दुनिया / सिंगापुर ने 60 सेकेंड में संक्रमित का पता लगाने के लिए कोविड-19 ब्रेथ टेस्ट को दी मंज़ूरी

Zoom News : May 25, 2021, 06:58 AM
सिंगापुर: कोरोनावायरस का प्रकोप फैला हुआ है. इसकी टेस्टिंग को और सरल बनाने की लगातार कोशिश की जा रही है. इस बीच सिंगापुर के नेशनल यूनिवर्सिटी (National University of Singapore) ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 का पता लगाने और एक मिनट के भीतर सटीक परिणाम देने के लिए डिजाइन किए गए एक ब्रेथ टेस्ट (Breath Test) को सिंगापुर (Singapore) में इस्तेमाल के लिए के लिए मंजूरी दे दी गई है. इसे ब्रेथोनिक्स की ओर से विकसित किया गया है, जोकि सिंगापुर के नेशनल यूनिवर्सिटी से जुड़ा एक मेडिकल स्टार्ट-अप है.

नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर और ब्रेथोनिक्स ने एक बयान में कहा कि ब्रेथोनिक्स अब सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय (एमओएच) के साथ मिलकर काम कर रहा है. वह ट्यूस चेकपॉइंट पर अपनी टेक्नोलॉजी का डेवलपमेंट ट्रायल चलाने पर फोकस कर रहा है, जहां आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी. यात्रियों की अब रैपिड एंटीजन टेस्ट के जरिए जांच की जाएगी.

ब्रेथोनिक्स को तीन एनयूएस ग्रेजुएट्स जिया झुनन, डू फेंग और वेन वी शि जी की ओर से विकसित किया गया है. जिया झुनन ने बताया कि उनका ब्रेथ टेस्ट नॉन इनवेसिव है. इस्तेमला करने वालों को केवल सामान्य रूप से डिस्पोजेबल माउथपीस में सांस बाहर छोड़ने की आवश्यकता होती है, इसलिए कोई असुविधा नहीं होगी. “क्रॉस-कंटेमिनेशन की संभावना नहीं है क्योंकि डिस्पोजेबल माउथपीस में वन-वे वाल्व और एक सिल्वा ट्रेप होता है जो सांस या लार को मशीन में प्रवेश करने से रोकता है.

खबरों के अनुसार, अब सिंगापुर ब्रेथलाइडर के जरिए ट्रायल के तौर पर मलेशिया से आने वाले यात्रियों की जांच करेगा. अगर कोई भी ब्रेथ टेस्ट में पॉजिटिव पाया जाता है तो उसका पीसीआर स्वैब टेस्ट किया जाएगा. सिंगापुर मौजूदा समय में एंटीजन रैपिड टेस्ट के साथ यात्रियों की स्क्रीनिंग करता है. हालांकि यात्रियों का ब्रेथ टेस्ट के साथ-साथ एंटीजन रैपिड टेस्ट भी किया जाएगा.

दुबई में किया गया तीसरी क्लीनिकल ट्रायल

नेशनल सेंटर फॉर इंफेक्शियस डिजीज एंड चांगी एयरपोर्ट पर कोरोनावायरस के लिए ब्रेथ टेस्ट का क्लिनिकल ट्रायल जून 2020 से अप्रैल 2021 तक किया गया. बयान में बताया गया है कि दुबई स्वास्थ्य प्राधिकरण और मोहम्मद बिन राशिद यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन एंड हेल्थ साइंसेज के सहयोग से दुबई में तीसरा क्लीनिकल ट्रायल किया गया.

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