Pakistan / सत्ता के नशे में चूर हो गए हैं इमरान, नाकामी छिपाने को दबा रहे 'आवाज'

Zoom News : Feb 14, 2021, 01:57 PM
Pakistan: नया पाकिस्तान का नारा देकर सत्ता में आए प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश को तंगहाल बना दिया है। बेहाल हो चुके पाकिस्तान में अपने खिलाफ असंतोष की आवाज को दबाने के लिए इमरान खान अब हर हथकंडे अपना लेना चाह रहे हैं। यही वजह है कि अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए अब इमरान खान ने एनजीओ पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर शिकंजा कसते हुए आरोप लगाया कि एनजीओ को 'दुश्मनों के एजेंडा' को बढ़ावा देने के लिए विदेशी धन प्राप्त हो रहा है और ये एनजीओ राज्य के खिलाफ काम कर रहे हैं। डीडब्लयू न्यूज एजेंसी ने इस बात की जानकारी दी। 

डीडब्लू न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, एक्टिविस्ट्स और राइट्स ग्रुप्स ने दावा किया कि सिविल सोसाइटी संगठनों पर शिकंजा सरकार के खिलाफ असंतोष को शांत कराने की व्यापक योजना का हिस्सा है। पाकिस्तान में कई वर्षों से स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) दबाव में हैं, मगर प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के तहत अब दमन तेज हो गया है क्योंकि उन्होंने 2018 से अब तक 18 विदेशी गैर सरकारी संगठनों को अपने कार्यों को बंद करने और देश छोड़ने का आदेश दिया है।

पाकिस्तान में बढ़ रही चिंता के बीच कि इमरान सरकार देश में अभिव्यक्ति की आजादी का दमन कर रही है, इमरान खान ने एनजीओ की विदेशी फंडिंग के मुद्दे को पिछले महीने ही एक कैबिनेट बैठक में उठाया था। यहां बता दें कि इमरान सरकार विदेशों से इतना कर्ज ले चुकी है, जिसका दबाव भी है। चीन से लेकर सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात तक के कर्ज में पाकिस्तान डूबा हुआ है, जिससे निकलने की तरकीब अब इमरान खान के पास भी नहीं बची है। 

दक्षिण एशिया भागीदारी पाकिस्तान संगठन के कार्यकारी निदेशक मोहम्मद तहसीन ने कहा कि जिस तरह से इमरान खान की सरकार ने कई अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया और स्थानीय गैर सरकारी संगठनों के लिए समस्याएं पैदा करने के लिए कदम उठाए, हमने इससे पहले कभी भी इस तरह की स्थिति का अनुभव नहीं किया। इमरान सरकार मीडिया को भी नियंत्रित करना चाहती है।

वहीं, वॉशिंगटन स्थित वुडरो विल्सन सेंटर फॉर स्कॉलर्स के एक दक्षिण एशिया विशेषज्ञ माइकल कुगेलमैन ने इस आरोप को खारिज किया कि पुराने अंतर्राष्ट्रीय एनजीओ अनिवार्य रूप से खुफिया अभियानों के लिए एक मोर्चा हैं। यानी ये विदेशी खुफिया एजेंसियों के लिए काम करते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में एनजीओ को लेकर एक अलग ही नैरेटिव है। पाकिस्तान में विदेशी खुफिया एजेंसियां, खासकर अमेरिकी सीआईए , जिसने लंब समय तक छाप छोड़ी है। पाकिस्तान में कई लोगों का मानना है कि सेव द चिल्ड्रन सीआईए-प्रायोजित नकली टीकाकरण अभियान में शामिल था, जिसने ओसामा बिन लादेन को ट्रैक करने में मदद की थी। लादेन की मौत के बाद विदेशी गैर सरकारी संगठनों को लेकर संदेह बढ़ गया और आज भी यह मजबूत बना हुआ है। 

इसके अलावा तहसीन ने एनजीओ पर कार्रवाई को लेकर इमरान-सरकार को लताड़ लगाई और कहा सरकार के लिए नागरिकों के कल्याण के लिए काम करने की तुलना में एनजीओ को टारगेट करना आसान है। कोई सबूत नहीं है कि एनजीओ देश के खिलाफ काम कर रहे हैं। एनजीओ वास्तव में पाकिस्तान में मानव विकास, मौलिक अधिकारों और सामाजिक न्याय को बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER