Zee News : Apr 25, 2020, 04:37 PM
रियाद: सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए कोड़े मारने की सजा को खत्म कर दिया है। न्यूज़ एजेंसी रायटर्स ने शीर्ष अदालत के दस्तावेजों के हवाले से यह जानकारी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में यह फैसला सुनाया है, जिसके बाद अपराधियों को कोड़े मारने के बजाये जेल या जुर्माना की सजा सुनाई जाएगी। अदालती दस्तावेज़ में कहा गया है कि यह निर्णय किंग सलमान और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के निर्देशन में शुरू हुए मानवाधिकार सुधारों का विस्तार है।
गौरतलब है कि सऊदी अरब में विभिन्न अपराधों के लिए कोड़े मारने की सजा दी जाती रही है। कोई स्पष्ट नियमावली न होने के चलते शरीयत या इस्लामी कानून के आधार पर न्यायाधीश अब तक अपराधियों को सजा सुनाते रहे हैं। इसमें सार्वजानिक रूप से कोड़े मारने जैसी कई अजीबोगरीब सजाएं शामिल हैं। हालांकि, अब दशकों से चली आ रही इस परंपरा पर विराम लगा है।
सऊदी अरब में न्यायाधीशों द्वारा कई अपराधों में दोषियों को कोड़े मारने जैसी सजा सुनाई गई है, जैसे उत्पीड़न या सार्वजानिक रूप से नशा करना आदि। राज्य समर्थित मानवाधिकार आयोग (HRC) के अध्यक्ष अव्वाद अलावाद (Awwad Alawwad) ने रॉयटर्स से कहा कि यह सुधार सऊदी अरब के मानवाधिकारों के एजेंडे में एक महत्वपूर्ण कदम है, और हाल ही में इस तरह के कई अन्य सुधारों को भी अमल में लाया गया है।
हालांकि, अन्य अपराधों के लिए मिलने वाले शारीरिक दंड में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। मौजूदा व्यवस्था के अनुसार, चोरी के लिए शरीर का अंग-विच्छेदन और हत्या एवं आतंकवाद से जुड़े मामलों में दोषी का सिर कलम किया जाता है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ह्यूमनराइट्स वॉच के मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका प्रभाग के उप निदेशक एडम कोलोग (Adam Coogle) ने कहा, ‘यह स्वागत योग्य बदलाव है, लेकिन काफी पहले होना चाहिए था’।
गौरतलब है कि सऊदी अरब में विभिन्न अपराधों के लिए कोड़े मारने की सजा दी जाती रही है। कोई स्पष्ट नियमावली न होने के चलते शरीयत या इस्लामी कानून के आधार पर न्यायाधीश अब तक अपराधियों को सजा सुनाते रहे हैं। इसमें सार्वजानिक रूप से कोड़े मारने जैसी कई अजीबोगरीब सजाएं शामिल हैं। हालांकि, अब दशकों से चली आ रही इस परंपरा पर विराम लगा है।
सऊदी अरब में न्यायाधीशों द्वारा कई अपराधों में दोषियों को कोड़े मारने जैसी सजा सुनाई गई है, जैसे उत्पीड़न या सार्वजानिक रूप से नशा करना आदि। राज्य समर्थित मानवाधिकार आयोग (HRC) के अध्यक्ष अव्वाद अलावाद (Awwad Alawwad) ने रॉयटर्स से कहा कि यह सुधार सऊदी अरब के मानवाधिकारों के एजेंडे में एक महत्वपूर्ण कदम है, और हाल ही में इस तरह के कई अन्य सुधारों को भी अमल में लाया गया है।
हालांकि, अन्य अपराधों के लिए मिलने वाले शारीरिक दंड में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। मौजूदा व्यवस्था के अनुसार, चोरी के लिए शरीर का अंग-विच्छेदन और हत्या एवं आतंकवाद से जुड़े मामलों में दोषी का सिर कलम किया जाता है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ह्यूमनराइट्स वॉच के मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका प्रभाग के उप निदेशक एडम कोलोग (Adam Coogle) ने कहा, ‘यह स्वागत योग्य बदलाव है, लेकिन काफी पहले होना चाहिए था’।