Vikrant Shekhawat : Jun 18, 2021, 04:02 PM
जेनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को कहा कि 29 देशों में कोरोना का नया वेरिएंट पाया गया है। लैम्ब्डा (Lambda) नाम के इस वेरिएंट के बारे में माना जा रहा है कि यह दक्षिण अमेरिका में पहली बार पाया गया था। डब्ल्यूएचओ ने वीकली अपडेट में कहा कि पहली बार पेरू में पाया गया, लैम्ब्डा वेरिएंट दक्षिण अमेरिका में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार था।
अधिकारियों ने बताया कि पेरू में लैम्ब्डा वेरिएंट का ज्यादा असर पाया गया। पेरू में अप्रैल 2021 से लेकर अब तक 81 फीसदी कोरोना मामले इसी वेरिएंट से जुड़े हुए हैं। उधर चिली में पिछले 60 दिनों में सबमिट किए गए सिक्विेंस में से 32 प्रतिशत मामलों यह वेरिएंट पाया गया है। अर्जेंटीना और इक्वाडोर जैसे अन्य देशों में भी इस वेरिएंट के कई मामले दर्ज किए गए हैं।म्यूटेट होता है लैम्ब्डा वेरिएंटडब्ल्यूएचओ ने बताया कि लैम्ब्डा वेरिएंट म्यूटेट होता है जो संक्रमण क्षमता को बढ़ा सकता है। साथ ही संक्रमण के इस स्वरूप के सामने एंटीबॉडी भी असर नहीं करेगा। संगठन ने कहा कि लैम्ब्डा वेरिएंट को बेहतर ढंग से समझने के लिए और अधिक स्टडी की जरूरत है।बता दें वायरस के किसी भी स्वरूप को चिंताजनक तब बताया जाता है जब वैज्ञानिक मानते हैं कि वह अधिक संक्रामक है तथा गंभीर रूप से बीमार कर सकता है। चिंताजनक वेरिएंट की पहचान करने वाली जांच, उपचार और टीके भी इसके खिलाफ कम प्रभावी हो सकते है।हाालंकि WHO को इस बात का डर है कि संक्रमण का यह स्वरूप कहीं दुनिया भर में ना फैल जाए। हाल ही में डेल्टा वेरिएंट ने भी दुनिया की चिंता बढ़ा दी। ब्रिटेन ने दावा किया है कि उसके देश में 11 दिन में मामले दोगुने हो गए और इसका जिम्मेदार डेल्टा वेरिएंट को माना जा रहा है। ब्रिटेन में फरवरी के अंत के बाद से बीते 24 घंटे में कोविड-19 के सबसे अधिक 8,125 मामले सामने आए हैं और जन स्वास्थ्य इंग्लैंड (पीएचई) को पता चला है कि सबसे पहले भारत में पहचाने गए डेल्टा स्वरूप (बी1।617।2) के मामले एक सप्ताह में लगभग 30 हजार से बढ़कर 42,323 तक पहुंच गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पेरू में लैम्ब्डा वेरिएंट का ज्यादा असर पाया गया। पेरू में अप्रैल 2021 से लेकर अब तक 81 फीसदी कोरोना मामले इसी वेरिएंट से जुड़े हुए हैं। उधर चिली में पिछले 60 दिनों में सबमिट किए गए सिक्विेंस में से 32 प्रतिशत मामलों यह वेरिएंट पाया गया है। अर्जेंटीना और इक्वाडोर जैसे अन्य देशों में भी इस वेरिएंट के कई मामले दर्ज किए गए हैं।म्यूटेट होता है लैम्ब्डा वेरिएंटडब्ल्यूएचओ ने बताया कि लैम्ब्डा वेरिएंट म्यूटेट होता है जो संक्रमण क्षमता को बढ़ा सकता है। साथ ही संक्रमण के इस स्वरूप के सामने एंटीबॉडी भी असर नहीं करेगा। संगठन ने कहा कि लैम्ब्डा वेरिएंट को बेहतर ढंग से समझने के लिए और अधिक स्टडी की जरूरत है।बता दें वायरस के किसी भी स्वरूप को चिंताजनक तब बताया जाता है जब वैज्ञानिक मानते हैं कि वह अधिक संक्रामक है तथा गंभीर रूप से बीमार कर सकता है। चिंताजनक वेरिएंट की पहचान करने वाली जांच, उपचार और टीके भी इसके खिलाफ कम प्रभावी हो सकते है।हाालंकि WHO को इस बात का डर है कि संक्रमण का यह स्वरूप कहीं दुनिया भर में ना फैल जाए। हाल ही में डेल्टा वेरिएंट ने भी दुनिया की चिंता बढ़ा दी। ब्रिटेन ने दावा किया है कि उसके देश में 11 दिन में मामले दोगुने हो गए और इसका जिम्मेदार डेल्टा वेरिएंट को माना जा रहा है। ब्रिटेन में फरवरी के अंत के बाद से बीते 24 घंटे में कोविड-19 के सबसे अधिक 8,125 मामले सामने आए हैं और जन स्वास्थ्य इंग्लैंड (पीएचई) को पता चला है कि सबसे पहले भारत में पहचाने गए डेल्टा स्वरूप (बी1।617।2) के मामले एक सप्ताह में लगभग 30 हजार से बढ़कर 42,323 तक पहुंच गए हैं।