- भारत,
- 18-Sep-2025 10:19 PM IST
Donald Trump News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों ब्रिटेन की ऐतिहासिक राज्य यात्रा पर हैं, जो 17 से 19 सितंबर 2025 तक निर्धारित है। विंडसर कैसल में किंग चार्ल्स तृतीय के स्वागत में आयोजित भव्य समारोह के बीच ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने निजी संबंधों की तारीफ की। उन्होंने कहा, "मैं भारत और मोदी के बेहद करीब हूं। हमारे बीच बहुत गहरी दोस्ती है।" यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के कारण दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था, खासकर भारत के रूस से तेल आयात को लेकर।
ट्रंप की यह टिप्पणी भारत-अमेरिका संबंधों में आई ठंडक के बाद एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखी जा रही है। फरवरी 2025 में व्हाइट हाउस में मोदी की मेजबानी के दौरान दोनों नेताओं ने अपनी 'महान दोस्ती' का जिक्र किया था, लेकिन अगस्त में ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने पर भारत को 'दंडात्मक' 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाकर कुल 50 प्रतिशत कर दिया। ट्रंप ने इसे रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए मॉस्को पर दबाव बनाने का हथियार बताया। लेकिन ब्रिटेन यात्रा के दौरान ट्रंप का यह बयान न केवल मोदी के साथ निजी रिश्तों को रेखांकित करता है, बल्कि व्यापारिक तनाव कम करने की इच्छा भी दर्शाता है।
यूरोपीय देशों को चेतावनी: रूस तेल खरीद पर सख्ती
ट्रंप ने ब्रिटेन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यूरोपीय देशों को रूस से तेल खरीदने पर कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा, "मुझे पता चला है कि यूरोपीय देश रूस से तेल खरीद रहे हैं। जैसा कि आप जानते हैं, मैं भारत के बहुत करीब हूं और उसके प्रधानमंत्री के भी। मैंने हाल ही में उनसे बात की और जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। हमारे संबंध बेहतरीन हैं। उन्होंने भी एक शानदार बयान दिया। लेकिन मैंने भारत पर प्रतिबंध लगा दिए हैं।" ट्रंप ने आगे जोड़ा कि चीन इस समय अमेरिका को भारी टैरिफ दे रहा है, लेकिन वह और कदम उठाने को तैयार हैं—बशर्ते वे लोग, जिनके लिए वह लड़ रहे हैं, रूस से तेल न खरीदें। उन्होंने तेल की गिरती कीमतों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कीमतें और कम हुईं, तो रूस आसानी से समझौता कर लेगा।
यह बयान ट्रंप की व्यापक रणनीति का हिस्सा लगता है, जहां वह न केवल भारत बल्कि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों पर भी दबाव डाल रहे हैं। अगस्त 2025 में ट्रंप ने कहा था कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे खुले बाजार में बेचकर मुनाफा कमा रहा है, जो यूक्रेन युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से फंड कर रहा है। लेकिन भारत ने इसे खारिज करते हुए कहा कि ऊर्जा सुरक्षा राष्ट्रीय हित का मामला है और अमेरिका का यह कदम 'अनुचित' है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत ने 2022 से रूस से तेल आयात बढ़ाकर अरबों डॉलर की बचत की है, जो अब टैरिफ के कारण खतरे में पड़ गई है।
ट्रंप की ब्रिटेन यात्रा के दौरान यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मोदी के साथ हालिया फोन कॉल का जिक्र करता है। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने मोदी को रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। यह कॉल सितंबर की शुरुआत में हुई, जब मोदी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) समिट के लिए चीन में थे और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिले। ट्रंप ने तब सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि भारत रूस से तेल और हथियार खरीद रहा है, जबकि अमेरिका से बहुत कम। लेकिन अब लगता है कि निजी बातचीत ने माहौल को नरम कर दिया है।
30 नवंबर के बाद टैरिफ हटाने की संभावना: उम्मीद की किरण
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव में अब राहत के संकेत मिल रहे हैं। भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने गुरुवार को कहा कि कुछ आयातों पर लगाए गए दंडात्मक शुल्क 30 नवंबर 2025 के बाद वापस ले लिए जाएंगे। यदि ऐसा होता है, तो दोनों देशों के रिश्ते फिर से मधुर हो सकते हैं। अनंत नागेश्वरन ने स्पष्ट किया कि यह कदम द्विपक्षीय व्यापार वार्ताओं के सकारात्मक परिणाम के रूप में आएगा, जहां भारत ने अमेरिकी कृषि और डेयरी उत्पादों के बाजार खोलने पर विचार करने का संकेत दिया है।
ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत ने अमेरिकी सामानों पर टैरिफ को शून्य करने का प्रस्ताव दिया है, हालांकि यह देर से आया है। सितंबर 2025 में ट्रंप के भारत राजदूत नामित सर्जियो गोर ने सीनेट सुनवाई में कहा कि दोनों पक्ष टैरिफ पर 'बहुत दूर नहीं' हैं और अगले कुछ हफ्तों में समाधान हो सकता है। यदि टैरिफ हटते हैं, तो भारत के टेक्सटाइल, ज्वेलरी, फुटवियर और रसायन जैसे निर्यात क्षेत्रों को फायदा होगा, जहां 50 प्रतिशत टैरिफ से अरबों डॉलर का नुकसान हो रहा था।
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप-मोदी की निजी केमिस्ट्री ने इस संकट को संभाला है। अंतरराष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ डॉ. शुभंकर राय ने कहा, "ट्रंप की ब्रिटेन यात्रा के दौरान यह बयान रणनीतिक है। यह यूरोप को चेतावनी देते हुए भारत को आश्वस्त करने का प्रयास है। यदि टैरिफ हटते हैं, तो क्वाड समिट (नवंबर 2025 में भारत में प्रस्तावित) में सुरक्षा और व्यापार पर मजबूत सहयोग देखने को मिलेगा।" हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि रूस से तेल आयात जारी रखेगा, लेकिन अमेरिका के साथ संबंधों को प्राथमिकता देगा।
