भारत-चीन गतिरोध / 20 से अधिक चोटियों पर सेना की पकड़ मजबूत, आसमान की निगरानी कर रहा राफेल

News18 : Sep 21, 2020, 06:13 AM
नई दिल्ली। भारत और चीन (India and China) की सेनाओं के बीच कोर कमांडरों (Core commanders) की छठे दौर की वार्ता सोमवार को होने का कार्यक्रम है। इससे पहले भारत ने पैगोंग झील (Pagong Lake) के तनातनी के इलाके में करीब 20 से ज्यादा चोटियों पर अपने को और मजबूत कर लिया है। इस बात की जानकारी रविवार को सरकार के एक सूत्र ने दी। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वायुसेना लद्दाख (Ladakh) में आसमान में निगरानी के लिए नये शामिल हुए राफेल जेट का उपयोग कर रहा है, पिछले तीन हफ्तों में चीनी सैनिकों (Chinese Soldiers) द्वारा उत्तेजक कार्रवाई के मद्देनजर लड़ाकू तत्परता दिखाने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है। चीनी उत्तेजक कार्रवाईयों में हवाई फायर (Fire in Air) किए जाने की तीन घटनाएं भी शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से चीन की ओर मोल्दो में सुबह नौ बजे यह वार्ता शुरू होने वाली है। इस बातचीत में मुख्य रूप से पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में दोनों देशों के सैनिकों को पीछे हटाने और तनाव घटाने पर बनी पांच सूत्री सहमति के क्रियान्वयन पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल (Indian Delegation) में पहली बार विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) से एक संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी के इसमें हिस्सा होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि भारत इस वार्ता में कुछ ठोस नतीजे निकलने की उम्मीद कर रहा है। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) से अलग 10 सितंबर को मास्को में विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच हुई एक बैठक में दोनों पक्ष सीमा विवाद हल करने पर एक सहमति पर पहुंचे थे।


भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करेंगे

इन उपायों में सैनिकों को शीघ्रता से हटाना, तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाई से बचना, सीमा प्रबंधन पर सभी समझौतों एवं प्रोटोकॉल का पालन करना और एलएसी पर शांति बहाल करने के लिये कदम उठाना शामिल हैं। वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करने वाले हैं जो लेह स्थित भारतीय थल सेना की 14 वीं कोर के कमांडर हैं। जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व मेजर जनरल लियू लिन के करने की संभावना है, जो दक्षिण शिंजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर हैं।

एक सूत्र ने कहा, ‘‘वार्ता में भारत टकराव वाले स्थानों से चीनी सैनिकों को पूर्ण रूप से हटाये जाने पर जोर देगा।’’ सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष एक और दौर की वार्ता करने जा रहे हैं, वहीं भारत ने पैंगोंग झील के करीब टकराव वाले स्थानों के आसपास 20 से अधिक पर्वत चोटियों पर अपना वर्चस्व मजबूत कर लिया है।

इन लड़ाकू विमानों को शामिल करने के 10 दिन के अंदर लद्दाख में तैनाती

सूत्रों ने यह भी बताया कि भारतीय वायुसेना के बेड़े में हाल ही में शामिल किये राफेल लड़ाकू विमान लद्दाख में उड़ान भरेंगे। पिछले तीन हफ्तों में हवाई फायरिंग करने की तीन घटनाओं सहित चीनी सैनिकों के उकसावे वाली कार्रवाइयों के मद्देनजर अपनी तैयारियों को समग्र रूप से बढ़ाने के तहत ऐसा किया जाएगा।

वायुसेना में इन लड़ाकू विमानों को शामिल किये जाने के 10 दिनों से भी कम समय के अंदर लद्दाख में उनकी तैनाती की जाने वाली है। अंबाला में 10 सितंबर को एक समारोह में पांच राफेल विमानों को वायुसेना में शामिल किया गया था।


एक सूत्र ने बताया, ‘‘राफेल लड़ाकू विमान लद्दाख के आसपास उड़ान भर रहे हैं"

इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा था कि सुरक्षा परिदृश्य पर विचार करते हुए राफेल लड़ाकू विमानों को शामिल करने का इससे अधिक उचित समय नहीं हो सकता था। राफेल बेड़े को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर रखा गया है। एक सूत्र ने अधिक ब्योरा दिये बगैर बताया, ‘‘राफेल लड़ाकू विमान लद्दाख के आसपास उड़ान भर रहे हैं।’’

सूत्रों ने बताया कि सेना ने पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी तटों के आसपास के सामरिक महत्व की 20 से अधिक पर्वत चोटियों तथा चुशुल के विस्तारित सामान्य क्षेत्र में भी पिछले कुछ दिनों में अपना वर्चस्व बढ़ाया है। जबकि इलाके में हाड़ कंपा देने वाली ठंड है। वायुसेना ने सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 जैसे अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान पूर्वी लद्दाख में अहम सीमांत एयर बेस पर, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तथा अन्य स्थानों पर तैनात किये जा चुके हैं ।

सूत्रों ने बताया कि थल सेना ने सैनिकों की मौजूदा संख्या कायम रखने और पूर्वी लद्दाख तथा अत्यधिक ऊंचाई वाले अन्य संवेदनशील स्थानों पर सर्दियों के महीने में विषम परिस्थिति के लिये सारे इंतजाम कर रखे हैं, जब तापमान शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है। उन्होंने बताया कि झील के उत्तरी एवं दक्षिणी तटों पर तथा टकराव वाले अन्य स्थानों पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

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