चीन / 'सोलोमन द्वीप में सैन्य अड्डे का इरादा नहीं', US की धमकी से डरा ड्रैगन

Zoom News : May 26, 2022, 09:51 PM
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने गुरुवार को कहा कि सोलोमन द्वीप में सैन्य अड्डा बनाने का चीन का कोई इरादा नहीं है।  दक्षिण प्रशांत द्वीप से जुड़े देशों की यात्रा पर गए  वांग यी ने कहा कि चीन द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने की शुरूआत कर रहा है। पिछले महीने होनियारा के साथ बीजिंग के समझौतों पर अंतराष्ट्रीय चिंताओं को खारिज करते हुए वांग यी ने कहा कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग जारी है और ये एक दूसरे पर थोपा नहीं गया है और ना ही किसी तीसरे पक्ष को निशाना बनाकर किया गया है। दरअसल शुक्रवार को अमेरिका ने सोलोमन द्वीप और चीन के बीच हुए समझौते पर चिंता जाहिर करते हुए चेतावनी दी थी कि अगर चीन वहां कोई सैन्य उपस्थिति रखता है तो अमेरिका इसका जवाब देगा।

न्यूज एजेंसी सिन्हुआ मुताबिक दोनों पक्ष रोड एंड बेल्ट इनिशिएटिव (बीआरआई) के मेगा-प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने और सोलोमन द्वीप को पूरी तरह से टैप करने में मदद करने के लिए सहमत हुए हैं।  इससे पहले अप्रैल में सोलोमन द्वीप समूह ने बयान जारी कर कहा था कि चीन के साथ सुरक्षा सहयोग पर हस्ताक्षर के बाद उठाई गई अटकलों के बाद वह किसी भी विदेशी देश को देश में सैन्य ठिकाने बनाने की अनुमति नहीं देगा।

इसके अलावा सोलोमन द्वीप ने बयान में कहा कि 'सरकार सैन्य अड्डे की मेजबानी के सुरक्षा प्रभाव के प्रति सचेत है, और इस तरह की पहल को अपनी निगरानी में होने देने में लापरवाही नहीं करेगी।' सोलोमन द्वीप ने ये भी कहा कि चीन को देश में सैन्य अड्डा स्थापित करने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है। गौरतलब है कि 18 मार्च को दोनों देशों के बीच समझौते के मुताबिक सोलोमन द्वीप चीन को सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल करने देगा।

समझौते के मुताबिक चीन के अनुरोध पर सोलोमन द्वीप पुलिस, सशस्त्र पुलिस और सैन्य कर्मियों को अपने देश आने की अनुमति देगा। इसके अलावा दोनों देशों के बीच हुए रक्षा समझौते के मुताबिक चीनी नौसैनिक जहाजों को लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए सोलोमन द्वीप के इस्तेमाल की अनुमति होगी। समझौते में ये भी कहा गया है कि दोनों देशों के बीच आपसी समझौते में कोई तीसरा देश हस्तक्षेप नहीं कर सकता। 

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