News18 : Jun 22, 2020, 08:24 AM
भुवेनश्वर। भारत में कोरोना (Corona Virus) के बढ़ते मामलों के बीच ओडिशा के युवा मैकेनिक ने सेल्फ क्वारंटीन (Self Quarantine) लोगों के लिए सौर ऊर्जा (Solar Power) से चलने वाला बेड बनाया है। इस बेड की खासियत ये है कि इसे कुछ इस अंदाज में तैयार किया गया है कि कोरोना वायरस इसके आस-पास भी नहीं फटकेगा। इसे बनाने वाले युवा मैकेनिक संतोष सवाईं का दावा है कि इस स्पेशल बेड में सौर ऊर्जा, बिजली और बैटरी का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस बेड के इस्तेमाल को मान्यता देने के लिए Central Department of Science and Technology का परीक्षण दूसरे स्टेज में चल रहा है।
ऑप्टिकल फाइबर से बना है बेडये बेड ऑप्टिकल फाइबर के इस्तेमाल से बनाया गया है। इस बेड में ऑक्सीजन के अंदर जाने और कार्बन डाई ऑक्साइड के बाहर निकलने का रास्ता बनाया गया है। हृदय की बीमारियों से जूझ रहे सेल्फ क्वारंटीन लोगों के लिए ये बेड बहुत उपयोगी साबित हो सकता है। क्वारंटीन रहने के दौरान लंबे समय तक घरों के भीतर रहने के दौरान ये बेड लोगों के शरीर तक बेहतर तरीके से ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है।खास चैंबरइस बेड में बनाए गए दो खास चैंबर न सिर्फ ऑक्सीजन के फ्लो और कार्बन डाइ ऑक्साइड को बाहर निकालने का काम करते हैं बल्कि ऑक्सीजन को अल्ट्रा वॉयलट किरणों के जरिए रिफाइन भी करते हैं।स्पेशल सैनेटाइजेशन मशीन बना चुके हैं संतोषइससे पहले संतोष एक सौर ऊर्जा से चलने वाली सैनेटाइजिंग मशीन भी बना चुके हैं। संतोष बताते हैं कि कोरोना वायरस की त्रासदी के बीच वो इस बात में लगे हुए हैं कि आखिर इससे निपटने के आसान तरीके कैसे तलाशे जाएं। संतोष कहते हैं कि इस बेड की खास बात ये है कि इसे एक जगह से दूसरी जगह भी आसानी के साथ ले जाया जा सकता है। ये सिर्फ सेल्फ क्वारंटीन लोगों के लिए ही नहीं है, इसे अस्पतालों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
कोरोना वायरस के मामले हुए हैं कमगौरतलब है कि अन्य राज्यों के मुकाबले ओडिशा में कोरोना के मामलों में स्थिरता रही है। अब तक राज्य में कोरोना के कुल 4856 मामले सामने आए हैं। इनमें 3534 स्वस्थ हो चुके हैं। 1310 एक्टिव केस हैं। राज्य में अब तक 12 लोगों ने कोरोना से जान गंवाई है।
ऑप्टिकल फाइबर से बना है बेडये बेड ऑप्टिकल फाइबर के इस्तेमाल से बनाया गया है। इस बेड में ऑक्सीजन के अंदर जाने और कार्बन डाई ऑक्साइड के बाहर निकलने का रास्ता बनाया गया है। हृदय की बीमारियों से जूझ रहे सेल्फ क्वारंटीन लोगों के लिए ये बेड बहुत उपयोगी साबित हो सकता है। क्वारंटीन रहने के दौरान लंबे समय तक घरों के भीतर रहने के दौरान ये बेड लोगों के शरीर तक बेहतर तरीके से ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है।खास चैंबरइस बेड में बनाए गए दो खास चैंबर न सिर्फ ऑक्सीजन के फ्लो और कार्बन डाइ ऑक्साइड को बाहर निकालने का काम करते हैं बल्कि ऑक्सीजन को अल्ट्रा वॉयलट किरणों के जरिए रिफाइन भी करते हैं।स्पेशल सैनेटाइजेशन मशीन बना चुके हैं संतोषइससे पहले संतोष एक सौर ऊर्जा से चलने वाली सैनेटाइजिंग मशीन भी बना चुके हैं। संतोष बताते हैं कि कोरोना वायरस की त्रासदी के बीच वो इस बात में लगे हुए हैं कि आखिर इससे निपटने के आसान तरीके कैसे तलाशे जाएं। संतोष कहते हैं कि इस बेड की खास बात ये है कि इसे एक जगह से दूसरी जगह भी आसानी के साथ ले जाया जा सकता है। ये सिर्फ सेल्फ क्वारंटीन लोगों के लिए ही नहीं है, इसे अस्पतालों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
कोरोना वायरस के मामले हुए हैं कमगौरतलब है कि अन्य राज्यों के मुकाबले ओडिशा में कोरोना के मामलों में स्थिरता रही है। अब तक राज्य में कोरोना के कुल 4856 मामले सामने आए हैं। इनमें 3534 स्वस्थ हो चुके हैं। 1310 एक्टिव केस हैं। राज्य में अब तक 12 लोगों ने कोरोना से जान गंवाई है।