Nsa Ajit Doval Meeting / NSA डोभाल ने चीन के साथ बैठक में क्यों कहा- ये जश्न का समय

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात कर सीमा मुद्दे पर 24वें दौर की वार्ता की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। डोभाल ने कहा कि यह वार्ता बेहद अहम है, जबकि वांग यी ने रिश्तों में स्थिरता लौटने की बात कही।

Nsa Ajit Doval Meeting: दिल्ली में मंगलवार को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच विशेष प्रतिनिधि (एसआर) स्तर की 24वीं दौर की बातचीत हुई। इस मुलाकात में दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा मुद्दे पर चर्चा की और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए। यह वार्ता ऐसे समय में हुई है जब भारत और चीन अपने कूटनीतिक संबंधों के 75 साल पूरे कर रहे हैं, और दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार के संकेत दिख रहे हैं।

डोभाल का भरोसा: वार्ता होगी सफल

एनएसए अजीत डोभाल ने इस अवसर पर कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि पिछली बैठक की तरह यह 24वीं विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता भी उतनी ही सफल होगी। हमारे प्रधानमंत्री जल्द ही एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए जा रहे हैं, और ऐसे में यह बातचीत बेहद महत्वपूर्ण है।" डोभाल ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों के 75 साल पूरे होने का जिक्र करते हुए इसे जश्न का अवसर बताया। उन्होंने कहा कि नई ऊर्जा और उत्साह के साथ दोनों देशों ने बड़ी प्रगति की है। डोभाल ने वांग यी की व्यक्तिगत कोशिशों की सराहना की और कहा कि कूटनीतिक टीमें, जिम्मेदारी की भावना और सीमा पर तैनात सेनाओं के सहयोग ने इस मुकाम को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

वांग यी: रिश्तों में रुकावटें हित में नहीं

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इस मौके पर कहा कि उन्हें दिल्ली में एक बार फिर विशेष प्रतिनिधि स्तर की सीमा वार्ता में शामिल होने की खुशी है। उन्होंने स्वीकार किया कि पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के रिश्तों में रुकावटें आईं, जो दोनों देशों के लोगों के हित में नहीं थीं। हालांकि, उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में कज़ान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात को अहम बताते हुए कहा कि इसने द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा दी और सीमा मुद्दे के समाधान के लिए गति प्रदान की।

वांग यी ने कहा, "पिछली 23वीं दौर की विशेष प्रतिनिधि वार्ता बेहद सफल रही थी। उस दौरान हमने सीमा प्रबंधन, मतभेदों को संभालने और समाधान की दिशा में आगे बढ़ने के लिए नए समझौते किए। इन लक्ष्यों और कार्य ढांचे की वजह से सीमा पर स्थिरता लौटी है।"

रिश्तों में सुधार का नया दौर

पिछले कुछ सालों में भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण रिश्तों के बाद अब संबंधों में सुधार का नया दौर शुरू हुआ है। डोभाल ने कहा, "हमने एक अपवर्ड ट्रेंड देखा है। सीमाओं पर शांति और सौहार्द कायम रहा है, और हमारे द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हुए हैं।" उन्होंने इस नए माहौल को विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति का आधार बताया।

वांग यी ने भी डोभाल की कोशिशों की सराहना करते हुए कहा कि भारत और चीन के रिश्ते अब सुधार और प्रगति के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि चीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी चीन दौरे और तिआनजिन में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन को बहुत महत्व देता है।

स्थिर रिश्तों का महत्व

वांग यी ने कहा, "इतिहास और मौजूदा हालात साबित करते हैं कि भारत और चीन के बीच अच्छे और स्थिर रिश्ते दोनों देशों के लिए लंबे समय तक फायदेमंद रहेंगे।" उनके अनुसार, यह न केवल दोनों देशों, बल्कि सभी विकासशील देशों के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में काम करने पर जोर दिया।