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- 15-Aug-2025 08:43 PM IST
Trump-Putin Meeting: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अलास्का में होने वाली एक महत्वपूर्ण मुलाकात में टेरिटोरियल स्वैप (जमीनों की अदला-बदली) पर चर्चा करेंगे। यह समिट शुक्रवार को अलास्का के जॉइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन में होगी, जिसका उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध की दिशा तय करना और यूरोप की सुरक्षा के भविष्य को प्रभावित करना है। ट्रंप इस मुलाकात को अपनी कूटनीतिक क्षमता के प्रदर्शन के रूप में देख रहे हैं।
ट्रंप का दावा: 'यूक्रेन की तरफ से सौदा नहीं'
ट्रंप ने पहले दावा किया था कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध को जल्दी खत्म कर सकते हैं। अलास्का रवाना होने से पहले उन्होंने कहा, "इस मुद्दे पर बात होगी, लेकिन फैसला यूक्रेन को करना है। मैं यहां यूक्रेन की तरफ से सौदा करने नहीं आया। अगर मैं राष्ट्रपति न होता, तो पुतिन अब तक पूरा यूक्रेन हड़प चुके होते।" यह बयान उनकी उस रणनीति को दर्शाता है, जिसमें वह यूक्रेन को स्वतंत्र निर्णय लेने की सलाह देते हैं, लेकिन अपनी भूमिका को मध्यस्थ के रूप में देखते हैं।
जोखिम भरा दांव
पुतिन को अमेरिकी धरती पर आमंत्रित करना ट्रंप का एक जोखिम भरा कदम है। 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद पुतिन को वैश्विक मंच पर अलग-थलग कर दिया गया था। इस समिट से उन्हें फिर से अंतरराष्ट्रीय मंच पर मान्यता मिल सकती है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की को इस मुलाकात में शामिल न करना पश्चिमी देशों की उस नीति के खिलाफ है, जिसमें कहा जाता है कि "यूक्रेन के बिना यूक्रेन के बारे में कोई फैसला नहीं।" इससे यह आशंका बढ़ गई है कि ट्रंप ऐसा समझौता कर सकते हैं, जो यूक्रेन के हितों के खिलाफ हो।
ट्रंप का उत्साह और रणनीति
शुक्रवार सुबह व्हाइट हाउस के बाहर ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर लिखा, "हाई स्टेक्स!!!" इसके बाद वह एयर फोर्स वन से अलास्का के लिए रवाना हुए। फॉक्स न्यूज रेडियो को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि वह तुरंत सीजफायर की उम्मीद नहीं कर रहे, लेकिन एक व्यापक शांति समझौता चाहते हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि यह मुलाकात सफल रही, तो वह ज़ेलेंस्की को अलास्का बुलाकर त्रिपक्षीय बैठक कर सकते हैं, हालांकि रूस ने अभी इस पर सहमति नहीं दी है।
रूस की स्थिति
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा, "हम कभी पहले से प्लान नहीं करते। हमारी स्थिति स्पष्ट है।" पुतिन ने हमेशा एक स्थायी शांति समझौते की वकालत की है, जिसमें रूस की शर्तें शामिल हों, जैसे यूक्रेन का नाटो में शामिल न होना और पश्चिमी देशों द्वारा हथियारों की सप्लाई बंद करना। हालांकि, यूक्रेन और उसके सहयोगी इन शर्तों को अस्वीकार करते रहे हैं।
यूक्रेन और यूरोप की चिंताएं
ज़ेलेंस्की ने पुतिन की मंशा पर बार-बार सवाल उठाए हैं। यूरोपीय सहयोगी भी इस समिट से चिंतित हैं, क्योंकि यूक्रेन को बातचीत से बाहर रखा गया है। ट्रंप के टेरिटोरियल स्वैप के सुझाव से यूक्रेन और यूरोप में निराशा है। पूर्व अमेरिकी राजदूत इयान केली ने इसे अमेरिका के लिए नुकसानदायक बताया और कहा, "इसका फायदा सिर्फ पुतिन को होगा।"
अलास्का का महत्व
अलास्का का चयन इस समिट के लिए प्रतीकात्मक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह रूस से केवल 5 किलोमीटर दूर है और 1867 में अमेरिका ने इसे रूस से खरीदा था। जॉइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन कोल्ड वॉर के दौरान सोवियत संघ के खिलाफ महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है। प्रो-क्रेमलिन विश्लेषक सर्गेई मार्कोव के अनुसार, अलास्का का चयन यूरोप और यूक्रेन से दूरी को दर्शाता है। पूर्व CIA विश्लेषक जॉर्ज बीबी का मानना है कि इतनी जल्दी आयोजित समिट से गलतफहमियां हो सकती हैं, लेकिन ट्रंप को ठोस नतीजों की उम्मीद होगी।
