US Stock Market Crashes / 3 साल में पहली बार अमेरिकी इकोनॉमी को नुकसान, शेयर बाजार हुआ धड़ाम

साल 2025 की पहली तिमाही में अमेरिकी इकोनॉमी में 0.3% की गिरावट से वॉल स्ट्रीट में भूचाल आ गया। डॉव, एसएंडपी और नैस्डैक में भारी गिरावट दर्ज की गई। ट्रंप की टैरिफ नीति पर सवाल उठे हैं, जबकि स्टारबक्स, टेस्ला और मेटा के शेयरों में गिरावट देखी गई।

US Stock Market Crashes: साल 2025 की पहली तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में आई गिरावट ने न केवल बाजार को झकझोर कर रख दिया, बल्कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। बुधवार को वॉल स्ट्रीट के प्रमुख शेयर सूचकांकों में तेज गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह आशंका और भी प्रबल हो गई है कि अमेरिका एक संभावित मंदी की ओर बढ़ रहा है।

तिमाही आंकड़ों में गिरावट की पुष्टि

जनवरी से मार्च 2025 के बीच अमेरिका की जीडीपी में 0.3% की गिरावट दर्ज की गई, जो पिछले तीन वर्षों में पहली बार हुआ है। इसके उलट, अक्टूबर-दिसंबर 2024 की तिमाही में इकोनॉमी ने 2.4% की वृद्धि दर दिखाई थी। जानकारों का मानना है कि ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए भारी शुल्कों ने व्यापारिक वातावरण को अस्थिर कर दिया है। कंपनियों ने संभावित शुल्कों से बचने के लिए ताबड़तोड़ आयात किया, जिससे आर्थिक असंतुलन उत्पन्न हुआ।

शेयर बाजार में भूचाल

बाजार खुलने के 15 मिनट के भीतर ही डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 1.6% की गिरावट आई। एसएंडपी 500 में 2% की गिरावट के साथ यह 5,449.09 पर बंद हुआ, वहीं नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स 2.6% गिरकर 17,005.71 पर पहुंच गया। टेक और कंज्यूमर कंपनियों के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखी गई।

स्टारबक्स के शेयर 7.9% लुढ़क गए क्योंकि कंपनी का तिमाही लाभ 50% घटकर 384.2 मिलियन डॉलर रह गया। वहीं, टेस्ला के शेयरों में 6%, अमेजन के शेयरों में 4%, और मेटा के शेयरों में 3% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। दूसरी ओर, मोंडेलेज ने स्थिर राजस्व और पूरे साल के सकारात्मक पूर्वानुमान के चलते 3.3% की बढ़त हासिल की।

सोने-चांदी में भी सुस्ती

सोने-चांदी जैसी सुरक्षित मानी जाने वाली संपत्तियों में भी बुधवार को कमजोरी दिखी। इसका मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर की मजबूती और अमेरिका-चीन व्यापार विवाद में संभावित सुलह के संकेत रहे। हाजिर सोना 1.1% गिरकर 3,279.51 डॉलर प्रति औंस, जबकि अमेरिकी सोना वायदा 1.3% गिरकर 3,289 डॉलर प्रति औंस पर पहुंचा। चांदी की कीमत 2.2% की गिरावट के साथ 32.24 डॉलर प्रति औंस हो गई।

आगे क्या?

विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका में आर्थिक सुस्ती का यह रुझान अल्पकालिक नहीं है। उपभोक्ता खर्च में गिरावट और व्यापार में अनिश्चितता की वजह से बाजारों में और भी उथल-पुथल देखने को मिल सकती है। राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ पॉलिसीज को लेकर निवेशकों में असमंजस बना हुआ है, और यदि जल्द ही स्थिरता नहीं आई, तो अमेरिका को गंभीर मंदी का सामना करना पड़ सकता है।