देश / सोनिया गांधी का केंद्र सरकार पर निशाना- देश विरोधी ताकतें देश में घोल रहीं नफरत का जहर

News18 : Aug 29, 2020, 04:38 PM
नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress Interim President Sonia Gandhi) ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में हैं और वह देश का मुंह बंद रखना चाहते हैं। सोनिया गांधी ने शनिवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि जनता को एक दूसरे से लड़ाकर राज करने वाली शक्तियां देश में नफरत का जहर फैला रही हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में है, लोकतंत्र नष्ट हो रहा है। वे चाहते हैं कि भारत के लोग, हमारे आदिवासी, महिलाएं, युवा अपना मुंह बंद रखें। वो देश का मुंह बंद रखना चहते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ विधानसभा भवन के शिलान्यास के मौके पर एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि संसद और विधानसभाएं हमारे लोकतंत्र का पवित्र मंदिर हैं। इन्हीं मंदिरों से हमारे संविधान की रक्षा होती है लेकिन ये याद रखना होगा कि हमारा संविधान भवनों से नहीं भावनाओं से बचेगा। इन भवनों से दूषित और गलत भावनाओं के प्रवेश को रोकना होगा तभी हमारा संविधान बचेगा। सोनिया ने कहा हमने पिछले सात दशकों में लंबी दूरी तय की है, कई चुनौतियां का सफलापूर्वक सामना किया है, लेकिन हम अभी भी अपने पूर्वजों के सपने से बहुत दूर हैं। आजादी की लड़ाई के समय हमने जो प्रण किया था उसे पूरा करने के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

देश को पटरी से उतारने की हो रही कोशिश

सोनिया ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले कई दिनों से हमारे देश को पटरी से उतारने की कोशिश की जा रही है। हमारे लोकतंत्र के सामने नई चुनौतियां खड़ी हुई हैं। आज देश दोराहे पर खड़ा है। गरीब विरोधी, देश विरोधी, जनता को एक दूसरे से लड़ाकर राज करने वाली ताकतें देश में नफरत और हिंसा का जहर घोल रही हैं। अच्छी सोच पर गलत सोच हावी होती जा रही है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में है, लोकतांत्रिक संस्थाएं ध्वस्त की जा रही हैं और लोकशाही पर तानाशाही का प्रभाव बढ़ रहा हैं।

सोनिया गांधी ने आगे कहा कि महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi), जवाहरलाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) और बीआर अंबेडकर (BR Ambedkar) सहित हमारे पूर्वजों में से किसी ने भी कल्पना नहीं की होगी कि हमारे देश को आजादी के 75 साल बाद ऐसी कठिन परिस्थिति का सामना करना पड़ेगा जब हमारा लोकतंत्र और संविधान खतरे में है।

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