हॉन्ग कॉन्ग / अब चूहे से इंसान में फैल रहा खतरनाक वायरस, किसी को नहीं पता कैसे?

AajTak : May 12, 2020, 03:08 PM
हॉन्ग कॉन्ग: अब चूहे से इंसान में खतरनाक वायरस फैलने की खबरें आ रही हैं। हॉन्ग कॉन्ग सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले सेंटर फॉर हेल्थ प्रोटेक्शन (CHP) ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। CHP ने बताया है कि 30 अप्रैल को एक मरीज के रैट हेपेटाइटिस ई वायरस (HEV) से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। इसको लेकर लोगों को सतर्कता बरतने को कहा गया है। हॉन्ग कॉन्ग में आधिकारिक रूप से कुल 11 लोग रैट HEV से संक्रमित पाए जा चुके हैं।

हॉन्ग कॉन्ग के क्वीन मैरी हॉस्पिटल में 7 अप्रैल को 61 साल के व्यक्ति को भर्ती किया गया था। 12 अप्रैल को पता चला कि उनके लीवर में तकलीफ है। बाद में उन्हें दूसरे हॉस्पिटल में रिहैबिलिटेशन के लिए भेज दिया गया। लेकिन जब ब्लड सैंपल की जांच रिपोर्ट आई तो पता चला कि वे रैट HEV पॉजिटिव हैं।

रैट HEV पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद अधिकारियों ने मरीज के घर की जांच की। घर में चूहे मौजूद होने के कोई सबूत नहीं मिले। ना ही इस व्यक्ति ने कहीं बाहर ट्रैवल किया था। अधिकारियों ने मरीज के संपर्क में आए अन्य लोगों की भी स्क्रीनिंग की, लेकिन किसी में लक्षण नहीं मिले।

सेंटर फॉर हेल्थ प्रोटेक्शन के प्रवक्ता का कहना है कि महामारी विज्ञान की मौजूदा जानकारी के आधार पर यह पता नहीं चल पाया है कि मरीज रैट HEV से कैसे पॉजिटिव हुआ। सेंटर अपनी जांच जारी रखेगा।

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, पहली बार 2018 में डॉक्टरों को इंसान में रैट HEV के संक्रमण का पता चला था। तब हॉन्ग कॉन्ग में 56 साल के एक मरीज में असामान्य गतिविधि देखी गई थी। टेस्ट में पता चला कि उसका इम्यून सिस्टम हेपेटाइटिस E को लेकर रेस्पॉन्ड कर रहा है। लेकिन डॉक्टरों को उसके शरीर में HEV नहीं मिल रहे थे।

हेपेटाइटिस E लीवर की एक बीमारी है। इससे पीड़ित होने पर फीवर और जॉन्डिस भी हो सकता है। यह वायरस चार प्रकार के होते हैं जो अलग-अलग जीवों में पाए जाते हैं।

2018 तक डॉक्टर समझते थे कि चार में से सिर्फ एक ही प्रकार का हेपेटाइटिस E से इंसान संक्रमित हो सकता है। लेकिन जब उन्हें रैट हेपेटाइटिस E के संकेत मिले तो रिसर्चर्स ने टेस्ट प्रक्रिया में बदलाव किया। तब जाकर इतिहास में पहली बार इंसान में रैट हेपेटाइटिस E की पुष्टि हुई।

हॉन्ग कॉन्ग यूनिवर्सिटी के रिसर्चर और माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ। सिद्धार्थ श्रीधर कहते हैं कि हमारे पास एक वायरस है जो सड़क पर चल रहे चूहों से इंसान में फैल सकता है।

2018 की घटना को लेकर श्रीधर कहते हैं कि यह इतना असामान्य था कि डॉक्टरों को लगा कि यह एक बार सामने आया मामला है। लेकिन इसके बाद यह कई बार देखा गया। श्रीधर का कहना है कि ऐसे सैकड़ों मामले हो सकते हैं जिनकी जांच नहीं हुई होंगी।

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