राज्य / सभी जगह हैदराबाद जैसे हालात, रात 10 बजे, चार लड़कियां, चार खराब स्कूटी और नतीजा यह...

AMAR UJALA : Dec 05, 2019, 01:01 PM
देहरादून | हैदराबाद में बिटिया के साथ हुई दरिंदगी के बाद देहरादून का मिजाज जानने की कोशिश की। चार अंडर कवर महिला रिपोर्टरों को शहर के चार चुनिंदा स्थानों(चंद्रबनी, केदारपुरम, कैनाल रोड और बंजारावाला)पर भेजा। इन जगहों पर भी हैदराबाद जैसे ही हालात थे।

अंडर कवर रिपोर्टर 1

रात 9.30 बजे रहे थे, मैं चंद्रबनी रोड पर पहुंची। यह इलाका सुनसान था और दूर-दूर तक कोई दिखाई नहीं दे रहा था। मैंने पुलिस के 112 नंबर पर डायल किया, लेकिन नंबर नहीं मिला। इसके बाद मैं बार-बार नंबर ट्राई करती रही। 9:37 बजे 112 नंबर पर कॉल जाती है और पुलिसकर्मी कॉल रिसीव करता है। मैने कहा-‘ सर, मैं चंद्रबनी पर खड़ी हूं, मेरी स्कूटी खराब हो गई है। मैं सेफ फील नहीं कर रही हूं, प्लीज आप यहां पहुंचिए, हेल्प कीजिए..’। दूसरी ओर से पुलिसकर्मी कहता है-जल्द ही पुलिसकर्मी आपके पास मदद के लिए पहुंचेंगे और यह कहकर फोन रख देते हैं। पूरी सड़क पर सन्नाटा पसरा हुआ था और आवारा कुत्ते भी घूम रहे थे और पास में आने की कोशिश कर रहे थे। ऐसा माहौल था कि कोई भी अकेली लड़की डर से सहम जाए। 

9:40 बजे शराब में धुत दो व्यक्ति राह से गुजर रहे थे। वे मुझे देखकर रुक गए। उसमें से एक व्यक्ति बोला-बेटी क्या हुआ? तू मेरी बेटी समान है, कोई मदद चाहिए हो तो बताना। वे नशे में थे, इसीलिए मैंने उन्हें शुक्रिया बोलकर विदा कर दिया। 9:46 बजे, मुझे पुलिस का कॉल आता है। पुलिसकर्मी कहता है- मैम, आपने हेल्प मांगी थी और प्लीज अपनी लोकेशन बताइए। मैंने उनसे कहा- सर, मैं चंद्रबनी रोड पर खड़ी हूं, मेरी एक्टिवा खराब हो गई है, प्लीज हेल्प कीजिए।

रात 10 बजे मुझे दोबारा पुलिस का कॉल आता है और वो कहते हैं- मैम, किसी अन्य क्षेत्र में झगड़ा हुआ है, हम वहीं फंसे हैं। आप किसी दूसरे से मदद ले लीजिए। 10:04 बजे, पुलिस का तीसरी बार कॉल आता है, पुलिसकर्मी से मैंने फिर मदद मांगी तो उसे यह कहकर फोन रख दिया कि गलत जगह फोन मिला दिया है, सॉरी।कहीं से कोई जवाब नहीं मिला तो मैंने अपनी स्कूटी स्टार्ट की और वहां से निकल गई। रात 10:28 बजे मैं अमर उजाला कार्यालय पहुंची तब पुलिस कंट्रोल रूम से फोन आता है। महिला पुलिसकर्मी मुझसे फीडबैक मांगती है, तब मैने उन्हें बताया कि मैम मुझे कोई मदद नहीं मिली। मैं खुद ही अपने घर पहुंच चुकी हूं। इस पर महिलाकर्मी फोन रख देती हैं।

अंडरकवर रिपोर्टर नंबर-2

रात करीब 9.52 बजे मैं केदारपुरम रोड पर पहुंच और स्कूटी सड़क किनारे खड़ी कर दी। सड़क पर दूर तक सन्नाटा और अंधेरा पसरा था। दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था। मैंने स्कूटी खराब होने का नाटक किया और कुछ दूर स्कूटी को धकेलकर भी ले गई। इस दौरान कई लोग वहां से गुजरे लेकिन किसी ने मदद की पेशकश नहीं की। मैंने 9:51 बजे मदद के लिए पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर 112 पर फोन मिलाया, लेकिन नंबर नहीं लगा।

इसके बाद 10 बजकर 20 मिनट तक करीब 15 बार 112, 100 और 1090 नंबर पर फोन मिलाया, लेकिन किसी भी नंबर पर संपर्क नहीं हो पाया। इस दौरान कई कार और बाइक सवार वहां से गुजरे लेकिन किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। दो-तीन लोग पैदल भी गुजरे, लेकिन बिना कुछ कहे आगे बढ़ गए। आसपास कुछ मकान थे लेकिन वहां कोई नजर नहीं आ रहा। इस दौरान दूर-दूर तक कहीं भी पुलिस का गश्ती दल भी नजर नहीं आया। करीब आधा घंटा वहां खड़े रहने के बाद मैं अपनी टीम के साथ लौट गई।

अंडर कवर रिपोर्टर नंबर-3

रात के करीब 10 बजे हैं। मैं स्कूटी से राजपुर रोड से सटी कैनाल रोड पर पहुंची और स्कूटी एक सुनसान जगह पर खड़ी कर दी। रात के 10:06 बजे आसपास देखा तो कोई नजर नहीं आया। मैंने पुलिस के 112 नंबर पर कॉल किया। पहली बार में बेल बजती है, लेकिन संपर्क कट जाता है। एक मिनट बाद फिर मैंने 112 नंबर पर कॉल किया तो एक महिला पुलिसकर्मी ने फोन उठाया। मैंने बोला मेरी स्कूटी का पेट्रोल खत्म हो गया। मैं सुनसान जगह पर हूं, मुझे मदद चाहिए। मुझे घर तक पहुंचने में प्लीज मदद कीजिए। इस पर महिला पुलिसकर्मी ने मुझसे पूछा कि आप किस थाना क्षेत्र में हैं।

मैंने जवाब दिया कि इसकी मुझे जानकारी नहीं है। इस पर उन्होंने कहा कि जल्द ही मदद आप तक पहुंच जाएगी। 10:10 बजे मेरे मोबाइल पर मैसेज आता है कि आपकी शिकायत रजिस्ट्रर्ड कर दी गई है। 10:14 बजे मुझे एक पुलिसकर्मी ने फोन किया और बताया कि वह थाने से बोल रहा है। उन्होंने मुझे मेरी परेशानी के बारे में पूछा। जानकारी लेने के बाद उन्होंने कहा कि पुलिस जल्द पहुंच रही है। इसके बार फिर 10:15 बजे कॉल आया। वे मेरे लोकेशन को लेकर कंफ्यूज नजर आए और बार-बार जगह पूछते रहे। मैंने आसपास देख बताया कि मैं कैनाल रोड पर हूं और कुछ दूरी पर इंद्रलोक कॉलोनी का बोर्ड लगा है। उन्होंने कहा कि आप परेशान न हाें, हम पहुंच रहे हैं। तभी दो लोग मेरे सामने से गुजरते हैं।

वे थोड़ी देर खड़े रहे और दो मिनट तक मेरी तरफ देखने लगे और फिर चले गए। इसके बाद 10:28 बजे अगला कॉल आया। उन्होंने फिर मेरी लोकेशन पूछी। इस बार मैंने डर और झुंझलाने वाले अंदाज में बोला कि मैं बार-बार बता चुकी हूं कि मैं कैनाल रोड पर हूं। फिर उन्होंने वही बात दोहराई कि वे पहुंच रहे हैं। फिर 10:37 बजे कॉल आया कि वह पहुंच गए। इससे पहले ही मैं वहां से अपने टीम मैंबर्स के साथ कार्यालय के लिए निकल चुकी थी। मैंने उन्हें बताया कि मेरे परिचित आए गए हैं और मैं उनके साथ घर के लिए निकल गई हूं। 10:47 बजे मुझे फिर कॉल आया और पूछा गया कि पुलिस ने आपको सुरक्षित घर छोड़ा या नहीं।

अंडरकवर रिपोर्टर नंबर-4

रात करीब 10.21 बजे बंजारावाला रोड पर पहुंची और स्कूटी खराब होने का अभिनय किया। मैंने 100 नंबर पर फोन मिलाया लेकिन संपर्क नहीं हुआ। फिर 1090 पर फोन किया, इस बार पुलिस से बात हो गई। मैंने पुलिस से मदद मांगी। मैंने उन्हें बताया कि मेरी स्कूटी खराब हो गई और सेल्फ स्टार्ट नहीं हो रही है। मैं अकेली सड़क के किनारे खड़ी हूं। कुछ ही मिनट बाद पुलिस कंट्रोल रूम से फोन आया और उन्होंने मुझसे लोकेशन पूछी। मैंने उन्हें आसपास की जगह बताई। कुुछ देर बाद दोबारा एक पुलिसकर्मी का फोन आया और उन्होंने भी मुझसे लोकेशन पूछी।

करीब 10: 34 मिनट पर दो बाइकसवार पुलिसकर्मी मेरे पास पहुंच गए। उन्होंने मुझसे पूछा कि स्कूटी में क्या दिक्कत हो गई है। मैंने उन्हें बताया कि सेल्फ काम नहीं कर रहा है। मेरे पैर में चोट है, इसलिए मैं किक नहीं लगा पा रही हूं। इस पर पुलिसकर्मी अपनी स्कूटी से उतरे और उन्होंने किक लगाकर उसे स्टार्ट कर दिया। मैंने मदद करने के लिए उनका शुक्रिया अदा किया और पटेलनगर जाने का रास्ता पूछा। पुलिसकर्मियों ने मुझे रास्ता बताया और मेरे निकलने के बाद कुछ देर तक वहीं पर खड़े रहे। अभी मैं कारगी चौक के पास पहुंची ही थी कि मुझे कंट्रोल रूम से फिर फोन आ गया। उन्होंने मुझसे पूछा कि जो मदद मैंने मांगी थी, वो मिली या नहीं। मैंने बताया कि मुझे मदद मिल गई और अब मैं सुरक्षित अपने घर जा रही हूं।

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