुकानों को खोले जाने की अनुमति दे दी है। शराब की दुकानें (Liquor Shops) केरल में सवेरे 9 बजे से शाम के 5 बजे तक खुलेंगी। इस दौरान शराब की बिक्री 'वर्चुअल क्यू सिस्टम' (virtual queue system) से होगी।इस तरह से शराब खरीदने के लिए स्लॉट बुक कर सकेंगे ग्राहकवर्चुअल क्यू सिस्टम में ग्राहक को पहले से ही शराब की खरीद के लिए डिजिटल तरह से लाइन लगानी होगी। इसमें ग्राहक को एक नंबर दिया जाएगा। नंबर आने पर उसे पता चल जाएगा और वह आकर अपनी शराब दुकान से ले जा सकेगा। बता दें कि इस बुकिंग के समय के लिए भी समय तय किया गया है। शराब खरीदने के लिए ग्राहक टाइम स्लॉट (Time Slot) की बुकिंग सवेरे 6 बजे से रात के 10 बजे तक कर सकेंगे।
दो हफ्ते पहले ही केरल ने शराब के दामों में बढ़ोतरी की घोषणा की थीदिल्ली (Delhi) और गोवा जैसे राज्यों के नेतृत्व के बाद, केरल (Kerala) ने बुधवार को सभी ब्रांडों पर शुल्क बढ़ाकर शराब की कीमतों में बड़ी वृद्धि कर दी थी। इससे बीयर (Bear) और वाइन के ब्रांड्स में खुदरा कीमतों से 10% की वृद्धि होनी थी, अन्य IMFL श्रेणियों में 35% तक की बढ़ोतरी होने की बात कही गई। केरल स्टेट बेवरेजेज कॉरपोरेशन (BEVCO) के एक उच्च अधिकारी ने इसकी पुष्टि की थी।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (CM Pinarayi Vijayan) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस कदम की उम्मीद की जा रही थी क्योंकि राज्य कोविड-19 लॉकडाउन के चलते वित्तीय समस्याओं और अर्थव्यवस्था में गिरावट से जूझ रहा था। टैक्स वृद्धि के जरिए राज्य को 700 करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व की उम्मीद है।
दो हफ्ते पहले ही केरल ने शराब के दामों में बढ़ोतरी की घोषणा की थीदिल्ली (Delhi) और गोवा जैसे राज्यों के नेतृत्व के बाद, केरल (Kerala) ने बुधवार को सभी ब्रांडों पर शुल्क बढ़ाकर शराब की कीमतों में बड़ी वृद्धि कर दी थी। इससे बीयर (Bear) और वाइन के ब्रांड्स में खुदरा कीमतों से 10% की वृद्धि होनी थी, अन्य IMFL श्रेणियों में 35% तक की बढ़ोतरी होने की बात कही गई। केरल स्टेट बेवरेजेज कॉरपोरेशन (BEVCO) के एक उच्च अधिकारी ने इसकी पुष्टि की थी।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (CM Pinarayi Vijayan) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस कदम की उम्मीद की जा रही थी क्योंकि राज्य कोविड-19 लॉकडाउन के चलते वित्तीय समस्याओं और अर्थव्यवस्था में गिरावट से जूझ रहा था। टैक्स वृद्धि के जरिए राज्य को 700 करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व की उम्मीद है।