देश / चीन से सुधरेंगे भारत के संबंध? जल्द ही PM मोदी और पुतिन की शी जिनपिंग के साथ बैठक संभव

Zoom News : Dec 17, 2021, 07:36 AM
New Delhi : भारत, रूस और चीन के बीच जल्द त्रिपक्षीय शिखर वार्ता हो सकती है। रूस ने हाल में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वर्चुअल बैठक के दौरान रूस-भारत-चीन शिखर सम्मेलन आयोजित करने पर चर्चा की थी। रूस का दावा है कि चीन ने इस पर औपचारिक सहमति प्रकट की है। हालांकि भारत की तरफ से अभी न तो इसकी पुष्टि की गई और न ही खारिज किया गया है। इसलिए माना जा रहा है कि निकट भविष्य में त्रिपक्षीय बैठक संभव है जिसमें तीनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष रहते हैं।

रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की हालिया दिल्ली यात्रा और उसके बाद चीनी राष्ट्रपति से हुई वर्चुअल शिखर वार्ता के आलोक में इस ताजा घटनाक्रम को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। तास एजेंसी ने रूस के राष्ट्रपति के प्रवक्ता के हवाले से कहा है कि राष्ट्रपति पुतिन ने शी जिनपिंग से अपनी दिल्ली यात्रा का जिक्र किया और इस बात पर जोर दिया कि जल्द त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन होना चाहिए। इस फॉर्मेट में पिछली वार्ता जापान के ओसाका में जी-20 बैठक के दौरान जून 2019 में हुई थी जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति जिनपिंग मौजूद थे।

उसके बाद यह वार्ता नहीं हो पाई थी जिसकी वजह कोरोना, भारत-चीन के बीच उत्पन्न तनाव आदि भी हो सकते हैं। हालांकि इस साल विगत 26 नवंबर को तीनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच वर्चुअल तरीके से बैठक हुई थी। इस बारे में सवाल पूछने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि मीडिया में सूचनाएं आई हैं लेकिन इस मुद्दे पर अभी उनके पास देने के लिए कोई जानकारी नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि आरआईसी (रूस-भारत-चीन) फॉर्मेट में विदेश मंत्रियों के बीच वार्ता हुई है।

संबंधों में सुधार की उम्मीद जगेगी

पूर्वी लद्दाख में पिछले साल भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया था। शीर्ष सैन्य कमांडरों की कई दौर की वार्ता के बाद भी एलएसी पर कई बिन्दुओं पर अभी भी तनाव बना हुआ है साथ ही वार्ता में गतिरोध भी बना हुआ है। इसलिए संभावित त्रिपक्षीय वार्ता को इस नजरिये से भी इसे देखा जा रहा है कि भले ही इसमें द्विपक्षीय मुद्दों के उठाये जाने की संभावना नहीं हो, फिर भी यह संबंधों के सुधार की दिशा में कारगर हो सकती है।

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