देश / पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में ऐसा स्कूल जो कान्वेंट स्कूलों को भी मात दे रहा, कुछ ऐसी हैं खूबियां

AMAR UJALA : Mar 15, 2020, 03:43 PM
वाराणसी | सरकारी स्कूलों की पहचान गंदगी, बदहाली और अव्यवस्थाओं से होती है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी शहर में एक ऐसा सरकारी स्कूल भी है जो कान्वेंट स्कूलों को भी मात दे रहा है। प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिसनहरिया की पहचान जिले के बेहतर स्कूलों में होने लगी है।

स्थिति ये है कि स्कूल में छात्रों की संख्या अधिक हो जाने पर नो एडमिशन की स्थिति हो गई। यहां पर कार्यरत शिक्षकों की मेहनत का परिणाम है कि बच्चे भी अंग्रेजी में बात करने के लिए तैयार हैं। अंग्रेजी की पढ़ाई के साथ ही सभी शैक्षणिक गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है।

बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों की हकीकत किसी से छिपी नहीं है। लेकिन इन्हीं स्कूलों में से एक पिसनहरिया के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई के अलावा खेलकूद, व्यवहारिक ज्ञान, अनुशासन के अलावा बच्चों के ज्ञानवर्धन के लिए तमाम गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। जिले के अधिकारियों के सहयोग ओर विद्यालय में नियुक्त शिक्षकों की मेहनत और लगन से कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर बच्चों की पढ़ाई हो रही है। कभी इस विद्यालय में अपने बच्चों को नाम लिखवाने से अभिभावक कतराते थे, अब वहीं लोग बच्चे का नाम लिखवाने के लिए भटक रहे हैं।

योग के साथ ही मार्शल आर्ट्स का बच्चों को प्रशिक्षण

2017 में इस विद्यालय की हालत दूसरे सरकारी विद्यालयों से अलग नहीं थी। इसी बीच एक दिन बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात वित्त एवं लेखाधिकारी अनूप मिश्र निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने यहां की बदहाल स्थिति को देखकर विद्यालय को गोद ले लिया। सबसे पहले उन्होंने इस विद्यालय को मॉडल स्कूल का दर्जा दिलवाया। इसके बाद से इस विद्यालय की सूरत बदलने लगी।

उन्होंने सीएसआईआर फंड व व्यापार मंडल के सहयोग से स्कूल में बच्चों के लिए डेस्क, बेंच, व्हाइट बोर्ड और पठन-पाठन की सामग्री को उपलब्ध कराया। यहां पर बच्चों को अंग्रेजी भी पढ़ाई जाती है। प्रार्थना के बाद छात्रों को खेलकूद की गतिविधियों का भी अभ्यास कराया जाता है। इसके अलावा छात्रों को पीने के पानी के लिए आरओ सिस्टम, माडर्न शौचालय, क्लास रूम में टाइल्स आदि की व्यवस्था कराई।

कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर वे सभी सुविधाएं बच्चों को मुहैया कराई गई जो जरूरी थी। विद्यालय में तैनात अनुदेशक दीपिका सिंह बच्चों को एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं के साथ योग, एरोबिक्स, मार्शल आर्ट्स का प्रशिक्षण देती हैं।

लैपटॉप और एप के जरिए हो रही बच्चों की पढ़ाई

साल 2017 तक इस विद्यालय में सिर्फ 28 बच्चे स्कूल आते थे। विद्यालय की सुविधाएं सुदृढ़ होने के बाद शिक्षकों की मेहनत की बदौलत आज प्राथमिक विद्यालय पिसनहरिया प्रथम में 124 बच्चे, वहीं पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिसनहरिया में 106 नामांकित है। बदलाव का आलम यह है कि बच्चों के एडमिशन के लिए सीट नहीं बची।

स्कूल के इंचार्ज ज्ञानेंद्र मौर्या ने बताया कि अब अभिभावकों को सीट नहीं होने की जानकारी देकर वापस कर दिया जा रहा है। सहायक अध्यापक सतेंद्र श्रीवास्तव अपने स्तर से लैपटॉप, एम्पलीफायर, दीक्षा एप के जरिए बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं। इस प्रांगण में संचालित होने वाले प्राथमिक विद्यालय पिसनहरिया प्रथम के हेडमास्टर शैलेंद्र कुमार चौबे को विद्यालय में नियमित रूप से स्मार्ट क्लास संचालित करने के लिए लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में सम्मानित किया जाना है।

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