Zoom News : Dec 24, 2019, 10:48 AM
जैसमलेर: पाकिस्तान से लगातार हो रहे एक नए किस्म के हमले ने पश्चिमी राजस्थान के सीमान्त क्षेत्र के लोगों की नींद उड़ा कर रख दी है। बॉर्डर पर पाकिस्तान से होने वाली किसी भी घुसपैठ को विफल करने में सक्षम बीएसएफ की चाक चौबंद सुरक्षा भी इस हमले को रोक नहीं पा रही है। सीमा पार से आ रहे टिड्डी दलों ने पूरे क्षेत्र में करोड़ों की फसल को बर्बाद कर दिया है। सीमा क्षेत्र के हजारों किसानों ने नाउम्मीदी के साए में अपने खेत खाली कर दिए है। सीमा क्षेत्र में हर तरफ टिडि्डयों का साम्राज्य नजर आ रहा है। पहले वाली टिडि्डयां अभी तक काबू में आ नहीं पाई है और नए दलों की आवक जारी है। किसानों की खड़ी फसलें पूरी तरह से चौपट हो जाने की सूचना:
जैसलमेर सीमांत जिले के किसानों के लिए इस वर्ष बर्बादी का पैगाम लेकर आए टिड्डी दलों ने जिला मुख्यालय के समीपस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के खेतों व खड़ीनों पर हमला बोल दिया। इससे किसानों की खड़ी फसलें पूरी तरह से चौपट हो जाने की सूचना मिली है। जानकारी के अनुसार रविवार दिन से सायंकाल तक शहर से चंद किलोमीटर की दूरी पर आए डेढ़ा, खाभा, खाभिया, मसूरड़ी और दामोदरा, सलखा, कनोपई आदि क्षेत्रों में टिड्डी दलों ने ट्यूबवैल कृषि फार्मों, खड़ीनों व खेतों पर गेंहू, चना और जीरा आदि की फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा दिया है। एक साथ हजारों-लाखों की संख्या में आई टिडि्डयों को देखकर किसान हतप्रभ रह गए। किसान श्यामसिंह उदावत ने बताया कि टिड्डी दलों ने मानो आकाश पर चादर बना दी और जैसे ही वे जमीन पर उतरी, फसलों की बर्बादी शुरू कर दी। टिड्डी दलों के हमले से आहत कई किसानों व खेतिहर मजदूरों के घरों में शाम को चूल्हे नहीं जले। किसानों की आंखों से आंसू बहने लगे। उन्होंने बताया कि टिड्डी दलों ने लाखों करोड़ों रुपए कीमत की फसलों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। गौरतलब है कि इससे पहले जिले के झिनझिनियाली, रामगढ़, भू, पोलजी की डेरी, आदि क्षेत्रों के खेतों में फसलों को टिड्डी दलों ने व्यापक नुकसान पहुंचाया है। कड़ाके की सर्दी में टिड्डी दलों की आवक से टिड्डी नियंत्रण विभाग का वह दावा गलत साबित हुआ जिसमें कहा गया था कि अक्टूबर के बाद टिड्डियां नजर नहीं आएंगी। टिड्डी दल पर पूर्ण रुप से नियंत्रण करने में असमर्थ:
किसान जाग्रति मंच के अध्यक्ष सवाईसिंह देवड़ा के नेतृत्व में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्रभारी मंत्री बी ड़ी कल्ला को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में बताया कि बीते कुछ महीनों से जैसलमेर जिले के बसीया व सोढाण क्षेत्र में टिड्डी दल सक्रिय है। जिससे किसानों की वर्षा ऋतु में बोई गई ग्वार, बाजरा, तिल व मूंग आदि फैसले नष्ट हो गई। ज्ञापन में बताया कि जिला प्रशासन द्वारा टिड्डी दल पर पूर्ण रुप से नियंत्रण करने में असमर्थ रहने के कारण टिड्डी दल द्वारा वर्तमान में किसानों द्वारा जीरा, इसब, सरसों की फसलों की बुआई कर्ज लेकर की गई थी। लेकिन टिड्डी दल द्वारा वर्तमान में बसिया व सोढाण क्षेत्र में बार बार किसानों के द्वारा बोई गई फैसले पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है। ज्ञापन में बताया कि इस नुकसान से किसान बैंक कर्ज व कृषि कनेक्शन के विद्युत बिल व फसल बीज की भरपाई करने में असमर्थ है। ज्ञापन में नुकसान के संबंध मं जांच का मौका मुआयना करते हुए किसानों के हित में उचित मुआवजा राशि दिलाने व विद्युत बिल माफ करने की मांग की गई है। नुकसान का सर्वे करवाया जा रहा:
दिसंबर माह में लाखों टिडि्डयों के आसमान से गुजरने के दौरान दिन में ही अंधेरा छा गया। जमीन नजर ही नहीं आ रही थी, सिर्फ टिड्डी ही नजर आ रही थी। डेढ़ माह पहले जीरा, ईइसबगोल, रायड़ा, अरंडी, सरसों सहित कई फसलों की बुवाई की तो रातों-रात टिड्डी फसलों को चट कर गई और खेत खाली कर दिए। इस मामले पर प्रभारी सचिव के के पाठक ने कहा की जहां भी टिड्डी प्रकोप की सूचना प्राप्त हुई उन स्थानों पर टिड्डी चेतावनी संगठन एवं कृषि विभाग द्वारा तत्परता से नियंत्रण कार्य किया गया। टिड्डी नियंत्रण के लिए विभागीय अधिकारी तथा कर्मचारी सतर्क रहकर कार्य कर रहे हैं। जो नुकसान हुआ है उसका सर्वे करवाया जा रहा है। प्रदेश सरकार इसे रोकने में विफल नहीं हुई:
वही सरकार के मंत्री बी डी कल्ला ने कहा की जैसलमेर सहित सीमावर्ती जिलों में टिड्डियों के हमले पर कहा कि प्रदेश सरकार इसे रोकने में विफल नहीं हुई है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद की कमी का नतीजा है, जिसके कारण समय रहते टिड्डियों के आगमन की सूचना नहीं मिली। किसानों का कितना नुकसान हुआ, समय रहते इसकी जानकारी मिलती तो टिड्डियों को बीच रास्ते से ही भगा दिया जाता। मंत्री कल्ला ने कहा कि जैसलमेर जिला कलक्टर और जनप्रतिनिधियों के साथ जैसलमेर जिले में टिड्डियों के हमले से हुए फसल खराबे को लेकर बैठक की गई। उसमें यह निर्णय लिया गया है कि टिड्डी दल के हमलों से किसानों का जो नुकसान हुआ है, उसके आंकलन के लिए गिरदावरी करवाई जाएगी और किसानों के फसल खराबे की उचित भरपाई करवाई जाएगी। पाक के बलूचिस्तान से आई टिड्डी ने भारत में तबाही मचा रखी:
पाक के बलूचिस्तान से आई टिड्डी ने भारत में तबाही मचा रखी है। बाड़मेर-जैसलमेर और गुजरात के पालनपुर, कच्छ-भुज इलाके में टिड्डी के अटैक से किसान बर्बाद हो चुके हैं। टिड्डी ने रातों-रात किसानों की रबी फसलें चट कर दी। बर्बाद हुए किसान सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार किसानों के लिए कुछ करेगी और टिड्डी से निजात मिलेगी, लेकिन इन दावे सिर्फ हवा-हवाई ही है, धरातल पर कुछ होता नजर नहीं आ रहा है। वजह साफ है कि 6 माह में टिड्डी पर नियंत्रण नहीं होने से बेकाबू हो गई, खरीफ की फसल के बाद अब रबी को भी जबरदस्त नुकसान पहुंचा रही है, लेकिन अब तक नियंत्रण के नाम चंद गाड़ियों से स्प्रे करके ही इतिश्री की जा रही है।
जैसलमेर सीमांत जिले के किसानों के लिए इस वर्ष बर्बादी का पैगाम लेकर आए टिड्डी दलों ने जिला मुख्यालय के समीपस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के खेतों व खड़ीनों पर हमला बोल दिया। इससे किसानों की खड़ी फसलें पूरी तरह से चौपट हो जाने की सूचना मिली है। जानकारी के अनुसार रविवार दिन से सायंकाल तक शहर से चंद किलोमीटर की दूरी पर आए डेढ़ा, खाभा, खाभिया, मसूरड़ी और दामोदरा, सलखा, कनोपई आदि क्षेत्रों में टिड्डी दलों ने ट्यूबवैल कृषि फार्मों, खड़ीनों व खेतों पर गेंहू, चना और जीरा आदि की फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा दिया है। एक साथ हजारों-लाखों की संख्या में आई टिडि्डयों को देखकर किसान हतप्रभ रह गए। किसान श्यामसिंह उदावत ने बताया कि टिड्डी दलों ने मानो आकाश पर चादर बना दी और जैसे ही वे जमीन पर उतरी, फसलों की बर्बादी शुरू कर दी। टिड्डी दलों के हमले से आहत कई किसानों व खेतिहर मजदूरों के घरों में शाम को चूल्हे नहीं जले। किसानों की आंखों से आंसू बहने लगे। उन्होंने बताया कि टिड्डी दलों ने लाखों करोड़ों रुपए कीमत की फसलों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। गौरतलब है कि इससे पहले जिले के झिनझिनियाली, रामगढ़, भू, पोलजी की डेरी, आदि क्षेत्रों के खेतों में फसलों को टिड्डी दलों ने व्यापक नुकसान पहुंचाया है। कड़ाके की सर्दी में टिड्डी दलों की आवक से टिड्डी नियंत्रण विभाग का वह दावा गलत साबित हुआ जिसमें कहा गया था कि अक्टूबर के बाद टिड्डियां नजर नहीं आएंगी। टिड्डी दल पर पूर्ण रुप से नियंत्रण करने में असमर्थ:
किसान जाग्रति मंच के अध्यक्ष सवाईसिंह देवड़ा के नेतृत्व में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्रभारी मंत्री बी ड़ी कल्ला को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में बताया कि बीते कुछ महीनों से जैसलमेर जिले के बसीया व सोढाण क्षेत्र में टिड्डी दल सक्रिय है। जिससे किसानों की वर्षा ऋतु में बोई गई ग्वार, बाजरा, तिल व मूंग आदि फैसले नष्ट हो गई। ज्ञापन में बताया कि जिला प्रशासन द्वारा टिड्डी दल पर पूर्ण रुप से नियंत्रण करने में असमर्थ रहने के कारण टिड्डी दल द्वारा वर्तमान में किसानों द्वारा जीरा, इसब, सरसों की फसलों की बुआई कर्ज लेकर की गई थी। लेकिन टिड्डी दल द्वारा वर्तमान में बसिया व सोढाण क्षेत्र में बार बार किसानों के द्वारा बोई गई फैसले पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है। ज्ञापन में बताया कि इस नुकसान से किसान बैंक कर्ज व कृषि कनेक्शन के विद्युत बिल व फसल बीज की भरपाई करने में असमर्थ है। ज्ञापन में नुकसान के संबंध मं जांच का मौका मुआयना करते हुए किसानों के हित में उचित मुआवजा राशि दिलाने व विद्युत बिल माफ करने की मांग की गई है। नुकसान का सर्वे करवाया जा रहा:
दिसंबर माह में लाखों टिडि्डयों के आसमान से गुजरने के दौरान दिन में ही अंधेरा छा गया। जमीन नजर ही नहीं आ रही थी, सिर्फ टिड्डी ही नजर आ रही थी। डेढ़ माह पहले जीरा, ईइसबगोल, रायड़ा, अरंडी, सरसों सहित कई फसलों की बुवाई की तो रातों-रात टिड्डी फसलों को चट कर गई और खेत खाली कर दिए। इस मामले पर प्रभारी सचिव के के पाठक ने कहा की जहां भी टिड्डी प्रकोप की सूचना प्राप्त हुई उन स्थानों पर टिड्डी चेतावनी संगठन एवं कृषि विभाग द्वारा तत्परता से नियंत्रण कार्य किया गया। टिड्डी नियंत्रण के लिए विभागीय अधिकारी तथा कर्मचारी सतर्क रहकर कार्य कर रहे हैं। जो नुकसान हुआ है उसका सर्वे करवाया जा रहा है। प्रदेश सरकार इसे रोकने में विफल नहीं हुई:
वही सरकार के मंत्री बी डी कल्ला ने कहा की जैसलमेर सहित सीमावर्ती जिलों में टिड्डियों के हमले पर कहा कि प्रदेश सरकार इसे रोकने में विफल नहीं हुई है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद की कमी का नतीजा है, जिसके कारण समय रहते टिड्डियों के आगमन की सूचना नहीं मिली। किसानों का कितना नुकसान हुआ, समय रहते इसकी जानकारी मिलती तो टिड्डियों को बीच रास्ते से ही भगा दिया जाता। मंत्री कल्ला ने कहा कि जैसलमेर जिला कलक्टर और जनप्रतिनिधियों के साथ जैसलमेर जिले में टिड्डियों के हमले से हुए फसल खराबे को लेकर बैठक की गई। उसमें यह निर्णय लिया गया है कि टिड्डी दल के हमलों से किसानों का जो नुकसान हुआ है, उसके आंकलन के लिए गिरदावरी करवाई जाएगी और किसानों के फसल खराबे की उचित भरपाई करवाई जाएगी। पाक के बलूचिस्तान से आई टिड्डी ने भारत में तबाही मचा रखी:
पाक के बलूचिस्तान से आई टिड्डी ने भारत में तबाही मचा रखी है। बाड़मेर-जैसलमेर और गुजरात के पालनपुर, कच्छ-भुज इलाके में टिड्डी के अटैक से किसान बर्बाद हो चुके हैं। टिड्डी ने रातों-रात किसानों की रबी फसलें चट कर दी। बर्बाद हुए किसान सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार किसानों के लिए कुछ करेगी और टिड्डी से निजात मिलेगी, लेकिन इन दावे सिर्फ हवा-हवाई ही है, धरातल पर कुछ होता नजर नहीं आ रहा है। वजह साफ है कि 6 माह में टिड्डी पर नियंत्रण नहीं होने से बेकाबू हो गई, खरीफ की फसल के बाद अब रबी को भी जबरदस्त नुकसान पहुंचा रही है, लेकिन अब तक नियंत्रण के नाम चंद गाड़ियों से स्प्रे करके ही इतिश्री की जा रही है।