नई दिल्ली / इसरो का नया मिशन: पाकिस्तान और उसके आतंकी ठिकानों पर नजर रखेगी यह सैटेलाइट

AMAR UJALA : Oct 03, 2019, 11:01 AM
Indian Space Research Institute | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) इस महीने यानी अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में पाकिस्तान और उसके आतंकी ठिकानों पर नजर रखने के लिए सबसे ताकतवर निगरानी सैटेलाइट कार्टोसैट-3 की लॉन्चिंग करने वाला था। लेकिन, कहा जा रहा है कि इस योजना को इसरो ने फिलहाल स्थगित कर दिया है। 

रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्तमान में इसरो की एक बड़ी और महत्वपूर्ण टीम विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित करने में लगी है, इसलिए कार्टोसैट-3 की लॉन्चिंग में थोड़ी बहुत देरी हो सकती है। आशा जताई जा रही है कि कार्टोसैट-3 को नवंबर में लॉन्च किया जा सकता है।

इसके अलावा भारत कई नए सैटेलाइट को लॉन्च करने की योजना बना रहा है। इसके लिए रूपरेखा को तैयार भी कर लिया गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अगले 10 महीनों में 5 ऐसे उपग्रहों को लॉन्च करेगा जिससे पाकिस्तान समेत धरती के कई हिस्सों पर नजर रखी जा सकेगी।

सूत्रों के अनुसार, इन सभी सैटेलाइटों का प्रयोग खुफिया जानकारी जुटाने और सीमा पर चौकसी बनाने के लिए किया जाएगा। इन सभी उपग्रहों को साल 2020 तक लॉन्च किए जाने की योजना है।

कहा जाता है कि पाकिस्तान में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के लिए कार्टोसैट-1 और 2 उपग्रहों से खुफिया जानकारी जुटाई गई थी। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी।

कार्टोसैट उपग्रह से किसी भी मौसम में धरती की तस्वीरें ली जा सकती हैं। इसके जरिए आसमान से दिन और रात दोनों समय जमीन से एक फीट की ऊंचाई तक की साफ तस्वीरें ली जा सकती हैं।

कार्टोसैट-3 का कैमरा इतना ताकतवर है कि वह अंतरिक्ष से जमीन पर 0.25 मीटर यानी 9.84 इंच की ऊंचाई तक की स्पष्ट तस्वीरें ले सकता है। जबकि अमेरिका की निजी स्पेस कंपनी डिजिटल ग्लोब का जियोआई-1 सैटेलाइट 16.14 इंच की ऊंचाई तक की तस्वीरें ही ले सकता है। 

कार्टोसैट सीरीज के उपग्रहों की जरुरत 26/11 आतंकी घटना होने के बाद महसूस की गई थी। कार्टोसैट-1 को पांच मई 2005 इसरो ने प्रक्षेपित किया था।

कार्टोसैट अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट है। जिससे पृथ्वी के किसी भी हिस्से की सबसे साफ तस्वीर ली जा सकती है। कहा यह तक जाता है कि इससे धरती पर खड़े किसी व्यक्ति के कलाई में बंधी घड़ी के समय को बताया जा सकता है।

मुख्य रूप से इस सैटेलाइट का काम अंतरिक्ष से भारत की जमीन पर नजर रखना होगा। इसकी मदद से आपदाओं को रोका जा सकेगा जबकि ढांचागत विकास के लिए नई रुपरेखा तैयार करेगा।

कार्टोसैट सीरीज के आठ सैटेलाइट अब तक लॉन्च किए जा चुके हैं। कार्टोसैट सीरीज का पहला सैटेलाइट कार्टोसैट-1 पांच मई 2005 को पहली बार लॉन्च किया गया था। इस सैटेलाइट का जीवनकाल पांच साल था। 

कार्टोसैट-2 को 10 जनवरी 2007 को लॉन्च किया गया जबकि कार्टोसैट-2ए को 28 अप्रैल 2008 को लॉन्च किया गया। कार्टोसैट-2बी को 12 जुलाई 2010 को जबकि कार्टोसैट-2 को 22 जून 2016 को लॉन्च किया गया।

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