US / अमेरिकी जनरल बोले- व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शन के दिन ट्रम्प के साथ फोटो खिंचाना गलती

Jansatta : Jun 12, 2020, 12:13 PM
US: अश्वेतों के खिलाफ किए जा रहे दुर्व्यव्हार के चलते पिछले कुछ दिनों से अमेरिका के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन जारी हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इन प्रदर्शनों के निशाने पर आ चुके हैं। हाल ही में व्हाइट हाउस के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए जुटी भीड़ के हटाए जाने के बाद राष्ट्रपति एक फोटो ऑप में नजर आए थे, जिसमें उनके साथ सेना के एक टॉप जनरल मार्क माइले मौजूद थे। अब इसे लेकर माइले ने माफी मांगी है। ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन माइले ने कहा है कि उन्हें व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शनकारियों को हटाए जाने के बाद ट्रंप के साथ फोटो में नहीं आना चाहिए था। इससे सेना के राजनीति में शामिल होने का गलत संदेश चला गया।

क्यों शुरू हुए प्रदर्शन, व्हाइट हाउस का घेराव क्यों?

दरअसल, अमेरिका में हाल ही में पुलिस की आम अश्वेत लोगों पर बर्बरता के कुछ मामले सामने आए हैं। इनमें प्रमुख मामला अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत का है। मिनेसोटा राज्य के मिनिएपोलिस शहर की पुलिस ने 25 मई को फ्लॉयड को धोखाधड़ी के आरोप में पकड़ा था। इस दौरान एक पुलिसकर्मी ने हथकड़ी पहनाने के बाद फ्लॉयड को उल्टा लिटाकर उसकी गर्दन पर अपना घुटना रख दिया। इससे फ्लॉयड की कुछ समय बाद ही मौत हो गई।

गौरतलब है कि ट्रंप लगातार कहते रहे हैं कि वे अश्वेत लोगों के साथ हैं, लेकिन किसी को भी हिंसक प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा सकती। इसे देखते हुए ट्रंप पुलिस और नेशनल गार्ड्स से प्रदर्शनों को रोकने के आदेश दिए हैं। कई जगहों पर पुलिस को प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा, जिसके बाद लोगों ने प्रेसिडेंट हाउस यानी व्हाइट हाउस का घेराव कर दिया। इसे हटाने के लिए भारी बल का प्रयोग किया गया। ट्रंप इसके बाद व्हाइट हाउस से करीब की सेंट जॉन चर्च गए, जहां उनकी फोटो ली गईं। इस दौरान जनरल माइले उनके साथ ही कॉम्बैट यूनिफॉर्म में मौजूद थे। ट्रंप के साथ उनकी भी कुछ फोटो सामने आई थीं।

माइले ने बचाव में क्या कहा?

इस फोटो के सामने आने के बाद कई सीनियर सैन्य अफसरों ने जनरल माइले की आलोचना की थी। अफसरों की ओर से कहा गया था कि इससे गैर-राजनीतिक सेना पर भी राजनीतिक विवादों में पड़ने के संकेत मिल रहे थे। हालांकि, माइले ने इसके लिए माफी मांगते हुए कहा कि नेताओं की तरह हम भी जो करते हैं उस पर सबकी नजर होती है। मैं कोई अलग नहीं हूं। मुझे ट्रंप के साथ वहां नहीं होना चाहिए था। उस समय मेरी मौजूदगी से ऐसा संदेश गया कि मिलिट्री भी घरेलू राजनीति में शामिल है। यह मेरी गलती थी और उम्मीद करता हूं कि हम सब इससे कुछ सीख सकते हैं।

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