राजस्थान / कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेहट को मिली 20 दिन की पैरोल, पुलिस को गंभीर अपराध होने की आशंका

Vikrant Shekhawat : Jul 06, 2020, 06:23 PM

सीकर । सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेहट को 20 दिन की पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट जस्टिस सबीना और जस्टिस सीके सोनगरा की खंडपीठ ने ये फैसला सुनाया। जानकारी अनुसार जेल में बिताए 7 साल की अवधि औ व्यवहार के आधार पर ये पैरोल दी गई है। गौरतलब है कि राजू ठेहट गैंग और आंदपाल गैंग में दुश्मनी के कारण अब तक कई लोग मारे जा चुके हैं।


जानकारी अनुसार, सरकार और पुलिस ने राजू ठेहट को पैरोल पर रिहा नहीं करने का अनुरोध किया था। साथ ही सीकर पैरोल कमेटी ने भी ठेहट को पैरोल देने से इंकार किया था। सभी द्वारा ठेहट के पैरोल मिलने पर गंभीर अपराध की आशंका जताई थी। पुलिस द्वारा पैरोल पर ठेहट द्वारा फरार होने की भी संभावना जताई गई है। साथ ही कई लोगों द्वारा इसका विरोध भी किया गया। 


राजू ठेहट के अपराध की कहानी

1997 में बलबीर बानूड़ा और राजू ठेहट दोस्त हुआ करते थे। दोनों शराब के धंधे से जुड़े हुए थे। 2005 में हुई एक हत्या ने दोनों दोस्तों के बीच दुश्मनी की दीवार खड़ी कर दी। शराब ठेके पर बैठने वाले सेल्समैन विजयपाल की राजू ठेहट से किसी बात पर कहासुनी हो गई। पुलिस फाइल्स के मुताबिक-विवाद इतना बढ़ा कि राजू ने अपने साथियों के साथ मिलकर विजयपाल की हत्या कर दी। विजयपाल रिश्ते में बलबीर का साला लगता था। विजय की हत्या से दोनों दोस्तों में दुश्मनी शुरू हो गई। बलबीर ने राजू के गैंग से निकलकर अपना गिरोह बना लिया।

बलबीर की गैंग में आनंदपाल भी शामिल हो गया। आरोप है कि दोनों ने मिलकर राजू के करीबी गोपाल फोगावट की हत्या कर दी। दुश्मनी का खेल ऐसा चला कि 2016 कर शेखावाटी में 15 से ज्यादा हत्याएं हुईं। दोनों ही गैंग्स ने जेल तक दुश्मनी निभाई। 26 जनवरी 2014 को सीकर जेल में राजू ठेहट पर हमला हुआ तो छह महीने बाद ही बीकानेर जेल में आनंदपाल और बलबीर पर। हमलों में राजू ठेहट, आनंदपाल तो बच गए, लेकिन बलबीर मारा गया। वहीं, आनंदपाल का 24 जून 2017 को पुलिस द्वारा एनकाउंटर कर दिया गया।  

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