कॅटगरी | ड्रामा |
निर्देशक | रेमो डिसूजा |
कलाकार | नोरा फतेही,प्रभु देवा,वरुण धवन,श्रद्धा कपूर |
रेटिंग | 3/5 |
निर्माता | कृष्ण कुमार,भूषण कुमार |
संगीतकार | गुरु रंधावा,तनिष्क बागची,बादशाह,सचिन–जिगर |
प्रोडक्शन कंपनी | टी-सीरीज़ रेमो डिसूजा एंटरटेनमेंट |
जब आप किसी विषय पर फिल्म बनाते हैं और फिर उसकी सफलता के बाद उसका सीक्वल बनाते हैं या उसी सब्जेक्ट पर फिल्म बनाते हैं तो अमूमन फिल्म की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है। ऐसी कुछ गिने-चुने फिल्में होती हैं जो अपने पहले भाग से लगातार बेहतर होती चली जाती हैं। निर्देशक रेमो डिसूजा ने 'एबीसीडी' से जो यह सफर शुरू किया, वह अब 'स्ट्रीट डांसर 3 डी ' तक आ पहुंचा हैं। वहीं रेमो ने अपना मापदंड फिल्म दर फिल्म ऊंचा ही किया है।
यह कहानी है सहज (वरुण धवन) और इंदर (पुनीत) की है, जो लंदन में अपना डांस ग्रुप चलाते हैं और ग्रुप का नाम 'स्ट्रीटडांसर'। वहीं दूसरी तरफ इनायत (श्रद्धा कपूर) है जोकि पाकिस्तानी मूल की है। इन दोनों ग्रुप का टकराव अमूमन लंदन की सड़कों पर या तो डांस के दौरान या इंडिया-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के दौरान होता है। और यह अखाड़ा बनता है अन्ना (प्रभु देवा) के रस्ट्रॉ में। इस बीच सहज पंजाब एक शादी के लिए जाता है और पैसों के लिए वहां से चार लोगों को अवैध रूप से लंदन ले आता है और उसी पैसे से भाई के लिए स्टूडियो खोलता है। सहज का एक ही सपना है उसके भाई के ग्रुप स्ट्रीटडांसर को नंबर वन बनाना।
इस बीच एक इंटरनेशनल कॉम्पटीशन का अनाउंसमेंट होता है। दोनों ही ग्रुप उसकी तैयारी में जुट जाते हैं। मगर इनायत को अन्ना की वह बात पता पड़ती है और जिंदगी बदल जाती है और मकसद भी। अन्ना अपने रेस्टोरेंट का बचा हुआ खाना अवैध रूप से आए अप्रवासियों को मुफ्त में खिलाता है। उसका सपना है कि इन सभी लोगों को अपने देश वापस भेजा जाए, मगर इसके लिए चाहिए बहुत पैसा।
इनायत इस मकसद में उसका साथ दे देती है, क्योंकि अगर कॉम्पटीशन जीत जाते हैं तो यह सपना पूरा हो सकता है। इन दोनों के मकसद में क्या सहज साथ देगा? क्या यह लोग कॉम्पटीशन जीत पाएंगे? इसी ताने-बाने पर पर बुनी गई है स्ट्रीट डांसर।
आलीशान सेट्स, भव्य लोकेशन और अविश्वसनीय डांस स्टेप्स आपको मंत्रमुग्ध कर देते हैं। हालांकि डांस फिल्मों की कहानी में कोई बदलाव नहीं होता क्योंकि कॉम्पटीशन जीतना ही मकसद होता है, मगर बावजूद इसके दर्शकों को बांधे रखना निश्चित ही एक चुनौती है, जिसे रेमो पूरी सफलता के साथ निभाते हैं। अभिनय की बात करें इस फिल्म में अभिनय से ज्यादा महत्वपूर्ण है नृत्य, श्रद्धा और वरुण धवन के लिए ये बहुत बड़ा चैलेंज था।
उन्होंने अपना सबसे बेहतरीन देने की कोशिश की है, जो पर्दे पर साफ नजर आता है। उनकी बॉडी लाइन, शरीर का लचीलापन बेहतरीन डांसर की छवि को स्पष्ट रूप से दिखाता है। नोरा फतेही एक अद्भुत डांसर हैं। वह जिस दृश्य में होती हैं, फिर कुछ नजर नहीं आता। यही हाल प्रभु देवा का भी होता है वह जब डांस करते हैं तो उनके अलावा नज़र कहीं नहीं जाती।
फिल्म के सारे ही गाने कमाल के हैं और खासकर प्रभु देवा का सिग्नेचर सॉन्ग मुकाबला। कुल-मिलाकर अगर यह बात करें स्ट्रीट डांसर एक यूथ फिल्म है, जिसमें प्यार है, लड़ाई है, झगड़ा है और इससे ज्यादा जरूरी है विश्व स्तरीय डांस। साथ ही यह पैगाम कि सबसे जरूरी चीज है इंसानियत। तमाम सारे खराब हालात के बावजूद जब हिंदुस्तानी पाकिस्तानी मिलकर भूख और गरीबी से लड़ते हैं और उन लोगों को अपने घर वापस जाने के लिए प्रयास करते हैं तो आपको कतई बुरा नहीं लगता, बल्कि खुशी ही होती है।
अगर आपको 'एबीसीडी' पसंद आई थी तो आपको 'स्ट्रीट डांसर 3 डी' जरूर देखना चाहिए। उस फिल्म के मुकाबले यह फिल्म बहुत ही ऊंचे पायदान पर है।
कलाकार- वरुण धवन, श्रद्धा कपूर, प्रभु देवा, नोरा फतेही, अपारशक्ति खुराना आदि।
निर्देशक- रेमो डिसूजा
निर्माता- भूषण कुमार, दिव्या खोसला कुमार, कृष्ण कुमार
निष्कर्ष- **** (चार स्टार)