Zoom News : Sep 25, 2022, 10:15 PM
Rajasthan Politics: राजस्थान की राजनीति एक नए मोड़ पर आ गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने की तैयारी है। उनकी जगह मुख्यमंत्री के रूप में हाईकमान की पसंद सचिन पायलट हैं, लेकिन गहलोत खेमा पायलट के नाम पर नाराज हो गया है। विधायक दल की बैठक से पहले ही गहलोत गुट के करीब 70 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के घर पहुंचकर इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने दावा किया कि हमारे पास 92 विधायक हैं। हमारी एक ही मांग है कि बगावत करने वाले लोगों में से सीएम न बनाया जाए। इधर, आलाकमान ने गहलोत-पायलट को दिल्ली बुलाया है।सूत्रों के मुताबिक आलाकमान गहलोत और पायलट दोनों की समझाइश करेगा। जानकारी के मुताबिक केसी वेणुगोपाल ने दोनों को कॉल कर सोनिया गांधी और राहुल गांधी का यह मैसेज दिया है।वहीं सचिन पायलट, उनके समर्थक एमएलए और कुछ अन्य विधायक विधायक दल की बैठक के लिए सीएम हाउस पहुंच गए हैं।इसके पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश प्रभारी अजय माकन और ऑब्जर्वर मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने होटल पहुंचे। छोटी सी मीटिंग के बाद तीनों सीएम हाउस पहुंचे। लेकिन कई विधायकों के नहीं पहुंचने से बैठक रद्द हो गई।कांग्रेस में सीएम बदलने के मुद्दे पर गहलोत समर्थक विधायकों ने सामूहिक इस्तीफे की धमकी दी है। मंत्री शांति धारीवाल के घर बैठक में गहलोत गुट के विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी से मिलकर इस्तीफे सौंपने की रणनीति बनाई। गहलोत गुट के कई विधायकों ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने की सलाह दी है। इस बैठक में 70 से ज्यादा विधायक मौजूद रहे।विधायक दल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ऐसी बैठकों में एक लाइन का रिजोल्यूशन पास करते हैं कि जो हाईकमान तय करेगा, वही हमें मंजूर होगा। यह मीडिया ने फैलाया है कि मैं सीएम पद नहीं छोड़ना चाहता, मैंने तो 9 अगस्त को ही हाईकमान से कह दिया था कि जो सरकार रिपीट करवा सके, उसे ही सीएम बनाना चाहिए।इधर, मंत्री राजेंद्र गुढ़ा धारीवाल के बंगले के गेट से वापस लौट गए। उन्होंने कहा कि यहां 101 विधायक नहीं हैं।अपडेट्स- मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने शांति धारीवाल के घर हुई गहलोत समर्थक विधायकों की बैठक से दूरी बना ली। गुढ़ा धारीवाल के बंगले के गेट से वापस लौट गए। गुढ़ा ने कहा कि बहुमत के लिए 101 विधायक चाहिए, इसके बिना सरकार अल्पमत में होती ही। यहां बैठक में 101 विधायक नहीं हैं, इसलिए मैं नहीं गया। विधायक संदीप यादव, वाजिब अली और लाखन मीना धारीवाल के निवास पहुंच गए हैं। इन्हें राजेन्द्र गुढ़ा अपने कैम्प में बता रहे थे। ग्रुप 6 टूट गया है। खिलाड़ी लाल बैरवा और गिर्राज सिंह मलिंगा गुढ़ा के साथ हैं और बैठक में नहीं गए।- सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलाेत एक लाइन का प्रस्ताव पढ़ सकते हैं कि फैसला कांग्रेस आलाकमान पर छोड़ा जाता है। इसका अनुमोदन पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा कर सकते हैं।- मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि अशोक गहलोत क्लास के मॉनिटर नहीं है, जिन्हें कि यूं ही बदलकर किसी को सीएम बना दें। बीजेपी ने अगर तोड़फोड़ कर दी तो क्या होगा? सरकार बचाने में जिन 102 विधायकों ने मदद की थी, उनमें से ही सीएम बने। आलाकमान जिस नाम को तय करेगा, वह हमें मंजूर होगा। - विधायक दल की बैठक में देरी होगी, बैठक से पहले सीएम अशोक गहलोत मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से चर्चा करेंगे।- सूत्रों के मुताबिक गहलोत सरकार को समर्थन देने वाले कांग्रेस विधायक सचिन पायलट का नाम उछलने से नाराज हैं। वह चाहते हैं कि जो विधायक सियासी संकट के वक्त गहलोत सरकार के साथ रहे, उनकी बात को पूरी तवज्जो दी जाए।- धारीवाल के बंगले पहुंचे निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा- गहलोत ही सीएम रहने चाहिए। गहलोत के अलावा किसी दूसरे को सीएम बनाया तो निर्दलीय विधायक समर्थन वापस ले लेंगे। मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय बोले- अशोक गहलोत ही रहें मुख्यमंत्री। उन्हें बदला नहीं जाए।- मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने कहा- हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही रहें, संयम लोढ़ा एक सुलझे हुए व्यक्ति हैं, उन्होंने जो कहा है सोच समझकर ही कहा है। इधर, पायलट के घर भी उनके समर्थक विधायक अगली रणनीति पर बातचीत कर रहे हैं।राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। इस बीच राज्य के नए CM का नाम तय करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए प्रदेश प्रभारी अजय माकन और वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे जयपुर पहुंच गए हैं। बैठक के लिए दोनों नेताओं को ऑब्जर्वर बनाया है।इस बीच गहलोत ने आज दोपहर जैसलमेर में कहा- अगला सीएम वो नेता हो जो प्रदेश में सरकार रिपीट करा सके। सरकार के कई मंत्रियों ने भी गहलोत के समर्थन में बयान देकर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है।गहलोत ने कहा, सीएम के चयन के लिए विधायक दल की बैठक बुलाना और हाईकमान पर फैसला छोड़ने की परंपरा रही है। यही कांग्रेस की ताकत रही है। मैं कई पदों पर रह चुका हूं, अब नई पीढ़ी को चांस मिलना चाहिए। आज भी आपको उसी विश्वास की झलक देखने को मिलेगी। आपको ज्यादा इधर-उधर सोचने की जरूरत नहीं होगी।उन्होंने कहा कि यह गलत प्रचारित किया गया कि मैं राजस्थान सीएम का पद नहीं छोड़ना चाहता। मैं तो अगस्त में ही हाईकमान को कह चुका कि अगला सीएम उसे बनाइए को सरकार रिपीट करवा सके। अब जो अगला मुख्यमंत्री बनेगा उसे कहूंगा कि वो युवाओं पर ध्यान दे। मेरी कलम गरीब के लिए चली। अब मैं चाहता हूं कि नौजवानों के बीच जाऊं।बैठक को लेकर धारीवाल के बंगले पर विधायक पहुंच रहे हैं। धारीवाल के बंगले पर लग्जरी बस की भी व्यवस्था की गई है। गहलोत समर्थक विधायक इसी बस से एक साथ विधायक दल की बैठक में जा सकते हैं।विधायक दल की बैठक में निर्दलीयों को भी बुलावासीएम पर रायशुमारी के लिए शाम को बुलाई गई विधायक दल की बैठक में कांग्रेस समर्थक निर्दलीय विधायकों को भी बुलाया गया है। इन विधायकों को कांग्रेस के एसोसिएट मेंबर का दर्जा दिया हुआ है, इसलिए बैठक में बुलाया है।मंत्री गर्ग बोले- यह रायशुमारी का वक्त नहींमंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि 2 साल पहले बीजेपी के साथ मिलकर राजस्थान में गहलोत सरकार को गिराने की साजिश की गई थी, तब 102 विधायकों और सहयोगियों ने मिलकर सरकार को बचाया था। गर्ग ने कहा कि पद खाली होने के बाद रायशुमारी होती है, यह रायशुमारी का वक्त नहीं है। आलाकमान का फैसला सभी को मंजूर होगा। हालांकि आलाकमान को राजस्थान की जनता और MLA की अपेक्षाओं को ध्यान में रखना चाहिए।माकन-खड़गे विधायकों से राय लेंगे, 2018 में वेणुगोपाल आए थेअजय माकन और खड़गे का विधायक दल की बैठक में आने का मकसद नए सीएम के नाम पर विधायकों का मन टटोलना माना जा रहा है। दोनों नेता विधायक दल की बैठक में नए सीएम चेहरे के दो से तीन नामों के बारे में राय जानेंगे और फिर हाईकमान को रिपोर्ट सौंपेंगे। कांग्रेस में सीएम चयन के लिए यही प्रोसेस अपनाया जाता है। साल 2018 में विधायक दल की बैठक में सीएम पर राय लेने केसी वेणुगोपाल को भेजा गया था।विधायक दल की बैठक में माकन और खड़गे एक-एक विधायक की राय जानेंगे। हालांकि, अब तक कांग्रेस की परंपरा रही है कि नए सीएम के चयन का फैसला हाईकमान पर छोड़ा जाता है। जयपुर में भी इसी तरह की संभावना है।राष्ट्रीय अध्यक्ष के नामांकन से पहले शुरू की गई नए सीएम के चयन की मुहिम से यह साफ हो गया है कि हाईकमान ने जल्द फैसला करने की एक्सरसाइज शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान के नए सीएम का फैसला कर लिया है। अब बाकी का प्रोसेस शुरू किया जाएगा। रायशुमारी में सीएम पद के लिए संभावित नामों पर फीडबैक लिया जाएगा।