जवानी जानेमन

Jan 31, 2020
कॅटगरी ड्रामा,रोमांस
निर्देशक नितिन कक्कर
कलाकार अलाया फर्नीचरवाला,तब्बू,सैफ अली खान
रेटिंग 3.5/5
निर्माता जैकी भगनानी,सैफ अली खान
संगीतकार केतन सोढ़ा,तनिष्क बागची
प्रोडक्शन कंपनी पूजा एंटरटेनमेंट

Jawaani Jaaneman Movie Review: सैफ अली खान (Saif Ali Khan), अलाया फर्नीचरवाला (Alaia Furniturewalla), तबु, कुबरा सैत और चंकी पांडेय की फिल्म 'जवानी जानेमन' रिलीज हो गई है। पूजा बेदी की बेटी अलाया की यह पहली फिल्म है और वह फिल्म में सैफ अली खान की बेटी का किरदार निभा रही हैं। सैफ अली खान फिल्म में आशिकमिजाज जैज के रोल में हैं जो 40 का होने वाला है, और जिंदगी को अकेले और मस्ती में जीना चाहता है। 'जवानी जानेमन (Jawaani Jaaneman)' मॉडर्न दौर की कहानी है और वन टाइम वॉच है। 

'जवानी जानेमन (Jawaani Jaaneman)' की कहानी जसविंदर सिंह उर्फ जैज यानी सैफ अली खान (Saif Ali Khan) की है। जैज लंदन में रहता है और रियल एस्टेट ब्रोकर है। जैज बिंदास लाइफ जीता है और अकेले रहते हुए भी बहुत खुश है। जैज अपने आशिकमिजाज है और अकसर पार्टी मूड में रहता है। एक दिन उसकी मुलाकात होती है टिया यानी अलाया से। जिसकी उम्र 21 साल है, और जैज उसे इम्प्रेस करने की कोशिश करता है। लेकिन जैज के उस समय होश फाख्ता हो जाते हैं जब उसे पता चलता है कि यह लड़की उनकी बेटी है और जल्द ही वह नाना भी बनने वाले हैं। रिश्तों के जंजाल से दूरे भागने वाले जैज के लिए यह जबरदस्त शॉक होता है। इस तरह बाप और बेटी के रिश्ते और रिश्तों से दूर भागने वाले शख्स की बहुत ही मॉडर्न टच वाली फिल्म है जवानी जानेमन। 

'जवानी जानेमन (Jawaani Jaaneman)' में सैफ अली खान की एक्टिंग बहुत ही कमाल की है। सैफ ने जैज के कैरेक्टर को परदे पर बहुत ही शानदार ढंग से प्ले किया है और इस किरदार में वह बहुत जमते भी हैं। सैफ ने जैज के कैरेक्टर की बारीकियों को पकड़ा है। वैसे भी सैफ अली खान इस तरह के किरदार में जमते हैं। पूजा बेदी की बेटी अलाया फर्नीचरवाला की यह पहली फिल्म है, लेकिन उन्होंने दिखा दिया है कि वह बॉलीवुड में लंबी पारी खेलने आई हैं। उन्होंने टिया के किरदार को सधे ढंग से निभाया है। तब्बू का छोटा लेकिन अच्छा किरदार है।

नितिन कक्कड़ 'जवानी जानेमन (Jawaani Jaaneman)' से पहले फिल्मिस्तान, मित्रों और नोटबुक फिल्में बना चुके हैं। इस बार उन्होंने एकदम अलग तरीके का टॉपिक चुना और उन्होंने फिल्म को काफी टाइट भी रखा है। नितिन ने कहीं भी मेलोड्रामा को फिल्म पर हावी नहीं होने दिया है। हालांकि पहला हाफ जहां एंटरटेनिंग है, सेकंड हाफ थोड़ा खींचा हुआ जरूर लगता है। जवानी दीवानी बाप बेटी के रिश्ते को नई रोशनी में पेश करती है और एक हटकर कहानी को बॉलीवुड में पेश भी करती है। कहानी में नयापन है। सैफ और अलाया की ट्यूनिंग भी फिल्म में जमी है, और फिल्म का म्यूजिक औसत है। 


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