Floods / मैदान में मुसीबत, पहाड़ों पर हाहाकार, दरकने लगे चट्टान, बह गए मकान

AajTak : Jul 30, 2020, 10:00 AM
Assam: मॉनसून के आने के बाद से उत्तर भारत सहमा हुआ है। बिहार, असम जैसे राज्यों में भीषण तबाही हुई है। लाखों की जिंदगी प्रभावित हो चुकी है। अभी उन राज्यों से राहत वाली कोई खबर भी नहीं आई कि पहाड़ों पर भी मुसीबत के पहाड़ टूटने लगे हैं। उत्तराखंड में मौसम विभाग ने 3 दिन भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। देहरादून में बुधवार को कुछ घंटों की बारिश के दौरान ही शहर में कई जगहों पर पानी भर गया। सड़कें जल मग्न हो गईं और गाड़ियां पानी में डूब गईं। देहरादून में कई जगह भूस्खलन की वजह से सड़कें बंद हो गई हैं।

उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी संगम पर बनी शिव प्रतिमा बाढ़ के पानी में पूरी तरह से डूब गई है। नदी के तल से 20 मीटर की ऊंचाई पर बनी भगवान शिव की ये प्रतिमा करीब 15 फीट ऊंची है। संगम स्थल पर नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है और विकराल रूप लेती जा रही है।

पहाड़ों में हाहाकारी लहरों ने लोगों के अंदर भय पैदा कर दिया है। बुधवार को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में पहाड़ दरकते दिखे और मलबा नीचे की ओर तबाही मचाता हुआ आ गिरा। मूसलाधार बारिश के बाद यहां मोरी गांव इलाके में कई रास्ते ध्वस्त हो गए। पुल तबाह हो गए। हालात ये हो गए कि SDRF को अस्थायी पुल बनाकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा। मदद के लिए आई टीम ने गांव के 75 लोगों का रेस्क्यू किया।


रिहायशी इलाके में घुसा मलबा

पिथौरागढ़ के बंगापानी तहसील में भी डरावनी तस्वीर दिखी। यहां की गोरी नदी की बेकाबू लहरों ने 20 से ज्यादा मकानों को तबाह कर दिया। हादसे में एक महिला की मौत हो गई। कई लोग घायल हो गए। त्रासदी के बाद रेस्क्यू टीम रस्सी के सहारे लोगों को बचाया।

सिर्फ पिथौरागढ़ ही नहीं, उत्तराखंड के गुप्तकाशी में भी उफनती नदी का रौद्र रूप दिखा। भारी बारिश के बाद केदारनाथ मार्ग पर एक बाइक सवार की जान जोखिम में आ गई। लेकिन गनीमत रही कि स्थानीय लोगों ने उसकी जान बचा ली। काफी मशक्कत के बाद बाइक को भी लहरों से निकाल लिया गया।

उत्तराखंड के चमोली में बद्रीनाथ हाईवे एक बार फिर बंद हो गया है। पिपलकोटी गांव के पास भूस्खलन हुआ और पहाड़ का मलबा रोड पर आ गिरा। हालांकि इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ लेकिन हाईवे से गुजर रही गाड़ियां सड़क पर पड़े मलबे की वजह से फंस गई हैं।


बागेश्वर में बहा पुल, रेड अलर्ट जारी

बागेश्वर में मूसलाधार बारिश के बाद कपकोट इलाके का पुल भी बह गया। एक कार इस बहाव का शिकार हो गई। इसमें तीन लोग सवार थे। लेकिन किसी तरह कूदकर सभी ने जान बचाई। दरअसल इस इलाके में 300 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई है और अभी 3 दिनों का रेड अलर्ट भी है।

पहाड़ों पर बेबसी की एक तस्वीर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में भी दिखी। वहां एक बुजुर्ग मांजी नदी में अचानक आए बाढ़ के बीच फंस गया। जिस वक्त ये फ्लैश फ्लड आया उस वक्त बुजुर्ग नदी में ही मौजूद था। उसे खतरे का एहसास भी नहीं था। लेकिन एक झटके में वो मुसीबत में घिर गया। गनीमत रही कि रेस्क्यू टीम ने उसे बचा लिया।


सरकरी दफ्तर में मछलियां

हिमाचल प्रदेश के ऊना में तो सरकारी दफ्तरों और रिहायशी इलाकों में मूसलाधार बारिश का पानी घुस गया। एसपी ऑफिस में भरे पानी को पुलिस वाले निकालते नजर आए। खाद्य आपूर्ति विभाग का कार्यालय भी जलमग्न हो गया। मछलियां तैरती दिखीं। शहर के ज्यादातर हिस्सों में ऐसा ही हाल दिखा।

मध्य प्रदेश के कुछ शहरों में भारी बारिश कहर बरपा रही है। रायसेन में एक डायवर्जन पुल उफनती बेगम नदी में समा गया। आसपास के तमाम इलाकों में भी पानी भर गया। भोपाल को जाने वाला स्टेट हाइवे भी इसकी वजह से ठप हो गया। इसके बाद सिलवानी के तमाम निचले इलाकों में पानी भर गया। सिलवानी-भोपाल मार्ग बंद हो गया और निचले इलाकों के घर जलमग्न हो गए। बारिश और बाढ से डायवर्जन पूल टूटने से फिलहाल रायसेन भोपाल स्टेट हाइवे नंबर 44 बंद है।

 

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