जयपुर / रूपयों के लेनदेन विवाद में सगे जीजा ने साथी के साथ साले को जलाकर मार डाला

जयपुर। राजधानी के शिवदासपुरा थाना इलाके में डेढ़ माह पहले एक युवक के ब्लाइंड मर्डर का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने मुख्य आरोपी जीजा और उसके साथी को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ कि रुपयों के लेनदेन विवाद से तैश में आकर जीजा ने साले की हत्या की साजिश रची। उसे एकांत में ले जाकर साथी के साथ जिंदा जलाकर मार डाला।

मृतक के गलत पर्चा बयान को दरकिनार तक असली मुल्जिमों तक पहुंची शिवदासपुरा पुलिस

जयपुर।  राजधानी के शिवदासपुरा थाना इलाके में डेढ़ माह पहले एक युवक के ब्लाइंड मर्डर का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने मुख्य आरोपी जीजा और उसके साथी को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ कि रुपयों के लेनदेन विवाद से तैश में आकर जीजा ने साले की हत्या की साजिश रची। उसे एकांत में ले जाकर साथी के साथ जिंदा जलाकर मार डाला। 

मृतक ने तीन युवकों पर लगाए थे जलाने के आरोप, पड़ताल में तथ्य और बयान विपरित मिले, तब पुलिस असली गुनहगार तक पहुंची

डीसीपी (साउथ) योगेश दाधीच ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी गोपाल लाल चौधरी (22) निवासी गांव सदारामपुरा थाना चाकसू जयपुर व उसका सहयोगी टीकाराम जाट (22) निवासी गांव सदारामपुरा थाना चाकसू जयपुर है। उन्हें पांच दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है।

डीसीपी के मुताबिक गत 3 अप्रेल को शिवदासपुरा क्षेत्र के गांव तितरिया के पास ईंट भट्टे के पास सूनसान जगह पर रात 8 बजे बड़वाली ढाणी, वाटिका निवासी विकास जाट को स्कूटी सहित पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया था। गंभीर रुप से झुलसे विकास ने 11 अप्रेल को एसएमएस अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

तब पर्चा बयान के आधार पर शिवदासपुरा थाना पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया। एडिशनल डीसीपी अवनीश कुमार के निर्देशन में थानाप्रभारी इंद्राज मारोडिया ने पड़ताल शुरु हुई। जिसमें पुलिस ने मृतक विकास के पर्चा बयान के आधार पर आरोपी बताए धर्मा उर्फ धर्मराज, महेंद्र सामोता और गणेश चौधरी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।

लेकिन विकास के बयान और आरोपियों के बयान परस्पर विपरित थे, जो कि तथ्यों और घटना से मेल नहीं खा रहे थे। ऐसे में पुलिस ने तीनों युवकों को क्लीनचिट देकर छोड़ दिया। तब केस में असली गुनहगार मृतक विकास के जीजा गोपाल चौधरी व सहयोगी टीकाराम जाट का नाम सामने आया।

इस पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस केस में विकास के परिजनों ने पर्चा बयान में बताए गए तीनों युवकों की गिरफ्तारी के लिए जबर्दस्त दबाव बनाया। लेकिन पुलिस ने दबाव को दरकिनार कर पड़ताल जारी रखी। जिसमें सामने आया कि आरोपी गोपाल चौधरी अपने साले विकास द्वारा दिन-प्रतिदिन पैसे की मांग करने से खासा नाराज था।

 विकास घर वालों को भी पैसे के लिए परेशान करता था और पैसों को उल्टे सीधे काम में बर्बाद कर देता था। इसी रुपयों के लेनदेन के विवाद में आखिरकार आरोपी जीजा गोपाल ने साले विकास जाट की हत्या की साजिश रची। केस के खुलासे में थानाप्रभारी इंद्राज मारोडिया, सबइंस्पेक्टर मुकेश कुमार, हेड कांस्टेबल हेमराज, कांस्टेबल इकराम, हुकमसिंह, बन्नालाल व पूरणमल की टीम शामिल थी।